म्हारी छोरियां छोरों से कम हैं के: भारत की इस बेटी ने खेल डाली रिकॉर्डतोड़ पारी
अहम सेमीफाइनल मुकाबले में इस खिलाड़ी ने दिग्गज ऑस्ट्रेलियाई टीम के खिलाफ एतिहासिक शतक जड़ दिया।
शिवम् अवस्थी, नई दिल्ली, [स्पेशल डेस्क]। म्हारी छोरियां छोरों से कम हैं के?....फिल्म 'दंगल' का ये डायलॉग फिर से याद आ रहा है। महिला विश्व कप शुरू होने से पांच दिन पहले जागरण.कॉम की अपनी स्पेशल खबर (ऑस्ट्रेलिया तक है इनका दबदबा) में हमने आपको बताया था कि भारतीय महिला क्रिकेट टीम की धुरंधर बल्लेबाज हरमनप्रीत कौर अहम मैचों में दिग्गज टीमों के लिए मुसीबत बन सकती हैं। गुरुवार को यही हो भी गया। अहम सेमीफाइनल मुकाबले में इस खिलाड़ी ने दिग्गज ऑस्ट्रेलियाई टीम के खिलाफ एतिहासिक शतक जड़ दिया। इसी खिलाड़ी की पारी के दम पर भारतीय टीम ने ऑस्ट्रेलिया को 36 रन से हराया और दूसरी बार विश्व कप फाइनल में एंट्री हासिल की। अब खिताबी मुकाबले में भारत की टक्कर मेजबान इंग्लैंड से होगी। आइए जानते हैं इस पारी और इस लाजवाब खिलाड़ी के बारे में पूरी जानकारी।
- गजब खिलाड़ी, लाजवाब शतक
भारतीय बल्लेबाज हरमनप्रीत कौर ने विश्व नंबर.1 ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ महिला विश्व कप सेमीफाइनल में यादगार पारी को अंजाम दिया है। पहले बल्लेबाजी करने उतरी भारतीय महिला टीम ने इस मैच में 35 रन के स्कोर पर अपने दो विकेट गंवा दिए थे लेकिन हरमनप्रीत ने इसके बाद ऐसी बल्लेबाजी की, कि भारत का स्कोर चार विकेट पर 281 रन तक जा पहुंचा। हरमनप्रीत ने 115 गेंदों पर नाबाद 171 रनों की धुआंधार पारी खेली जिसमें 20 चौके और 7 छक्के शामिल रहे। इस दौरान हरमनप्रीत का स्ट्राइक रेट 148.69 रहा।
- पांचवीं सबसे बड़ी पारियां
ये महिला वनडे क्रिकेट में अब तक की पांचवीं सबसे बड़ी पारी है। जबकि भारतीय महिला वनडे इतिहास की दूसरी सबसे बड़ी पारी है। ये हैं महिला वनडे क्रिकेट की 5 सबसे बड़ी पारियां..
1. बेलिंडा क्लार्क (ऑस्ट्रेलिया)- नाबाद 229 रन (1997)
2. दीप्ति शर्मा (भारत)- 188 रन (2017)
3. चमारी अटापट्टू (श्रीलंका)- नाबाद 178 (2017)
4. चार्लोट एडवर्ड्स (इंग्लैंड)- नाबाद 173 (1997)
5. हरमनप्रीत कौर (भारत)- नाबाद 171 (2017)
- वीरू की फैन है ये धुरंधर
जैसा हमने पहले भी आपको बताया था कि 28 वर्षीय हरमनप्रीत कौर भुल्लर पूर्व धुआंधार भारतीय ओपनर वीरेंद्र सहवाग की फैन हैं और उन्हीं की तरह खेलना चाहती हैं। इस विश्व कप से पहले तक वो 69 वनडे मैचों की 58 पारियों में 1666 रन बना चुकी थीं और इस दौरान उनकी सर्वश्रेष्ठ पारी नाबाद 107 रनों की रही थी। इतने ही वनडे मैचों में वो 14 विकेट भी लेने में सफल रही थीं। वहीं 68 अंतरराष्ट्रीय टी20 मैचों की 60 पारियों में वो 1223 रन बना चुकी हैं व 15 विकेट भी ले चुकी हैं। उन्हें दो टेस्ट मैचों का भी अनुभव है जिसमें उनके नाम 9 विकेट दर्ज हैं।
- अपने धुआंधार अंदाज से बनाई थी पहचान
हरमनप्रीत को पहली बार 2010 में मुंबई में इंग्लैंड के खिलाफ खेलते हुए पहचान मिली थी। उस मैच में हरमनप्रीत ने 29 गेंदों पर 33 रनों की पारी खेली थी तब से वो सबकी नजरों में चढ़ चुकी थीं। इसके बाद दो ऐसे मौके आए जब मिताली राज और झूलन गोस्वामी की गैरमौजूदगी में उन्हें भारतीय महिला टीम का कप्तान भी बनाया गया। नवंबर 2015 में हरमनप्रीत मैसूर में दक्षिण अफ्रीकी महिला टीम के खिलाफ एक ही टेस्ट मैच में 9 विकेट लेकर सबका दिल जीत लिया। अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाने में हरमनप्रीत यहीं पीछे नहीं हटीं। पिछले साल जनवरी में उन्हीं के दम पर भारतीय महिला टीम ने ऑस्ट्रेलिया को उन्हीं के घर में वनडे सीरीज में मात दी। इस दौरान उन्होंने पहले मैच में 31 गेंदों पर 46 रनों की धुआंधार पारी खेली और फिर सिडनी में खेले गए अंतिम वनडे में 17 गेंदों पर 24 रन बना डाले। इस दौरान ऑस्ट्रेलिया के मैदानों पर उनके लंबे-लंबे शॉट्स और करारे स्ट्रोक्स ने सबको प्रभावित किया। इस सीरीज में उन्होंने चार विकेट भी झटके थे।
- वो छक्का आज भी याद है..
ऑस्ट्रेलिया में आयोजित होने वाली बिग बैश लीग (महिला संस्करण) ने 2010 में हरमनप्रीत को जब बुलावा भेजा तो ये एतिहासिक लम्हा था। ये पहली बार था जब किसी भारतीय क्रिकेटर को इस टूर्नामेंट में शामिल किया गया था। उन्हें सिडनी थंडर टीम ने अपनी टीम में जगह दी। हरमन के नाम से मशहूर इस खिलाड़ी ने पहले ही मैच में मेलबर्न स्टार्स टीम के खिलाफ 28 गेंदों पर 47 रनों की धुआंधार पारी खेल डाली। इसी मैच के दौरान उन्होंने कवर्स पर एक ऐसा बेहतरीन छक्का जड़ा कि सब दंग रह गए। यहां तक कि कमेंट्री कर रहे ऑस्ट्रेलिया के पूर्व दिग्गज एडम गिलक्रिस्ट ने भी इस शॉट को विश्व स्तरीय करार दिया। अगले ही मैच में उनकी टीम को जीत के लिए 12 गेंदों पर 13 रन चाहिए थे और हरमनप्रीत ने एक चौके व दो छक्कों के दम पर 19वें ओवर में ही मैच खत्म कर दिया।
- विश्व कप से पहले ही भविष्यवाणी
महिला क्रिकेट के मशहूर एक्सपर्ट व महिला क्रिकेट पर किताबें लिख चुके लेखक सुनील कालरा ने जागरण.कॉम से बात करते हुए विश्व कप से पहले ही आसार जताए थे और हमने इसका जिक्र भी किया था, उन्होंने कहा था, 'मैं 2009 में पहली बार उनसे मिला था तब भी उनके अंदर स्पार्क नजर आ रहा था। हरमनप्रीत को जब लॉन्च किया गया था तब वो एक ऑलराउंडर की भूमिका में ही थीं। जब वो खेलने उतरीं तो लोगों के साथ खुद हरमनप्रीत को भी अहसास हुआ कि उनके शॉट्स स्टैंड्स तक जाते हैं। हरमनप्रीत के कोच बचपन से ही सीमेंट पिच पर अभ्यास कराते थे। वो हैंडल उस हिसाब से पकड़ती हैं जैसे सहवाग पकड़ते थे, समय-समय पर पकड़ने का अंदाज बदलता जाता है। इनका बैकलिफ्ट गली और थर्ड स्लिप की दिशा से आता नजर आता है और वीरू का अंदाज भी कुछ ऐसा ही था जो साबित करता है कि उनके शॉट कितने घातक होते होंगे। हरमनप्रीत लेग साइड की रानी हैं और ये विश्व कप में हम भी देख सकेंगे।' वहीं, सेमीफाइनल से एक दिन पहले उन्होंने कहा था, 'अहम मैच में भारत के लिए ट्रंप कार्ड साबित होंगी हरमनप्रीत क्योंकि वो ऐसा पहली भी करती आई हैं।' अब विश्व कप के अहम सेमीफाइनल में उनका दम देखने को मिल गया है।
- इस विश्व कप में अब तक
इस महिला विश्व कप में हरमनप्रीत का बल्ला शुरुआती चरण में कुछ ज्यादा नहीं गरजा लेकिन क्वार्टर फाइनल मैच में न्यूजीलैंड महिला टीम के खिलाफ उन्होंने 60 रनों की पारी खेलकर अपना दम दिखा दिया था। अब लगातार दूसरी पारी में उन्होंने दम दिखाया है।
पहला मैच- इंग्लैंड के खिलाफ- 24 रन
दूसरा मैच- वेस्टइंडीज के खिलाफ- बल्लेबाजी नहीं की लेकिन दो विकेट लिए
तीसरा मैच- पाकिस्तान के खिलाफ- 10 रन बनाए और 1 विकेट लिया
चौथा मैच- श्रीलंका के खिलाफ- 20 रन
पांचवां मैच- दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ- बल्लेबाजी नहीं की लेकिन दो विकेट लिए
छठा मैच- ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ- 23 रन
सातवां मैच- न्यूजीलैंड के खिलाफ (क्वार्टर फाइनल)- 60 रन
आठवां मैच- ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ (सेमीफाइनल)- नाबाद 171 रन
यह भी पढ़ेंः भारत-ऑस्ट्रेलिया सेमीफाइनल मैच की पूरी रिपोर्ट के लिए यहां क्लिक करें