भारत-द. अफ्रीका टेस्ट: एक बार फिर सबकी नजरें पिच पर
एक बार फिर से सबकी निगाहें पिच पर जाकर ठहर गईं हैं। सबके मन में यही सवाल है कि क्या राजधानी के फिरोजशाह कोटला स्टेडियम में गुरुवार से भारत और दक्षिण अफ्रीका के बीच शुरू होने वाला चार मैचों की सीरीज का आखिरी टेस्ट मोहाली और नागपुर की तरह तीन
नई दिल्ली, अभिषेक त्रिपाठी। एक बार फिर से सबकी निगाहें पिच पर जाकर ठहर गईं हैं। सबके मन में यही सवाल है कि क्या राजधानी के फिरोजशाह कोटला स्टेडियम में गुरुवार से भारत और दक्षिण अफ्रीका के बीच शुरू होने वाला चार मैचों की सीरीज का आखिरी टेस्ट मोहाली और नागपुर की तरह तीन दिन में खत्म होगा? क्या फिर से भारतीय टीम यहां एक तेज गेंदबाज और तीन स्पिनर के साथ उतरेगी?
भले ही स्पिन ट्रैक बनाने के लिए भारत की आलोचना हो रही हो और टीम इंडिया 2-0 से सीरीज में आगे हो, लेकिन कोटला में भी मोहाली और नागपुर जैसी पिच ही देखने को मिल सकती है। कोटला के पिच क्यूरेटर अंकित दत्ता ने कहा कि बीसीसीआइ के मुख्य पिच क्यूरेटर दलजीत चौधरी तीन दिन पहले ही यहां आ गए हैं और अब सब कुछ उनके नेतृत्व में ही हो रहा है। ये वही दलजीत हैं, जिन्होंने मोहाली की पिच तैयार की थी। दिल्ली एवं जिला क्रिकेट संघ (डीडीसीए) की ग्राउंड्स कमेटी के प्रमुख और पूर्व क्रिकेटर चेतन चौहान भले ही कह रहे हैं कि यहां बढि़या टेस्ट पिच देखने को मिलेगी, लेकिन होगा वही जो विराट एंड कंपनी चाहेगी।
सब कुछ टीम के रुख पर होगा तय :
ये मैच जिस पिच पर हो रहा है उस पर दिल्ली रणजी टीम ने अपने दोनों शुरुआती घरेलू मैच जीते थे। इन दोनों मैचों में तेज गेंदबाज इशांत शर्मा हीरो रहे थे, लेकिन आखिरी टेस्ट में ऐसा होने की संभावना कम ही है। इशांत नागपुर टेस्ट में खेलने वाली भारतीय टीम में शामिल इकलौते तेज गेंदबाज थे। अभी भले ही पिच सख्त नजर आ रही हो और उसमें नई घास दिख रही हो, लेकिन मंगलवार को टीम इंडिया के अभ्यास के लिए स्टेडियम पहुंचने के बाद जैसे ही निर्देश मिलेंगे उसमें बदलाव कर दिया जाएगा। खास बात यह है कि 27 दिसंबर, 2009 को भारत और श्रीलंका के बीच यहां हुए मैच को खराब उछाल के कारण 23 गेंद बाद ही रद कर दिया गया था। इसके बाद दिल्ली पर एक साल का प्रतिबंध भी लगा था। मार्च, 2013 में यहां भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच हुआ टेस्ट मैच भी तीन दिन में खत्म हुआ था जिसमें तीन स्पिनरों अश्विन, प्रज्ञान ओझा और रवींद्र जडेजा ने मिलकर 17 विकेट लिए थे।
घरेलू मैदान पर कप्तान विराट का पहला टेस्ट :
भारतीय टीम प्रबंधन और अपने घरेलू मैदान में पहली बार टेस्ट कप्तान के तौर पर उतार रहे विराट कोहली इस सीरीज को किसी भी कीमत पर 3-0 से जीतना चाहते हैं। वह पहले भी यह कह चुके हैं कि कौन क्या कहता है, कौन क्या लिखता है और कौन क्या सोचता है, इसकी जगह हमारा ध्यान मेहमान टीम को हराने पर है। जब हम दक्षिण अफ्रीका, ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड जाते हैं तो हमें पहली गेंद से सीम और स्विंग खेलने को मिलती है। अभी तक सीरीज में सबसे ज्यादा 24 विकेट ले चुके रविचंद्रन अश्विन, बल्लेबाजी कोच संजय बांगर भी स्पिन पिच को लेकर अपनी योजना का बचाव कर चुके हैं। अभी तक हुए तीन मैचों में भारतीय स्पिनरों का बोलबाला रहा है और अश्विन, जडेजा व अमित मिश्रा ने ही अधिकतर विकेट लिए हैं।
डरे अफ्रीकी बचाना चाहते हैं लाज :
स्पिन से बुरी तरह डरी मेहमान टीम ने आखिरी टेस्ट में अपनी लाज बचाने और सीरीज में एक और हार से बचने के लिए नागपुर की उसी पिच पर अभ्यास किया जहां वे भारत के खिलाफ अपने न्यूनतम स्कोर पर आउट हुए थे। टीम के सभी बल्लेबाजों ने नागपुर में ही रुककर स्पिन ट्रैक पर टर्न से निपटने का अभ्यास किया है। मेहमानों पर स्पिन का भूत इस कदर सवार है कि वो सीधी गेंद को भी स्पिन की तरह खेलने के चक्कर में आउट हो रहे हैं।