म्यूचुअल फंड से तगड़ा मुनाफा कमाने का क्या है फार्मूला? क्या आपके पोर्टफोलियो में हैं ये खूबियां
आपका पोर्टफोलियो जितना सरल होगा आप उसे उतनी ही अच्छी तरह मैनेज कर पाएंगे बेहतर तरीके से समझ सकेंगे और आपके लिए अच्छे रिटर्न हासिल करना भी उतना ही आसान होगा। म्यूचुअल फंड इक्विटी में निवेश का एक आसान और सुरक्षित तरीका है।
नई दिल्ली, धीरेंद्र कुमार। क्या एक म्यूचुअल फंड निवेशक का काम एक ही फंड में निवेश से चल सकता है? और अगर हां, तो ये फंड किस तरह का होना चाहिए? यह एक सैद्धांतिक समस्या है, क्योंकि इस बात की संभावना कहीं ज्यादा है कि एक भारतीय म्यूचुअल फंड निवेशक का कई फंड्स में निवेश हो।
फंड निवेशकों के लिए ये कोई बड़ी बात नहीं है, मगर एक ही फंड में निवेश चाहने वाले गिने-चुने ही होंगे। हालांकि, एक ही फंड में निवेश का विचार निवेश के मकसद को पूरा कर देता है। पर ये दिखाने के लिए कि इकलौता फंड पूरे पोर्टफोलियो के तौर पर कितना कारगर है, और ये समझाने के लिए कि बहुत सारे फंड्स में निवेश करने के बजाए एक-दो फंड में निवेश करना बेहतर है, इसकी स्पष्ट वजह बतानी होगी?
एक निवेशक के पास कितने फंड
आप ये जानकर चौंक जाएंगे कि ज्यादातर भारतीय म्यूचुअल फंड निवेशकों के पास 10 से ज्यादा फंड्स हैं। आंकड़ों के आधार पर ये बात सामने आई है। हालांकि, 20 से 30 फंड होना भी कोई बड़ी बात नहीं और 50 से ज्यादा फंड होना सामान्य तो नहीं है, लेकिन ये दुर्लभ भी नहीं है। ज्यादातर लोग जिनके पास 10 या इससे कम फंड हैं, वो नए निवेशक हैं। इसमें कोई शक नहीं कि समय के साथ इनके फंड्स भी बढ़ते जाएंगे। अब सवाल है कि लोग बहुत सारे फंड में निवेश क्यों करते हैं?
निवेश पर कम से कम असर
इसकी एक वजह विविधता बताई जाती है। लेकिन इसकी असल वजह है फंड बेचने वालों का दबाव। हर कोई जानता है या जानना चाहिए कि विविधता कुछ निवेश के खराब प्रदर्शन के खिलाफ सुरक्षा पाने का उपाय है। आप अपनी रकम का एक छोटा हिस्सा किसी खास कंपनी या सेक्टर में इसलिए निवेश करते हैं ताकि मार्केट के कमजोर प्रदर्शन का आपके निवेश पर कम से कम असर हो। हालांकि, अगर पूरा मार्केट ही गिरावट की जद में आ जाए तो विविधता कोई खास मदद नहीं करती।
क्या ज्यादा फंड होना अच्छी बात है
निवेशकों को विविधता का सही मतलब पता नहीं होता। उनको लगता है कि ज्यादा फंड होना अच्छी बात है। यहां सवाल ये नहीं कि बहुत सारे फंड में निवेश से कोई फायदा है या नहीं। पर, असल में होता ये है कि निवेश पोर्टफोलियो में बहुत सारे फंड होने पर निवेश को ट्रैक करना और उसका आकलन करना मुश्किल हो जाता है। अब बुनियादी सवाल पर आते हैं कि एक ही फंड में निवेश करने से क्या होगा? अब यहां ये सवाल भी आएगा कि वो एक फंड कौन सा हो? तो लंबे समय के निवेश के लिए इक्विटी निवेश सबसे प्रभावी माना जाता है।
टैक्स सेविंग फंड कितना आकर्षक
फंड टाइप के तौर पर टैक्स-सेविंग फंड और उसके बाद हाइब्रिड फंड में निवेश किया जाना चाहिए। लंबे समय के निवेश के लिए टैक्स-से¨वग फंड पर इसलिए जोर दिया जाता है क्योंकि इनके नियम के तहत इनमें कम-से-कम तीन साल का लाक-इन पीरियड होता है। ये लाक-इन की अवधि अच्छा रिटर्न पाने में मदद करती है। ये अक्सर आने वाले उतार-चढ़ाव के वक्त घबराहट से भी बचाती है, जो आमतौर पर किसी दूसरे इक्विटी फंड में नए निवेशकों के लिए तनाव का कारण बन जाता है। म्यूचुअल फंड की आदर्श संख्या तीन या चार है। आपके लिए इससे ज्यादा फंड का मतलब होगा समय और मेहनत की बर्बादी।