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Health Insurance: हर व्‍यक्ति अपनी हेल्‍थ पॉलिसी को पोर्ट कर रहा है, क्‍या आपको भी ऐसा करना चाहिये?

Health Insurance हम सभी के पास हेल्थ इंश्योरेंस होना बहुत जरूरी है। कोई भी व्यक्ति अपने हेल्थ इंश्योरेंस को एक कंपनी से दूसरी कंपनी में पोर्ट करवा सकता है। आज के समय में कई लोग हेल्‍थ पॉलिसी को पोर्ट करवा रहे हैं। दरअसल कभी किसी कंपनी की सर्विस पसंद ना आने पर ग्राहक यह कदम उठाते हैं। आइए जानते हैं कि क्या आपको भी हेल्थ इंश्योरेंस को पोर्ट करना चाहिए।

By Priyanka KumariEdited By: Priyanka KumariPublished: Tue, 08 Aug 2023 06:23 PM (IST)Updated: Tue, 08 Aug 2023 06:23 PM (IST)
हर व्‍यक्ति अपनी हेल्‍थ पॉलिसी को पोर्ट कर रहा है

 नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। आप जब भी किसी उत्पाद या सेवा में निवेश करते हैं, तब सुनिश्चित करते हैं कि वह लंबी अवधि में अधिकतम लाभ प्रदान करे। लंबी अवधि के लिये लाभ को अधिकतम बनाने में शामिल है तात्कालिक फायदे से आगे की सोचना; मतलब ऐसा मूल्य चुना, जो टिका रहे और भविष्य में भी लाभ देता रहे। यह दृष्टिकोण न सिर्फ हमारे आम वित्तीय निवेशों पर, बल्कि स्वास्थ्य बीमा पर भी लागू होता है।

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आज की दुनिया में जब इलाज का खर्च बढ़ता जा रहा है, स्‍वास्‍थ्‍य बीमा में निवेश करना एक जरूरत है। इसके अलावा, कोविड-19 के प्रकोप ने स्‍वास्‍थ्‍य बीमा के महत्व पर जागरूकता पैदा की है और पर्याप्त सुरक्षा, बेहतर खूबियों तथा सेवाओं की जरूरत समझाई है। इस समझ के चलते कई लोग अपनी पॉलिसी को पोर्ट भी कर रहे हैं।

स्‍वास्‍थ्‍य बीमा एक चिकित्सीय आपातकाल में पॉलिसीधारक के लिये तात्कालिक आर्थिक सहयोग का आश्वासन देता है। हालांकि पॉलिसी की खूबियों में कमी, मूल्य और बीमाकर्ता की सेवाएं अक्सर पॉलिसीधारक को मुश्किल हालात में डाल देते हैं। ऐसे में हेल्‍थ इंश्‍योरेंस पोर्टेबिलिटी बचाव का काम करती है। इंश्योरेंस रेगुलेटरी एंड डेवलपमेंट अथॉरिटी ऑफ इंडिया (आईआरडीएआई) ने 2011 में ऐसे लोगों के लिये हेल्‍थ इंश्‍योरेंस पोर्टेबिलिटी पेश की थी, जो अपने बीमाकर्ता द्वारा प्रदत्त सेवा या सुरक्षा से संतुष्ट नहीं थे।  

हेल्‍थ इंश्‍योरेंस पोर्टेबिलिटी के साथ आप पॉलिसी के मौजूदा लाभों से वंचित हुए बिना आसानी से पॉलिसी को एक बीमाकर्ता से दूसरे को शिफ्ट कर सकते हैं। बाजार में उपलब्‍ध स्‍वास्‍थ्‍य बीमा के कई विकल्‍पों को देखते हुए, सर्वश्रेष्ठ पॉलिसी को चुनना एक कठिन काम हो सकता है।

आपको नये बीमाकर्ता के साथ तभी पोर्ट करना चाहिये, जब नई पॉलिसी आकर्षक लाभ दे और स्वास्थ्य की उन जरूरतों को पूरा कर सके, जिन्हें मौजूद पॉलिसी पूरा नहीं कर सकती है। नई पॉलिसी की बीमित राशि में मौजूद पॉलिसी का बोनस जोड़ देने से नई पॉलिसी का महत्व बढ़ सकता है। इस लेख में स्‍वास्‍थ्‍य बीमा की पोर्टिंग के सबसे महत्वपूर्ण पहलुओं का गहराई से पता लगाया गया है।

हेल्‍थ इंश्‍योरेंस को कैसे पोर्ट करें?

हेल्‍थ इंश्‍योरेंस को पोर्ट करते समय आपको सुनिश्चित करना चाहिये कि आपके प्लान में इन्डेम्निटी (क्षतिपूर्ति) कवर हो, जिसमें एक पक्ष दूसरे के व्यय हुए नुकसान के लिये मुआवजा दे। इसके अलावा, आपको मौजूदा पॉलिसी की समाप्ति के कम से कम 45 दिन पहले पॉलिसी पोर्टिंग के बारे में मौजूदा बीमा कंपनी को बताना चाहिये। ज्यादातर बीमा पॉलिसी नवीकरण के समय पॉलिसीधारकों को अपनी हेल्‍थ इंश्‍योरेंस पॉलिसी पोर्ट करने की अनुमति देते हैं।

अगर आपकी मौजूदा हेल्‍थ इंश्‍योरेंस पॉलिसी की आवश्यक प्रतीक्षा अवधि पूरी हो चुकी है, तो आप पॉलिसी को पोर्ट कर सकते हैं। कुछ बीमा प्रदाता पॉलिसीधारकों को हेल्‍थ इंश्‍योरेंस पॉलिसी पोर्ट करने की अनुमति देते हैं, अगर उन्होंने एक विशेष अवधि के दौरान कोई दावा न किया हो। पॉलिसी को पोर्ट करने के लिये आपके चयनित बीमा प्रदाता द्वारा समान प्रकार की सुरक्षा दी जानी चाहिये।

इंश्‍योरेंस पॉलिसी को पोर्ट करने के चरण

  • आईआरडीए पोर्टेबिलिटी फॉर्म भरें, यह आपकी पॉलिसी के नवीकरण से पहले किया जा सकता है।
  • नये बीमाकर्ता से संपर्क करें, जिससे आप जुड़ना चाहते हैं। फिर आप विभिन्न प्रकार के हेल्‍थ प्‍लान्‍स को साझा करेंगे।
  • एक प्‍लान चुनें और जरूरी दस्‍तावेज प्रस्‍तुत करें। फिर वे मेडिकल रिकॉर्ड के लिये आपके पिछले बीमाकर्ता से संपर्क करेंगे।
  • आपके द्वारा इंश्‍योरेंस पोर्टेबिलिटी फॉर्म समेत सभी जरूरी दस्‍तावेज प्रस्‍तुत करने के बाद आपके नये बीमाकर्ता को 15 दिनों के भीतर प्रस्ताव स्वीकार करना होगा।
  • प्रस्ताव स्वीकार होने के बाद आपको नई पॉलिसी के प्रीमियम का भुगतान करना होगा।

क्‍या आपको अपना हेल्‍थ इंश्‍योरेन्‍स पोर्ट करना चाहिये?

हेल्थ इंश्योरेंस को पोर्ट करने के कई फायदे और नुकसान होते हैं। सकारात्मक तरीके से, हेल्‍थ इंश्‍योरेंस को पोर्ट करने का एक बड़ा फायदा है प्रतिस्पर्द्धी दामों पर ज्यादा सुरक्षा जोड़कर और बेहतर खूबियाँ लेकर अपने प्लान को अपग्रेड करने की योग्‍यता। यह विकल्प कस्टमाइजेशन की अनुमति देता है और सुनिश्चित करता है कि आपका हेल्‍थ इंश्‍योरेंस प्‍लान आपकी ही आवश्यकताओं के अनुरूप हो। इसके अलावा, पोर्टिंग की प्रक्रिया में आपके मौजूदा प्लान के सभी फायदे वैसे ही बने रहेंगे।

हालांकि, यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि पोर्टेबिलिटी के विकल्प आमतौर पर नवीनीकरण की तारीख आने के साथ उपलब्ध होते हैं और आपके पास बदलाव के लिये सीमित समय होता है। इसके अलावा, अतिरिक्त फायदों वाला एक नया प्लान चुनते समय यह देखना महत्वपूर्ण है कि यह फायदे प्रीमियम को बढ़ा सकते हैं। फिर, अगर आप ग्रुप प्‍लान्‍स से इंडिविजुअल प्‍लान्‍स में जा रहे हैं, तो मौजूदा प्लान में आप जिन फायदों का लाभ उठा रहे हैं, वो खो सकते हैं।

निष्कर्ष

हेल्‍थ इंश्‍योरेंस पोर्टेबिलिटी को लेकर कई तर्क हैं, लेकिन पोर्टेबिलिटी की जरूरत को सावधानी से समझना महत्वपूर्ण होता है। आपको बीमा कंपनियों के बीच अंतर वाले हामीदारी के नियम, योजना के बहिष्करण, नियम और शर्तें देखनी चाहिये। नई पोर्ट हुई बीमा योजना से जुड़े नये नियमों और शर्तों को समझना भी जरूरी है। सूचित फैसले लेकर और संभावित फायदों तथा कमियों को समझकर आप स्‍वास्‍थ्‍य बीमा से मिल सकने वाली अधिकतम सुरक्षा सुनिश्चित कर सकते हैं और सर्वश्रेष्‍ठ संभव खूबियां तथा सेवाएं प्राप्त कर सकते हैं।  

(लेखक: श्री आशीष लाथ इंश्‍योरेन्‍सदेखो के बिजनेस हेड हैं)

 


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