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RBI के एक्शन का कोटक महिंद्रा बैंक पर क्या होगा असर, उबरने में लगेगा कितना वक्त?

बैंकिंग रेगुलेटर रिजर्व बैंक ने पिछले दिनों कोटक महिंद्रा बैंक को बड़ा झटका दिया। उसने प्राइवेट सेक्टर के इस बड़े बैंक को नए क्रेडिट कार्ड जारी करने और ऑनलाइन माध्यम से नए ग्राहक जोड़ने पर रोक लगा दी। इससे बैंक की क्रेडिट ग्रोथ और मुनाफे पर काफी बुरा असर पड़ने का अनुमान है। आइए जानते हैं कि बैंक को इस झटके से उबरने में कितना वक्त लग सकता है।

By Jagran News Edited By: Suneel Kumar Published: Fri, 26 Apr 2024 04:47 PM (IST)Updated: Fri, 26 Apr 2024 04:47 PM (IST)
अभी तक कोटक महिंद्रा बैंक की रेटिंग नहीं घटाई गई है।

बिजनेस डेस्क, नई दिल्ली। रिजर्व बैंक (RBI) ने बुधवार को देश के सबसे बड़े प्राइवेट बैंकों में से एक कोटक महिंद्रा बैंक (Kotak Mahindra Bank) के खिलाफ सख्त एक्शन लिया। बैंकिंग रेगुलेटर ने कोटक को नए क्रेडिट कार्ड जारी करने के साथ ही ऑनलाइन माध्यम से नए ग्राहक जोड़ने से भी रोक दिया।

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अमेरिका की प्रतिष्ठित क्रेडिट रेटिंग एजेंसी- S&P ग्लोबल रेटिंग्स का कहना है कि कोटक महिंद्रा बैंक पर आरबीआई के रेगुलेटरी एक्शन का व्यापक असर होगा। इससे बैंक की क्रेडिट ग्रोथ के साथ मुनाफा भी घट सकता है। कोटक के लिए क्रेडिट कार्ड सेगमेंट कमाई का बड़ा जरिया है। अमेरिकी एजेंसी का कहना है कि इसमें 31 दिसंबर 2023 तक सालाना आधार पर 52 प्रतिशत की ग्रोथ हुई। वहीं, टोटल लोन सिर्फ 19 प्रतिशत की दर से बढ़ा।

अब क्या करेगा कोटक महिंद्रा बैंक

S&P ग्लोबल रेटिंग्स का कहना है कि रिजर्व बैंक के एक्शन के बाद कोटक महिंद्रा बैंक के पास ज्यादा रास्ते नहीं बचे हैं। उसे अपनी फिजिकल ब्रांच नेटवर्क को बढ़ाने पर ज्यादा फोकस करना होगा, ताकि नुकसान की भरपाई की जा सके। लेकिन, इसमें मसला यह है कि फिजिकल ब्रांच को ऑपरेट करने की लागत काफी अधिक होती है।

हालांकि, हालिया घटनाक्रम के चलते कोटक महिंद्रा बैंक की रेटिंग पर कोई नकारात्मक असर नहीं पड़ा है। S&P ने इसे 'स्टेबल' पर बरकरार रखी है। रेटिंग एजेंसी का कहना है कि बैंक के टोटल लोन में क्रेडिट कार्ड की हिस्सेदारी महज 4 फीसदी है। यह अभी भी अपने दूसरे प्रोडक्ट्स को मौजूदा ग्राहकों को बेचकर अच्छी कमाई कर सकता है।

कब तक उबर पाएगा कोटक?

S&P का मानना है कि कोटक महिंद्रा बैंक को RBI की मुख्य शिकायतें दूर करने में करीब एक साल का वक्त लग सकता है। इसमें सिस्टम स्टेबिलिटी, पैच मैनेजमेंट और डिजास्टर रिकवरी शामिल हैं। RBI इससे पहले भी कई अन्य फाइनेंशियल इंस्टीट्यूशन पर इसी तरह का एक्शन ले चुका है।

RBI ने साल 2020 में HDFC बैंक पर नए क्रेडिट कार्ड कस्टमर जोड़ने पर अस्थायी रोक लगाई थी। बैंक को आरबीआई की शर्तें पूरी करने और प्रतिबंध हटवाने में एक साल लग गए थे।

(पीटीआई से इनपुट के साथ)

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