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Income tax के नोटिस से डरें नहीं उसे समझें, आपको होगी आसानी

आयकर विभाग आपको कई तरह के नोटिस भेजता है सेकिन इनसे घबराने की जरूरत नहीं है

By Praveen DwivediEdited By: Published: Wed, 19 Jul 2017 05:24 PM (IST)Updated: Sat, 22 Jul 2017 04:26 PM (IST)
Income tax के नोटिस से डरें नहीं उसे समझें, आपको होगी आसानी
Income tax के नोटिस से डरें नहीं उसे समझें, आपको होगी आसानी

नई दिल्ली (प्रवीण द्विवेदी)। आईडीएस और नोटबंदी के बाद से ही लोग आयकर विभाग की ओर से भेजे जाने वाले नोटिस को लेकर पहले से ज्यादा सर्तक हो गए हैं। आमतौर पर लोग नोटिस का नाम सुनकर ही डर जाते हैं, लेकिन हम ऐसे लोगों को सलाह देते हैं कि उन्हें विभाग की ओर से भेजे जाने वाले किसी भी नोटिस से डरने की जरुरत नहीं है। अगर आप विभाग की नोटिस से डरने के बजाए उसे समझने की कोशिश करेंगे तो इसमें आपका ही फायदा होगा। हमने इस बारे में हमने इस बारे में ई-मुंशी (emunshe. Com) के टैक्स एक्सपर्ट और चार्टेड अकाउंटेंट अंकित गुप्ता से बात की है, जानिए किस तरह के नोटिस का क्या मतलब होता है...

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सेक्शन 143 (1): आयकर की इस धारा के अंर्तगत भेजे गए नोटिस का मतलब Intimation Notice होता है। यह नोटिस बताता है कि आपकी ओर फाइल किए गए रिटर्न में क्या गलतियां हैं। इसलिए बेहतर रहेगा कि आप अपने ऊपर बनने वाली कुल टैक्स देनदारी का भुगतान कर दें। ऐसा करने से ये नोटिस अपने आप खारिज हो जाएगा।

सेक्शन 143 (2): इस नोटिस के तहत आयकर विभाग आपसे पूरे साल के दौरान टैक्स से जुड़ी कुछ जानकारियां मांगता है। इस स्थिति में यह बेहतर रहेगा कि आप अपने सीए से संपर्क करें,क्योंकि इस नोटिस का जवाब देने के लिए आपके सीए को ही Appear होना पड़ता है, आप व्यक्तिगत तौर पर इस नोटिस का जवाब देने के लिए प्रत्तुत नहीं हो सकते हैं।

सेक्शन 144: इस प्रकार का नोटिस उस सूरत में आएगा जब आपने रिटर्न फाइल न किया हो या फिर आपने डिपार्टमेंट की ओर से मांगी गई किसी भी जानकारी का जवाब न दिया हो। डिपार्टमेंट की ओर से मांगी गई किसी भी जानकारी का जवाब न दें। इस नोटिस के तहत इनकम टैक्स ऑफिस के पास यह अधिकार होता है कि वो आपको बता दें कि आप पर कितनी टैक्स देनदारी है। अगर विभाग ऐसा करता है तो आप पेनल्टी और इंटरेस्ट के साथ टैक्स का भुगतान करना पड़ेगा।

सेक्शन 133 (4)/ 142: इस तरह के नोटिस के जरिए टैक्स डिपार्टमेंट आपसे जानकारी मांग सकता है जिसमें आपकी आपके बैंक में आई और बैंक से निकाली गई राशि के संबंध में जानकारी मांगी जाएगी। साथ ही वह शेयर के पर्चेज और डील की जानकारी भी पूछ सकता है। बेहतर होगा कि अपने सीए से सलाह लिए बगैर जवाब न दें क्योंकि एक बार भेजा गया जवाब दोबारा बदला नहीं जा सकेगा।


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