नोटबंदी का असर लोन डिमांड और डिपॉजिट ग्रोथ पर पड़ा: मूडीज
नोटबंदी के फैसले का बड़ा असर क्रेडिट डिमांड और डिपॉजिट ग्रोथ पर पड़ा है।
नई दिल्ली: केंद्र सरकार की ओर से बीते साल लिए गए नोटबंदी के फैसले का बड़ा असर ऋण मांग (क्रेडिट डिमांड) और जमा वृद्धि (डिपॉजिट ग्रोथ) पर पड़ा है। हालांकि संपत्ति गुणवत्ता पर इस फैसले का मिला-जुला असर रहा है। यह बात मूडीज इनवेस्टर्स सर्विस की ओर से गुरुवार को जारी की गई एक रिपोर्ट में कही गई है।
मूडीज की इस रिपोर्ट के मुताबिक 500 और 1,000 रुपये के पुराने नोटों पर पाबंदी से अक्टूबर-दिसंबर तिमाही के दौरान आर्थिक गतिविधियों में नरमी आई जिस वजह से कंपनियों और खुदरा कर्जदारों के बीच कर्ज मांग पर असर पड़ा। हालांकि, इस दौरान बैंक जमा में उल्लेखनीय वृद्धि दर्ज की गई।
क्या कहा मूडीज ने:
मूडीज ने कहा, “नोटबंदी का ऋण मांग और जमा वृद्धि पर उल्लेखनीय प्रभाव पड़ा। खुदरा भुगतान प्रणाली को लाभ हुआ जबकि जनवरी 2017 में बैंकों की तरफ से गतिविधियों में तेजी की जो बात कही गई है, वह अभी भी नोटबंदी के पूर्व स्तर से नीचे है। ऋण वृद्धि में नरमी का एक कारण प्रतिबंधित नोटों का उपयोग बैंकों की ऋण वापसी में करना भी रहा। बैंकों की जमा में दिसंबर तिमाही में सालाना आधार पर 13 प्रतिशत वृद्धि हुई, जबकि इससे पूर्व तिमाही में इसमें छह प्रतिशत की वृद्धि हुई थी। लेकिन नकदी की उपलब्धता और निकासी सीमा बढ़ने से इसमें सुधार होगा।”