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रिलायंस कम्युनिकेशंस और एयरसेल की विलय योजना वापस लेने को एनसीएलटी ने दी मंजूरी

रिलायंस कम्युनिकेशंस पर फिलहाल करीब 46 हजार करोड़ रुपये का कर्ज है

By Praveen DwivediEdited By: Published: Sat, 14 Oct 2017 09:33 PM (IST)Updated: Sat, 14 Oct 2017 09:33 PM (IST)
रिलायंस कम्युनिकेशंस और एयरसेल की विलय योजना वापस लेने को एनसीएलटी ने दी मंजूरी
रिलायंस कम्युनिकेशंस और एयरसेल की विलय योजना वापस लेने को एनसीएलटी ने दी मंजूरी

नई दिल्ली (जेएनएन)। राष्ट्रीय कंपनी कानून न्यायाधिकरण (एनसीएलटी) ने रिलायंस कम्युनिकेशंस और एयरसेल के विलय सौदे के प्रस्ताव को वापस लेने को स्वीकृति दे दी है। गौरतलब है कि अगर आर-कॉम और एयरसेल के बीच विलय सौदा पूरा होता तो रिलायंस कम्युनिकेशंस का कर्ज घटकर करीब 20 हजार करोड़ रुपये तथा एयरसेल का कर्ज करीब चार हजार करोड़ रुपये रह जाता।

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आर-कॉम ने बीएसई फाइलिंग में बताया, “नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल की मुंबई बेंच (एनसीएलटी) ने 13 अक्टूबर 2017 को एक आदेश पारित किया है। इस आदेश में रिलायंस टेलीकॉम लिमिटेड, एयरसेल लिमिटेड, डिशनेट वायरलेस लिमिटेड, डेक्कन डिजिटल नेटवर्क्स प्राइवेट लिमिटेड, साउथ एशिया कम्यूनिकेशंस प्राइवेट लिमिटेड तथा उनके शेयरधारकों एवं कर्जदाताओं के बीच कंपनी के वायरलेस कारोबार तथा रिलायंस टेलीकॉम लिमिटेड का एयरसेल के साथ विलय की व्यवस्था योजना को वापस लेने की स्वीकृति दी गई है।”

फाइलिंग के मुताबिक इस आदेश के अंतर्गत रिलायंस इंफ्राटेल के टावर कारोबार के टावरकॉम इंफ्रास्ट्रक्चर के साथ विलय प्रस्ताव को वापस लेने की भी मंजूरी दे दी गई है। वर्तमान समय में रिलायंस कम्युनिकेशंस पर करीब 46 हजार करोड़ रुपये का कर्ज है।

आपको बता दें कि आर-कॉम ने कानूनी तथा नियामकीय देरी के चलते एयरसेल के साथ विलय की संभावना को समाप्त कर दिया था। कंपनी का कहना है कि अनलिमिटेड फ्री वॉयस कॉलिंग तथा अव्यावहारिक मूल्यांकन ने पारंपरिक 2जी और 3जी कारोबार में मुनाफे को लगभग खत्म सा कर दिया है।


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