EPFO कम कर सकता है प्रोविडेंट फंड का योगदान, बढ़ जाएगी टेक-होम सैलरी
ईपीएफओ अच्छी टेक होम सैलरी के लिए प्रोविडेंट फंड योगदान को घटा सकता है।
नई दिल्ली (पीटीआई)। रिटायरमेंट फंड बॉडी कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) शनिवार को एक प्रस्ताव को मंजूरी दे सकता है जिसके अंतर्गत पीएफ में अनिवार्य योगदान 12 फीसद से घटाकर 10 फीसद किया जा सकता है। वर्तमान समय में, कर्मचारी और नियोक्ता दोनों एंप्लॉयी प्रॉविडेंट फंड स्कीम (ईपीएफ), एंप्लॉयी पेंशन स्कीम (ईपीएस) और एंप्लॉयी डिपॉजिट लिंक्ड इंश्योरेंस स्कीम (ईडीएलआई) के प्रति मूल आय का 12-12 फीसद हिस्सा (राशि) जमा करते हैं।
नई योजना में नियोक्ता और कर्मचारी के योगदान को कम कर बेसिक-पे और महंगाई भत्ता समेत कुल बेसिक सैलरी का 10-10 फीसद करने का प्रस्ताव है। यह मुद्दा पुणे में 27 मई, 2017 को निर्धारित कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) की बैठक के एजेंडे में शामिल है। यह जानकारी एक सूत्र के हवाले से सामने आई है। सूत्र के मुताबिक श्रम मंत्रालय को कई ऐसे प्रस्ताव मिले हैं, जिसमें कहा गया है कि कर्मचारियों के हाथ में अधिक पैसा आए और नियोक्ताओं पर बोझ कम हो, इसके लिए कदम उठाने चाहिए।
अर्थव्यवस्था को रफ्तार और कर्मचारियों को फायदा
अनिवार्य योगदान में कटौती से कर्मचारियों को चार फीसद तक का फायदा होगा। वर्तमान में नियोक्ता और कर्मचारी बेसिक सैलरी का 24 फीसद अनिवार्य योगदान करते हैं। अगर प्रस्ताव को मंजूरी मिलती है तो यह घटकर अब 20 फीसद रह जाएगा। इससे कर्मचारी को हाथ में मिलने वाले वेतन में इजाफा होगा और वह ज्यादा खर्च कर पाएगा। इससे देश की अर्थव्यवस्था को भी रफ्तार मिलेगी।
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