हॉलमार्क ज्वैलरी की बिक्री के लिए जरूरी होगा रजिस्ट्रेशन, बीआईएस ने दिया सुझाव
जल्द ही हॉलमार्किंग ज्वैलरी की बिक्री करने वाले ज्वैलर्स के लिए पंजिकरण कराना जरूरी हो सकता है
नई दिल्ली। भारतीय मानक ब्यूरो (बीआईएस) ने हॉलमार्क वाले गहने की अनिवार्य बिक्री के लिहाज से एक कदम और आगे बढ़ा दिया है। करीब दो हफ्ते पहले इसने कुछ मसौदा नियम जारी किए थे जिसके अंतर्गत बीआईएस ने जौहरी के लिए अनिवार्य पंजीकरण को प्रस्तावित किया था। यह जानकारी बिजनेस स्टैंडर्ड में प्रकाशित एक खबर के जरिए सामाने आई है।
सूत्रों के मुताबिक यह तय किया गया है कि बीआईएस के अतर्गत ज्वैलर्स की ओर से रजिस्ट्रेशन कराए जाने के बाद अगला कदम यह होगा कि सिर्फ हॉलमॉर्क ज्वैलरी की बिक्री को ही अनिवार्य कर दिया जाएगा। हालांकि, यह कदम ऑनलाइन आभूषण बिक्री के व्यवसाय की कमर तोड़ देगा। क्योंकि बीआईएस रजिस्ट्रेशन सिर्फ उन्हें ही दिया जाएगा जहां पर सोना फिजिकल फॉर्म में रखा जाता है, जैसे कि सुनार की दुकान।
इंडस्ट्री के प्रतिनिधियों ने बताया कि विभिन्न व्यापार और उद्योग संगठनों ने इस पर प्रतिनिधित्व किया है, जिनमें हॉलमार्किंग केंद्रों के भारतीय संघ भी शामिल हैं। इसमें उन्हें भरोसा दिलाया गया है कि हॉलमार्क ज्वैलरी की ऑनलाइन बिक्री के लिए कोई रास्ता निकाला जाएगा। वर्तमान समय में सिर्फ 25,000 जौहरियों के पास ही गहने बेचने के लिए बीआईएस की ओर से दिया गया लाइसेंस है। अगर ड्राफ्ट बीआईएस हॉलमार्किंग विनियमों को प्रस्तावित रूप में लागू किया जाता है तो 300,000 से अधिक आभूषण खुदरा विक्रेताओं/ दुकानों को व्यक्तिगत रूप से बीआईएस के साथ पंजीकरण करवाना होगा और इसके लिए सालाना फीस अदा करनी होगी।
यह भी पढ़ें: सही कीमत पर प्योर गोल्ड खरीदने चाहते हैं तो इन दो बातों का रखिए ख्याल