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बीआइएफएल ने की इंडसइंड बैंक में विलय की घोषणा

बीएफआइएल के इस विलय से इंडसइंड बैंक को 68 लाख नये ग्राहक मिलेंगे

By Praveen DwivediEdited By: Published: Sun, 15 Oct 2017 02:14 PM (IST)Updated: Sun, 15 Oct 2017 02:14 PM (IST)
बीआइएफएल ने की इंडसइंड बैंक में विलय की घोषणा
बीआइएफएल ने की इंडसइंड बैंक में विलय की घोषणा

नई दिल्ली (पीटीआई)। कई महीनों की अटकलों के बाद इंडसइंड बैंक और देश के दूसरी सबसे बड़ी माइक्रो फाइनेंस कंपनी भारत फाइनेंशियल इंक्लूजन लिमिटेड (बीएफआइएल) ने विलय की घोषणा की है। माइक्रो फाइनेंस इंडस्ट्री के इस सबसे बड़े विलय के लिए सभी शेयरों का अधिग्रहण होगा। इंडसइंड बैंक बीएफआइएल का अधिग्रहण करके गांवों तक अपनी पहुंच बना सकेगा और उसके नेटवर्क का इस्तेमाल करके छोटे कर्ज देने की लागत कम कर सकेगा।

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इस विलय से बैंक को 68 लाख नये ग्राहक मिलेंगे। इस समय उसके ग्राहकों की संख्या करीब एक करोड़ है। यह विलय ऐसे समय में हुआ है जबकि कोटक महिंद्रा और आइडीएफसी बैंक जैसे प्राइवेट बैंकों ने शहर केंद्रित कई घोषणाएं की हैं। इन घोषणा से इन बैंकों की छोटे कर्जदारों को लोन देने की लागत में कमी आएगी क्योंकि वे सस्ते जमा का इस्तेमाल कर सकेंगे।

इंडसइंड बैंक के मैनेजिंग डायरेक्टर व चीफ एक्जीक्यूटिव रमेश सोबती ने कहा कि हमारे लिए सबसे बड़ा फायदा ग्रामीण नेटवर्क का होगा। इससे हमारी फंड लागत करीब तीन-चार फीसद कम हो जाएगी। इससे पहले बैंक और बीएफआइएल के निदेशक मंडलों ने विलय और शेयर स्वैपिंग रेशियो के प्रस्तावों को मंजूरी दे दी। प्रस्ताव के तहत पीएफआइ के शेयरधारकों को 1000 शेयरों पर इंडसइंड के 639 शेयर मिलेंगे।

बीएफआइएल समूची पूंजी, एसेट और लायबिलिटी इंडसइंड को मिल जाएगी। हालांकि बीआइएफएल की पूरी टीम इंडसइंड बैंक की सहायक कंपनी और बिजनेस कोरेस्पोंडेट के रूप में स्वतंत्र रूप से काम करेगी। विलय के बाद इंडसइंड बैंक के कुल कर्मचारी 40 हजार होंगे। सोबती ने स्पष्ट किया कि बीएफआइएल के 15 हजार कर्मचारी पूर्ववत सेवा शर्तो पर काम करते रहेंगे। हिंदूजा ग्रुप के बैंक इंडसइंड बैंक के बोर्ड में कोई बदलाव नहीं होगा।

इंडसइंड बैंक की रणनीति: इस विलय के बाद इंडसइंड बैंक गांवों में आसानी से अपनी पहुंच बना सकेगा। बैंक की कुल 1210 शाखाओं में से इस समय गांवों में सिर्फ 250 शाखाएं हैं। दूसरी ओर बीएफआइएल का नेटवर्क पूरे देश में एक लाख गांवों तक फैला है। विलय के बाद वह ग्राहकों को महज माइक्रो फाइनेंस कंपनी के बजाय पूरे बैंक के तौर पर सेवाएं दे सकेगी।

बीआइएफएल की दिक्कतें: बीएफआइएल के गैर कार्यकारी चेयरमैन पी. एच. रवि कुमार ने कहा कि माइक्रो फाइनेंस इंडस्ट्री में विलय आसान नहीं होता है। विलय की घोषणा ऐसे समय में की गई है जब आंध्र प्रदेश में एमएफआइ एक्ट पारित हुआ है। इससे एमएफआइ सेक्टर के लिए अस्तित्व बचाये रख पाना खासा मुश्किल होगा। नियामकीय सख्ती के कारण बीएफआइएल को विलय के लिए मजबूर होना पड़ा। इस कंपनी की शुरुआत माइक्रो फाइनेंस की मशहूर हस्ती विक्रम आकुला ने एसकेएस माइक्रोफाइनसेंस के रूप में की थी। 2010 में कंपनी माइक्रो फाइनेंस सेक्टर का पहला आइपीओ लेकर आई थे।

शेयरों में रही तेजी: शुक्रवार को बीएसई में इंडसइंड बैंक का शेयर 0.43 फीसद बढ़कर 1750.15 पर बंद हुआ जबकि बीएफआइएल का शेयर 0.38 फीसद की तेजी पाकर 1003.45 पर दर्ज किया गया।
 


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