आमान परिवर्तन में तेजी से जगी उम्मीद
लीड सहरसा-गढबरूआरी रेलखंड पर जल्द पैसेंजर ट्रेनों का परिचालन शुरू होने की जागी आ
खुशी-
-सहरसा से नंदलाली के बीच गिराया जा चुका ब्लास्ट
-पहले चरण में गढबरूआरी तक होगा आमान परिवर्तन
फोटो- 4 एसएआर-6
जासं, सहरसा:
सहरसा। पूर्व मध्य रेल सहरसा-गढबरूआरी के बीच आमान परिवर्तन कार्य में तेजी आने से लोगों में जल्द ही रेल परिचालन की उम्मीद जगने लगी है। सहरसा से नंदलाली के बीच ब्लास्ट गिराए जाने से लोगों को अब लगने लगा है कि अब शीघ्र ही इस रेलखंड में ट्रेन दौड़ने लगेगी। ब्लास्ट को लेकर गयी मालगाड़ी ने यह साबित कर दिया है कि ट्रेक ठीकठाक है। ट्रैक का एलायमेंट सही है। सहरसा से थरबिटिया के बीच छोटी रेल लाइन की ट्रेन बंद कर दिए जाने के बाद लोगों को लगने लगा था कि अब इस रेल खंड में वर्षों बाद ट्रेन देखने को मिलेगा लेकिन तीन महीने बाद ही रेल प्रशासन ने इस रेलखंड में माल गाड़ी चलाकर लोगों की उम्मीद को जगा दिया है। जल्दी ही इस रेलखंड में पैसेंजर ट्रेनों का परिचालन शुरू हो जाएगा। सहरसा से नंदलाली की दूरी करीब चार किमी है। जहां रेल पटरी के दोनों ओर ब्लास्ट-पत्थर गिरा दिए गए हैं।
18 मालगाड़ी ब्लास्ट की है जरूरत
सहरसा से गढ़बरूआरी के बीच बड़ी रेल लाइन के बीच 18 मालगाड़ी ब्लास्ट की जरूरत होगी। जिसके लिए रेल निर्माण विभाग से जुड़े अधिकारी इसकी डिमांड कर चुके हैं। अप्रैल माह में ब्लास्ट गिराने की तैयारी में रेल प्रशासन जुटा हुआ है। हालांकि अब तक 53 बोगी वाली एक ही मालगाड़ी ब्लास्ट लेकर आयी है। रेल पटरी पर ब्लास्ट गिराने के बाद उसकी पैंकिग की जाएगी।
कई काम होने हैं बाकी
सहरसा से गढबरूआरी के बीच रेल पटरी बिछाने का काम थोड़ा बांकी है। पंचगछिया, गढबरूआरी, सहरसा कचहरी स्टेशन पर प्लेटफार्म का निर्माण कार्य पूरा हो चुका है। लेकिन उसमें ईंट सो¨लग, टाइल्स आदि लगाने के कई काम अधूरे हैं। सहरसा स्टेशन पर प्लेटफार्म निर्माण के अलावा यात्री सुविधाओं का विस्तार कार्य अधूरा है। जलापूर्ति का काम अधूरा है। रेल खंड के बीच ¨सग्नल का काम शेष पड़ा हुआ है। लाइट का काम करना बांकी रह गया है। फुट ओवरब्रिज का काम अब तक शुरू नहीं किया गया है। पहले फेज में एक फुट ओवरब्रिज ही बनेगा। दूसरे चरण में दूसरा फुट ओवरब्रिज बनेगा।
कोट
सहरसा से गढबरूआरी के बीच आमान परिवर्तन कार्य युद्ध स्तर पर शुरू है। ब्लास्ट लाने में समय लगता है। ट्रैक बिछाने का काम करीब पूरा हो चुका है। अन्य कामों में भी तेजी लायी जा रही है।
-वाचस्पति उपाध्याय, कार्यपालक अभियंता, रेल निर्माण