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लालू-शहाबुद्दीन टेप: बैकफुट पर सरकार, सुशील मोदी बोले- राजद सुप्रीमो की बेल रद हो

राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद तथा जेल में बंद शहाबुद्दीन की बातचीत का टेप जारी होने के बाद राज्‍य सरकार बैकफुट पर है। उधर, हमलावर विपक्ष ने सुशासन पर सवाल खड़े किए हैं।

By Amit AlokEdited By: Published: Sun, 07 May 2017 07:56 AM (IST)Updated: Sun, 07 May 2017 11:43 PM (IST)
लालू-शहाबुद्दीन टेप: बैकफुट पर सरकार, सुशील मोदी बोले- राजद सुप्रीमो की बेल रद हो

पटना [जेएनएन]। राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद व सिवान जेल में बंद राजद नेता मो. शहाबुद्दीन की बातचीत का टेप लीक होने के बाद महागठबंधन सरकार बैकफुट पर है तो विपक्ष हमलावर हो गया है। भाजपा के प्रतिनिधिमंडल ने राज्यपाल से मिलकर इस मामले में हस्तक्षेप करने की मांग की है। भाजपा के सुशील मोदी ने कहा है कि अब यह प्रमाणित हो गया है कि सरकार अपराधियों के निर्देश पर काम कर रही है।

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यह दूसरा मौका है जब शहाबुद्दीन के मसले पर महागठबंधन सरकार बैकफुट पर है। इसके पहले शहाबुद्दीन से मिलने अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री अबदुल गफूर सिवान जेल गए थे। तब जेलर के कक्ष के बाहर एक दरबार की तस्वीर वायरल हुई थी। उसे लेकर भी पिछले वर्ष विधानसभा के मानसून सत्र में भाजपा ने काफी हंगामा किया था। अब्दूल गफूर की बर्खास्तगी की मांग को लेकर कई दिनों तक सदन की कार्यवाही बाधित भी हुई थी।

भाजपा के निशाने पर नीतीश सरकार

भाजपा ने इस प्रकरण के सामने आने के बाद लालू प्रसाद को फिर से निशाने पर ले लिया है। भाजपा नेता सुशील मोदी ने कहा कि लालू प्रसाद एक्सपोज हो गए हैैं। उन्होंने कहा कि यह बात सामने आ गई है कि लालू प्रसाद किस तरह से शहाबुद्दीन से निर्देश ले रहे हैं। क्या नीतीश कुमार इस पर कुछ करेंगे? शहाबुद्दीन आज भी राजद की राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य हैैं।

उन्होंने कहा कि पूर्व सांसद जो 50 से अधिक मामलों के आरोपी होने के साथ सजायाफ्ता भी हैं, जेल में बंद रहते हुए लगातार राजद अध्यक्ष के संपर्क में रहकर अपने इच्छानुसार अधिकारियों का स्थानांतरण कराते थे। उन्होंने कहा कि लालू प्रसाद का पूर्व सांसद से बातचीत करना एक गंभीर मामला है। कहा कि वह गृहमंत्री राजनाथ सिंह को मामले की जानकारी देंगे और उनसे राज्यपाल से इस संबंध में एक रिपोर्ट मंगाने का अनुरोध करेंगे।
सुशील मोदी ने मांग रखी कि शहाबुद्दीन से बातचीत का खुलासा होने के बाद राज्य सरकार लालू प्रसाद पर आपराधिक मुकदमा दर्ज करे। साथ ही चारा घोटाले में उनकी बेल खारिज करवाने के लिए सुप्रीम कोर्ट में भी अपील करे। उन्होंने राज्यपाल से डीजीपी को तलब करने और पूरे प्रकरण की जानकारी केंद्र को भेजने का भी अनुरोध किया।

उधर, भाजपा नेता व विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष डाॅ. प्रेम कुमार ने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कुर्सी बचाने के लिए लालू प्रसाद को पूरी छूट दे रखी है। भाजपा नेता नंदकिशोर यादव ने नीतीश कुमार को असहाय मुख्‍यमंत्री बताया तो भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्‍यक्ष मंगल पांडेय ने कहा  कि नीतीश में अपराधियों पर कार्रवाई करने की हिम्मत नहीं है।

मांझी व चिराग पासवान भी हुए हमलावर

लोजपा सांसद चिराग पासवान ने कहा है कि नीतीश कुमार की सरकार का रिमोट कंट्रोल अपराधियों के पास है। दुर्भाग्यपूर्ण है कि मुख्यमंत्री इस मामले में चुप हैं। हाल के दिनों में लालू प्रसाद के कई घोटाले उजागर हुए हैं। अब तो उनके आपराधिक संबंधों का भी खुलासा हो चुका है। चिराग ने पूछा कि क्या नीतीश राजद के 80 विधायकों के लालच में बिहार को अपराधियों के रहमोकरम पर छोड़ देंगे? उनकी खामोशी रहस्यमयी है।
हिंदुस्‍तानी अवाम मोर्चा (हम) के अध्‍यक्ष व पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने कहा कि इस टेप से सुशासन सरकार की पोल खुल गई है। राज्‍य में अपराधियों का राज है, इसकी पुष्टि हो गई है।

बैकफुट पर महागठबंधन

इस मामले में जदयू के राष्ट्रीय महासचिव श्याम रजक ने कहा कि कथित टेप की सच्चाई का भी पता लगाया जाएगा। इसके पहले इसपर टिप्पणी करना उचित नहीं है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष व सूबे के शिक्षा मंत्री अशोक चौधरी ने कहा कि यह टेप कब का है, यह देखा जाना चाहिए। इस बाबत लालू प्रसाद ही बेहतर बता सकते हैैं।

शहाबुद्दीन से बातचीत का ऑडियो टेप जारी होने के बाद राजद की ओर से किसी भी तरह की आधिकारिक टिप्पणी नहीं आई है। वैसे पूर्व मंत्री जगदानंद ने यह अवश्य कहा है कि राजद सुप्रीमो को शहाबुद्दीन से जेल से बातचीत नहीं करनी चाहिए थी। हालांकि, जगदानंद ने यह भी कहा कि शहाबुद्दीन राजद के नेता हैैं और रहेंगे। उन्हें पार्टी से निकालने का सवाल कहां है?

बताया जाता है कि लालू-शहाबुद्दीन की बातचीत का टेप सामने आने के बाद इस मसले पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने जदयू के राष्ट्रीय प्रवक्ता केसी त्यागी से फोन पर बात की। इसके बाद उन्होंने पार्टी के प्रदेश प्रवक्ताओं को बुलाया। बताया जाता है कि मुख्यमंत्री ने सभी प्रवक्ताओं को विपक्ष के हमले का तथ्‍यों के साथ जवाब देने को कहा।


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