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Bihar Jamin Jamabandi: सरकारी जमीन की कर दी रैयती जमाबंदी, दर्जनभर अधिकारी फंसे; पिछले 10 सालों में...

जिले में राजस्व कर्मचारी राजस्व अधिकारी और अंचलाधिकारियों द्वारा सरकारी भूमि की अवैध रूप से रैयती जमाबंदी कायम कर दिए जाने की शिकायत पर उन्होंने 27 फरवरी को सभी अंचलों में पिछले दस वर्षों में कायम की गई जमाबंदी की खतियान गैर मजरूआ आम-खास पंजी आदि की सरकारी भूमि के दस्तावेजों के खेसरों का मिलान कर जांच का आदेश अपर समाहर्ता को दिए थे।

By Mrityunjay Bhardwaj Edited By: Rajat Mourya Published: Thu, 11 Apr 2024 03:54 PM (IST)Updated: Thu, 11 Apr 2024 03:54 PM (IST)
सरकारी जमीन की कर दी रैयती जमाबंदी, दर्जनभर अधिकारी फंसे; पिछले 10 सालों में...

जागरण संवाददाता, दरभंगा। जिले में सरकारी जमीन की फर्जी रैयती जमाबंदी कायम कर देने के बड़े खेल का पर्दाफाश हुआ है। इसके बाद जिलाधिकारी राजीव रौशन ने जिले के सभी अंचलों में 10 वर्षों में हुई तमाम जमाबंदी के ब्योरे तलब किए हैं।

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इन मामलों में शामिल अंचलाधिकारी से लेकर राजस्व कर्मचारियों की पूरी सूची भी मांगी है। इतना बड़ा पर्दाफाश बहादुरपुर अंचल के सीओ की एक रिपोर्ट से हुआ है। यह जांच रिपोर्ट 2019-20 से 2022-23 तक की है। इसमें पूर्व सीओ समेत बहादुरपुर के एक दर्जन अधिकारियों के नाम हैं।

डीएम ने इन सबके खिलाफ कार्रवाई करते हुए प्रपत्र क गठित करने और अवैध जमाबंदी को तत्काल रद करने के आदेश दिए हैं। डीएम तक ऐसे मामले जनता दरबार में आई शिकायतों और न्यायिक वादों की सुनवाई आदि के क्रम में पहुंचे थे।

जिले में राजस्व कर्मचारी, राजस्व अधिकारी और अंचलाधिकारियों द्वारा सरकारी भूमि की अवैध रूप से रैयती जमाबंदी कायम कर दिए जाने की शिकायत पर उन्होंने 27 फरवरी को सभी अंचलों में पिछले दस वर्षों में कायम की गई जमाबंदी की खतियान, गैर मजरूआ आम-खास पंजी आदि की सरकारी भूमि के दस्तावेजों के खेसरों का मिलान कर जांच का आदेश अपर समाहर्ता को दिए थे।

इस क्रम में बहादुरपुर के अंचलाधिकारी ने 2019-20 से 2022-23 तक का जांच प्रतिवेदन छह मार्च को भेजा। इसमें गोरखधंधे के लिए बहादुरपुर के पूर्व सीओ समेत एक दर्जन अधिकारियों को संलिप्त पाया गया है। इस रिपोर्ट के बाद इलाके में हड़कंप है।

इनकी पाई गई संलिप्तता

मामले में बहादुरपुर के जिन अधिकारियों को संलिप्त पाया गया है, वे हैं- तत्कालीन अंचलाधिकारी अभय पद दास, कमलेश कुमार, तत्कालीन राजस्व अधिकारी सह प्रभारी अंचलाधिकारी नीलम कुमारी, तत्कालीन राजस्व कर्मचारी सह प्रभारी अंचल निरीक्षक समीर आचार्य, जय निरंजन चौधरी, तत्कालीन राजस्व कर्मचारी अरविंद प्रसाद, गौतम सेन गुप्ता, राजस्व कर्मचारी राज सानिया, संजीव कुमार, सुधीर कुमार सिंह, राकेश कुमार, रचना भारती।

सिर्फ पांच ने ही रखे पक्ष

इस रिपोर्ट पर सबसे 24 घंटे में ही स्पष्टीकरण मांगा गया था, लेकिन सिर्फ तत्कालीन अंचलाधिकारी कमलेश कुमार, तत्कालीन राजस्व कर्मचारी-सह- प्रभारी अंचल निरीक्षक जयनिरंजन चौधरी और तीन राजस्व कर्मचारियों सुधीर कुमार सिंह, रचना भारती और संजीव कुमार ने ही अपना पक्ष रखा। हालांकि बिंदुवार स्पष्टीकरण नहीं दिए जाने के कारण इसे नहीं माना गया। शेष ने समय बीत जाने तक अपना पक्ष नहीं रखा, इसलिए उन सबकी सबकी भागीदारी मान ली गई है।

कार्रवाई शुरू करने का निर्णय

इन सभी दोषी पदाधिकारियों और कर्मचारियों के विरुद्ध बिहार सरकारी सेवक (वर्गीकरण, नियंत्रण एवं अपील) नियमावली और सेवानिवृत्त लोक सेवकों के विरुद्ध बिहार पेंशन नियमावली के तहत तत्काल प्रभाव से कार्रवाई शुरू करने का निर्णय लिया गया है। इनमें से तत्कालीन अंचलाधिकारियों अभय पद दास और कमलेश कुमार, तत्कालीन राजस्व अधिकारी सह अंचल प्रभारी नीलम कुमारी के विरुद्ध भूमि सुधार उप समाहर्ता, सदर आरोपपत्र और प्रपत्र क गठित करेंगे। अन्य के विरुद्ध बहादुरपुर के सीओ को प्रपत्र क गठित कर सात दिनों में कार्रवाई के लिए कहा गया है।

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