Move to Jagran APP

नहीं रहें बहुमुखी प्रतिभा के धनी सियाराम गुप्त'निर्भय'

भोजपुर। 74 आंदोलन के अग्रणी कार्यकर्ता, जनकवि, अपनी रचनाओं से जन-जन को जगाने वाले, अपराधिय

By Edited By: Published: Sat, 29 Oct 2016 02:50 AM (IST)Updated: Sat, 29 Oct 2016 02:50 AM (IST)

भोजपुर। 74 आंदोलन के अग्रणी कार्यकर्ता, जनकवि, अपनी रचनाओं से जन-जन को जगाने वाले, अपराधियों के खिलाफ सड़क पर उतरने वाले, आर्य समाज के पुरोहित खेताड़ी मुहल्ला निवासी सियाराम गुप्त'निर्भय'नहीं रहें। आजीवन आर्य समाज के लौ जलाने वाले बहुमुखी प्रतिभा के धनी लगभग 84 वर्षीय निर्भय जी को गुरुवार की रात में अचानक पेट में दर्द हुआ। उन्हें एक निजी अस्पताल में दिखाया। रात के लगभग 11 बजे निधन हो गया। उनके निधन से समाज मर्माहत है। वे अपने पीछे भरा-पूरा परिवार छोड़ गये हैं।

loksabha election banner

इमरजेंसी के दौरान 21 माह जेल में थे : इमरजेंसी के दौरान इनके काव्य संगह 'संघर्ष' और '¨सघनाथ' पर प्रतिबंध लगा था। वर्ष 1975 मीसा के तहत आरा मंडल कारा में 21 महीना बंद रहें। जेल में भी देशभक्ति रचनाएं लिखते रहें और कैदियों को सुनाते रहें। इनकी रचनाओं से कैदी काफी प्रभावित थे।

74 आंदोलन में निभाई अहम भूमिका : 74 आंदोलन के मुखर आवाज थे निर्भय जी। 5 जून 1974 को गांधी में जेपी की सबसे बड़ी सभा में उन्होंने अपनी रचना सुनाकर आंदोलनकारियों को काफी प्रभावित किया था। इनकी रचनाओं के बिना आंदोलकारियों की सभा अधूरी लगती थी।

देशभक्ति रचनाओं के साथ हास्य व्यंग्य की रचनाएं भी लिखी : निर्भय जी सैकड़ो रचनाएं लिखें। देशभक्ति रचनाओं के साथ-साथ वे हास्य-व्यंग्य की रचनाएं भी लिखी। उनके दो गीत-काव्य संगह 'संघर्ष' और '¨सघनाथ' है। वे आशू कवि भी थे। बहुत ही जोशीले अंदाज में वे अपनी रचनाओं को प्रस्तुत कर श्रोताओं के अंदर जोश पैदा करते थे। उनकी रचना- चाहते हो देश की अखंडता बनी रहे/ चाहते हो देश की स्वतंत्रता बनी रहे/ तो दिल्ली के दलालों से दिल लगाना छोड़ दो..बहुत ही मशहूर हुई। इस रचना के बिना कोई आयोजन अधूरा माना जाता था।

कई पुरस्कारों से थे सम्मानित : निर्भय जी को जीवन में उल्लेखनीय योगदान के लिए कई पुरस्कारों से सम्मानित किया गया थें। स्थानीय संस्थाओं के अलावे राष्ट्रीय स्तर के संस्थाओं ने सम्मानित किया था। अंतर्राष्ट्रीय आर्य महासम्मेलन में वैदिक धर्म के प्रचार-प्रसार के लिए वैदिक संगीत-भास्कर से सम्मानित किया गया था। तत्पर सह बाबा बूढ़ा अमरनाथ सेवा न्यास, नई दिल्ली द्वारा राष्ट्रकवि, यवनिका संस्था, आरा द्वारा स्व.बक्सी सुधीर प्रसाद स्मृति यवनिका सम्मान-2012 से सम्मानित किया गया था। इसके अलावे अन्य सम्मानों से भी नवाजा गया था।

पंच तत्वों में विलीन हुए सियाराम गुप्त 'निर्भय' आर्य समाज के पूर्व महासचिव, पुरोहित, जनकवि, समाजसेवी सियाराम गुप्त'निर्भय'को शुक्रवार को स्थानीय गांगी श्मशान घाट पर अंतिम संस्कार आर्य समाज पद्धति से हुआ। एकलौते पुत्र सत्यकाम भारती उर्फ बब्लू ने मुखाग्नि दी। इस अवसर पर आर्य समाज के अलावे समाज के विभिन्न तबके से जुड़े लोग मौजूद थे। इनके निधन पर पूर्व विधायक रामाकांत ठाकुर, प्रो. नीरज ¨सह, पवन श्रीवास्तव, सुशील कुमार, नाथू राम, अरविन्द बिहारी पांडेय, सलील भारतीय, रवीन्द्र नाथ त्रिपाठी, रवीन्द्र भारती, सलील सुधाकर, खुर्शीद सहर, देव कुमार पोखराज समेत अन्य लोगों ने शोक प्रकट किया है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.