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बॉम्‍बे हाई कोर्ट ने BH Series पर महाराष्‍ट्र के सर्कुलर को अमान्‍य घोषित किया, जानें डिटेल

बॉम्‍बे हाई कोर्ट ने BH Series नंबर को लेकर एक अहम फैसला सुनाया है। बॉम्‍बे हाई कोर्ट ने मामले में राज्‍य की ओर से जारी किए गए सुर्कलर को अमान्‍य घोषित कर दिया है। हाई कोर्ट की ओर से किस मामले में ऐसा किया गया है। इसके साथ ही हाई कोर्ट की और से क्‍या कहा है। आइए जानते हैं।

By Sameer Goel Edited By: Sameer Goel Published: Mon, 22 Apr 2024 09:29 AM (IST)Updated: Mon, 22 Apr 2024 09:29 AM (IST)
BH Series पर बॉम्‍बे हाई कोर्ट ने सुनाया अहम फैसला।

ऑटो डेस्‍क, नई दिल्‍ली। बॉम्‍बे हाई कोर्ट ने BH Series को लेकर एक मामले में सुनवाई के दौरान फैसला देते हुए महाराष्‍ट्र के परिवहन आयुक्‍त की ओर से जारी किए गए सर्कुलर को अमान्‍य घोषित कर दिया है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक हाई कोर्ट की ओर से इस मामले में और क्‍या कहा गया है। हम इसकी जानकारी आपको इस खबर में दे रहे हैं।

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हाई कोर्ट ने सर्कुलर को अमान्‍य घोषित किया

बॉम्‍बे हाई कोर्ट ने महाराष्‍ट्र के परिवहन आयुक्‍त की ओर से BH Series को लेकर जारी किए गए सर्कुलर को अमान्‍य घोषित कर दिया है। रिपोर्ट के मुताबिक 12 अप्रैल को हाई कोर्ट के जस्टिस फिरदौश पूनीवाला की खंडपीठ ने सर्कुलर को अमान्‍य घोषित किया। कोर्ट की ओर से इस फैसले को वरिष्‍ठ सिविल जज महेंद्र पाटिल की ओर से दायर की गई याचिका पर सुनवाई के दौरान दिया। याचिका में सर्कुलर और बीएच सीरीज के तहत रजिस्‍ट्रेशन के लिए आवेदन की अस्‍वीकृति पर विवाद किया गया था।

याचिकाकर्ता ने किया दावा

याचिकाकर्ता की ओर से दावा किया गया था कि उन्‍होंने केंद्रीय मोटर वाहन अधिनियम में बताई गई सभी जरूरतों को पूरा किया है और उन्‍होंने अपना आधिकारिक पहचान पत्र भी प्रस्‍तुत किया था। लेकिन उनके आवेदन को यह बताते हुए अस्‍वीकार किया गया कि वह फरवरी 2024 में जारी परिवहन आयुक्‍त के सर्कुलर में सूचीबद्ध अन्‍य प्रतिबंधों को पूरा नहीं कर पाए। इनमें आवेदक के ऑफिस की जगह, रहने की अवधि और अन्‍य राज्‍यों में भगुतान की जानकारी देने वाले प्रमाण पत्र देना भी शामिल था।

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खंडपीठ ने कही यह बात

मामले पर सुनवाई करते हुए खंडपीठ ने कहा कि सर्कुलर परिवहन आयुक्‍त की क्षमता से बाहर है और स्‍थापित कानूनी मानदंडों का उल्‍लंघन है। जिसके बाद कोर्ट ने आदेश दिया कि सर्कुलर को रद्द किया जाए और याचिकाकर्ता को एक हफ्ते में बीएच सीरीज के तहत रजिस्‍ट्रेशन दिया जाए।


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