Vostok-2022 Military Exercises: रूस की धरती पर एक साथ सैन्याभ्यास करते नजर आएंगे भारत और चीन के सैनिक
भारत बेलारूस ताजिकिस्तान मंगोलिया और अन्य देश भी सेनाभ्यास में हिस्सा लेंगे। बता दें कि वोस्तोक-2022 सैन्याभ्यास में भारतीय सैनिकों की भागीदारी पर नई दिल्ली में भारतीय सेना या रक्षा मंत्रालय की ओर से तत्काल कोई टिप्पणी नहीं की गई।
बीजिंग, एजेंसी। पूर्वी लद्दाख में लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (LAC) के पास विवादित इलाके में भारत और चीन के जवानों के बीच दोनों देशों के सैनिक एक साथ सैन्याभ्यास करते नजर आएंगे। समाचार एजेंसी पीटीआइ के मुताबिक, चीन ने बुधवार को कहा कि इस महीने के अंत में होने वाले वोस्तोक-2022 सैन्याभ्यास (Vostok-2022 military exercises) में चीन के जवान भी हिस्सा लेंगे। गौरतलब है इस सैन्याभ्यास में भारतीय सेना भी हिस्सा लेगी।
चीनी रक्षा मंत्रालय ने कहा कि चीनी और रूसी सेनाओं के बीच वार्षिक सहयोग योजना के तहत, चीनी पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (PLA) सैन्याभ्यास में भाग लेने के लिए कुछ सैनिकों को रूस भेजेगी। बता दें कि भारत, बेलारूस, ताजिकिस्तान, मंगोलिया और अन्य देश भी सेनाभ्यास में हिस्सा लेंगे। वोस्तोक-2022 सैन्याभ्यास में भारतीय सैनिकों की भागीदारी पर भारतीय सेना या रक्षा मंत्रालय की ओर से तत्काल कोई टिप्पणी नहीं की गई।
पिछले साल भी भारतीय सैनिकों ने रूस में किया था सैन्याभ्यास
पिछले साल भी भारत ने रूस में जेपेड 2021 (ZAPAD 2021) सैन्याभ्यास में हिस्सा लिया था, जिसमें चीन और पाकिस्तान सहित 17 देशों ने भाग लिया। रूस की सरकारी समाचार एजेंसी तास (Tass) ने जानकारी दी कि वोस्तोक-2022 सैन्याभ्यास 30 अगस्त से 5 सितंबर तक आयोजित किया जाएगा। टास की रिपोर्ट में कहा गया है कि यह सैन्याभ्यास रूस के जनरल स्टाफ के प्रमुख वालेरी गेरासिमोव की कमान के तहत पूर्वी सैन्य जिले के 13 प्रशिक्षण मैदानों में आयोजित किया जाएगा।
सैन्याभ्यास किसी भी मौजूदा अंतरराष्ट्रीय गतिरोध से संबंधित नहीं है
रूसी रक्षा मंत्रालय ने पहले कहा था कि इस अभ्यास के दौरान भाग लेने वाले सैनिक पूर्वी क्षेत्र में सैन्य सुरक्षा बनाए रखने के उपायों का अभ्यास करेंगे। चीनी रक्षा प्रेस विज्ञप्ति में बताया गया है कि पीएलए (PLA) यानी चीन के सैनिकों का उद्देश्य, सैन्याभ्यास में हिस्सा लेने वाले देशों की सेनाओं के साथ व्यावहारिक और मैत्रीपूर्ण सहयोग को गहरा करना और हिस्सा लेने वाले दूसरे देश के सैनिकों के साथ रणनीतिक समन्वय को बढ़ाना है। गौरतलब है कि यह सैन्याभ्यास मौजूदा किसी भी अंतरराष्ट्रीय घटनाओं जैसे रूस-यूक्रेन युद्ध या लद्दाख गतिरोध से संबंधित नहीं है। बता दें कि पैंगोंग झील क्षेत्रों में हिंसक झड़प के बाद 5 मई, 2020 को पूर्वी लद्दाख सीमा पर भारत और चीन के सैनिकों के बीच गतिरोध शुरू हो गया है।