Move to Jagran APP

दुनिया का सबसे पुराना समुद्री दिशा सूचक यंत्र मिला, वास्को डी गामा ने इसकी मदद से की थी भारत की खोज

एस्ट्रोलेब की पहचान के लिए वैज्ञानिकों ने लेजर इमेजिंग तकनीक का इस्तेमाल किया। माना जा रहा है कि सोद्रे नामक इस यंत्र को 1496 से 1501 के बीच बनाया गया था।

By Ravindra Pratap SingEdited By: Published: Mon, 18 Mar 2019 10:13 PM (IST)Updated: Mon, 18 Mar 2019 10:13 PM (IST)
दुनिया का सबसे पुराना समुद्री दिशा सूचक यंत्र मिला, वास्को डी गामा ने इसकी मदद से की थी भारत की खोज
दुनिया का सबसे पुराना समुद्री दिशा सूचक यंत्र मिला, वास्को डी गामा ने इसकी मदद से की थी भारत की खोज

लंदन, प्रेट्र। वैज्ञानिकों ने दुनिया का सबसे पुराना एस्ट्रोलेब यानी समुद्री दिशा सूचक यंत्र खोजने में सफलता पाई है। पुर्तगाल के खोजी नाविक वास्को डी गामा ने 14वीं शताब्दी में भारत की खोज के लिए अपनी दूसरी यात्रा के दौरान इसी यंत्र का इस्तेमाल किया था। पुर्तगाली जहाज अरमाडा के मलबे के पास हुई खोदाई में मिले इस एस्ट्रोलेब को गिनीज व‌र्ल्ड रिका‌र्ड्स ने दुनिया में अब तक का सबसे पुराना एस्ट्रोलेब बताया है। खोदाई के दौरान जहाज का एक घंटा भी मिला है। 1498 के उस घंटे को गिनीज बुक ऑफ व‌र्ल्ड रिकार्ड में सबसे पुराने घंटे के तौर पर दर्ज किया गया है।

loksabha election banner

एस्ट्रोलेब की पहचान के लिए वैज्ञानिकों ने लेजर इमेजिंग तकनीक का इस्तेमाल किया। माना जा रहा है कि सोद्रे नामक इस यंत्र को 1496 से 1501 के बीच बनाया गया था। अन्य समुद्री दिशा सूचक यंत्रों के मुकाबले यह अनोखा है। प्राचीन समय के पुर्तगाल और स्पेन के खोजी नाविक समुद्री दिशा के ज्ञान के लिए एस्ट्रोलेब का इस्तेमाल किया करते थे। ब्रिटेन की वारविक यूनिवर्सिटी के मुताबिक जहाजों के मलबों के पास इनका पाया जाना दुर्लभ है। दुनिया में इस तरह के 104 एस्ट्रोलेब होने का अनुमात है। 1481 में अफ्रीका के पश्चिमी तट की ओर समुद्री यात्रा करने वाले पुर्तगालियों ने सबसे पहले इसका इस्तेमाल किया था। 15 वीं शताब्दी के दौरान क्रिस्टोफर कोलंबस, बोर्टोलोमू डियास और वास्को डी गामा अपनी कई महत्वपूर्ण यात्राओं के दौरान दिशा ज्ञान के लिए एस्ट्रोलोब पर ही निर्भर थे।

अरमाडा जहाज के मलबे के पास से मिला सोद्रे एस्ट्रोलोब 175 मिलीमीटर के व्यास वाला डिस्क है जिसकी वजन 344 ग्राम है। अब तक यह पहला एस्ट्रोलोब है, जिसपर पुर्तगाल का राष्ट्रीय चिन्ह बना हुआ था। विशेषज्ञों ने लेजर स्कैनिंग के बाद इसे अब तक सबसे पुराना एस्ट्रोलेब घोषित किया है। यूनिवर्सिटी ऑफ वारविक के मार्क विलियम्स ने कहा, 'इस खोज के बाद इतिहासकार और वैज्ञानिक जान पाएंगे कि प्राचीन समय में समुद्र यात्री जहाज से किस तरह यात्रा करते थे।'


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.