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Rishi Sunak Update News: UK PM की कुर्सी से कितनी दूर हैं भारतीय मूल के ऋषि सुनक ? जानें आगे क्‍या होगा

Rishi Sunak Update News क्‍या भारतीय मूल के ऋषि सुनक ब्रिटेन के नए पीएम होने के काफी करीब है। इसकी क्‍या संभावना है। आइए जानते हैं कि वह ब्रिटेन में पीएम की कुर्सी से कितने दूर हैं ऋषि सुनक। आखिर वह इस प्रक्रिया में कहां तक पहुंच गए हैं।

By Ramesh MishraEdited By: Published: Tue, 19 Jul 2022 09:16 AM (IST)Updated: Tue, 19 Jul 2022 11:04 AM (IST)
Rishi Sunak Update News: UK PM की कुर्सी से कितनी दूर हैं भारतीय मूल के ऋषि सुनक ? जानें आगे क्‍या होगा
Rishi Sunak top news भारतीय मूल के ऋषि सुनक ब्रिटेन में प्रधानमंत्री बनने के काफी करीब। एजेंसी।

नई दिल्‍ली, जेएनएन। Rishi Sunak Top News: ऐसी चर्चा है कि भारतीय मूल के ऋषि सुनक ब्रिटेन में प्रधानमंत्री बनने के काफी करीब हैं। ऐसे में जिज्ञासा होती है कि आखिर सच क्‍या है। क्‍या वह ब्रिटेन के नए पीएम होने के काफी करीब है। इसकी क्‍या संभावना है। आइए जानते हैं कि वह ब्रिटेन में पीएम की कुर्सी से कितने दूर हैं ऋषि सुनक। आखिर वह इस प्रक्रिया में कहां तक पहुंच गए हैं। इसके आगे की क्‍या राह है। 

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1- दरअसल, ब्रिटेन में पार्टी प्रत्‍याशी को प्रधानमंत्री की रेस में कदम रखने के लिए कम से कम 20 सांसदों के समर्थन की जरूरत होती है। नामांकन के बाद पहले मतदान की वोटिंग होती है। इसमें 30 से कम वोट मिलने वाला प्रत्‍याशी रेस से बाहर हो जाता है। इसके बाद पहले मतदान में जीतने वाले प्रत्‍याशी दूसरी वोटिंग में हिस्सा लेते हैं। इसमें जिस उम्मीदवार को सबसे कम वोट मिलते हैं वो इस रेस से बाहर हो जाता है। इस तरह से इसमें कई दौर का मतदान होता है। हर दौर में उम्‍मीदवारों की संख्‍या कम होती जाती है। टोरी सांसदों के वोटों का सिलसिला तब तक जारी रहता है जब तक केवल दो प्रत्‍याशी प्रधानमंत्री की रेस में नहीं रह जाते हैं।

2- ब्रिटेन में कंजर्वेटिव पार्टी के सदस्य पोस्टल वोट डालते हैं और पार्टी के नेता का चुनाव करते हैं। विजयी प्रत्‍याशी पार्टी नेता के साथ साथ पीएम का पद भी संभालता है। यानी जो उम्मीदवार कंजर्वेटिव पार्टी के नेता के तौर पर चुना जाएगा वही ब्रिटेन का अगला पीएम होगा। इस रेस में पूर्व स्वास्थ्य मंत्री साजिद जाविद और विदेश कार्यालय मंत्री रहमान चिश्ती और परिवहन मंत्री ग्रांट शाप्स शुरू में ही बाहर हो गए थे। उन्हें 20 सांसदों का समर्थन नहीं मिल सका था। इसके चलते वे पहली वोटिंग में हिस्सा नहीं ले पाए। इसके बाद हुई पहली वोटिंग में पूर्व विदेश मंत्री जेरेमी हंट और चांसलर नादिम जहावी को कम से कम टोरी सांसदों (कंजर्वेटिव सांसद) से 30 वोट नहीं मिल सके इसके चलते वे दोनों बाहर हो गए। वहीं दूसरी वोटिंग में अटार्नी जनरल सुएला ब्रेवरमैन को सबसे कम वोट मिले जिसके चलते वह भी बाहर हो गईं।

3- 12 जुलाई को पीएम उम्‍मीदवारों के लिए नामांकद बंद हो गया था। इसके लिए प्रत्‍येक नेता को 20 सांसदों के समर्थन की जरूरत थी। 13 जुलाई को पहले दौर का मतदान हुआ था। 30 से कम मत पाने वाले प्रत्‍याशी इस रेस से बाहर हो गए। 14 जुलाई को दूसरे दौर का मतदान हुआ था। इस वोटिंग में सबसे कम वोट पाने वाले प्रत्‍याशी रेस से बाहर हो गए। 18 से 21 जुलाई तक दो उम्मीदवारों के रहने तक लगातार मतदान होगा। इसके बाद जुलाई और अगस्त महीने में देश भर में अंतिम दो उम्मीदवारों के लिए पार्टी के सदस्य मतदान करेंगे। इसके बाद 5 सितंबर को नए प्रधानमंत्री की घोषणा होगी। इसलिए अभी भारतीय मूल के ऋषि सुनक को इस पद पर पहुंचने के लिए कई बाधाओं को पार करना होगा। 21 जुलाई के बाद तस्‍वीर काफी साफ हो जाएगी। हालांकि, अभी तक उन्‍होंने सभी बाधाओं को आसानी से पार किया है। इसलिए उम्‍मीद बंधी है कि वह इसे भी पार कर ले जाएंगे।

पहले नंबर पर बने हुए ऋषि

अभी तक फ‍िलहाल ऋषि पहले नंबर पर बने हुए हैं। वह भारत के विख्यात उद्योगपति और इंफोसिस कंपनी के संस्थापक एनआर नारायण मूर्ति के दामाद हैं। उन्होंने अक्षता मूर्ति से साल 2009 में शादी की थी। ऋषि, बोरिस जानसन कैबिनेट में वित्त मंत्री रह चुके हैं। उन्होंने प्रधानमंत्री बनने के बाद देश की अर्थव्यवस्था को मजबूत करने का वादा किया है। वर्ष 2015 से सुनक यार्कशर के रिचमंड से कंजर्वेटिव सांसद चुने गए थे। वह नार्दलर्टन शहर के बाहर कर्बी सिग्स्टन में रहते हैं। उनके पिता एक डाक्टर थे और मां फार्मासिस्ट थीं। भारतीय मूल के उनके परिजन पूर्वी अफ्रीका से ब्रिटेन आए थे। ऋषि कह चुके हैं कि उनकी एशियाई पहचान उनके लिए मायने रखती है। उन्होंने कहा था कि मैं पहली पीढ़ी का आप्रवासी हूं। अपनी पत्नी के कर मामलों पर विवाद और लाकडाउन नियमों के उल्लंघन के लिए जुर्माना लगने से उनकी प्रतिष्ठा को ठेस पहुंची थी। ऋषि, बोरिस जानसन की कैबिनेट छोड़ने वाले सबसे पहले कैबिनेट मंत्रियों में से एक थे। 

ऋषि सुनक को कड़ी टक्‍कर दे रही ये महिलाएं

इस रेस में पेनी मोर्डेंट दूसरे नंबर पर हैं। वह ऋषि सुनक को कड़ी टक्‍कर दे रही हैं। उन्होंने पीएम बनने पर ईंधन पर वैट कटौती और बढ़ती महंगाई के हिसाब से मध्यम आय वाले लोगों की आयकर सीमा बढ़ाने का वादा किया है। वह वर्ष 2019 में ब्रिटेन की पहली महिला रक्षा मंत्री बनने का इतिहास रचा था। डेविड कैमरन सरकार में उनके पास आर्म्ड फोर्सेस मंत्री का दायित्‍व था। कंजर्वेटिव पार्टी की यूथ विंग की प्रमुख बनने वाली पेनी मोर्डेंट वर्ष 2010 में सांसद बनी थीं।

लिज ट्रस तीसरे नंबर पर बनी हुई हैं। कैबिनेट मंत्री के तौर पर सरकार में सबसे अधिक समय लिज ट्रस ने बिताया है। पीएम की रेस में उन्होंने तत्काल कर कटौती, राष्ट्रीय बीमा में वृद्धि को वापस लेने की घोषणा की थी। ट्रस को बोरिस जानसन का वफादार माना जाता है। वर्तमान में लिज ब्रिटेन की विदेश मंत्री हैं। ट्रस विदेश मंत्री बनने वाली दूसरी महिला हैं, जिन्हें ईरान से नाजनीन जगारी-रैटक्लिफ की रिहाई करवाने का श्रेय दिया जाता है। वह पहली बार 2010 में सांसद के रूप में चुनी गई थी।


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