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प्रत्यर्पण के खिलाफ अपील करना चाहता है सट्टेबाज संजीव चावला

प्रत्यर्पण के खिलाफ दायर की गई संजीव चावला की अगर यह याचिका खारिज कर दी जाती है तो वह मौखिक सुनवाई के लिए दूसरा अनुरोध भी दायर कर सकता है।

By Sanjeev TiwariEdited By: Published: Fri, 15 Mar 2019 08:32 PM (IST)Updated: Fri, 15 Mar 2019 08:32 PM (IST)
प्रत्यर्पण के खिलाफ अपील करना चाहता है सट्टेबाज संजीव चावला
प्रत्यर्पण के खिलाफ अपील करना चाहता है सट्टेबाज संजीव चावला

 लंदन, प्रेट्र। सट्टेबाज संजीव चावला ने प्रत्यर्पण आदेश के खिलाफ अपील के लिए छुट्टी देने की मांग वाली एक याचिका ब्रिटेन के उच्च न्यायालय में दायर की है। बता दें कि भारत में वांछित चावला पर मैच फिक्सिंग का आरोप है। ब्रिटेन के गृह मंत्री साजिद जावीद ने पिछले महीने प्रत्यर्पण के संबंध में जिला जज के आदेश पर हस्ताक्षर किए थे। साथ ही 50 वर्षीय चावला को फैसले के खिलाफ अपील के लिए 14 दिन का समय दिया था।

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ब्रिटेन के गृह विभाग ने बताया कि वर्ष 2000 में दक्षिण अफ्रीका के पूर्व कप्तान हैंसी क्रोन्ये से जुड़े क्रिकेट मैच फिक्सिंग मामले के मुख्य आरोपी चावला ने 14 दिन की निर्धारित समय-सीमा में याचिका दायर कर दी है। गृह विभाग के एक प्रवक्ता ने कहा, '27 फरवरी, 2019 को गृह मंत्री जावीद ने सभी प्रासंगिक मामलों पर ध्यान से विचार करने के बाद संजीव चावला के प्रत्यर्पण आदेश पर हस्ताक्षर किए थे।'

सबसे खास बात यह है कि प्रत्यर्पण के खिलाफ दायर की गई संजीव चावला की अगर यह याचिका खारिज कर दी जाती है तो वह मौखिक सुनवाई के लिए दूसरा अनुरोध भी दायर कर सकता है।

प्रत्यर्पण कानून में बदलाव को लेकर हांगकांग में विरोध प्रदर्शन
हांगकांग के प्रत्यर्पण कानून में होने वाले बदलाव को लेकर शहर में विरोध प्रदर्शन शुरू हो गया है। शुक्रवार को प्रस्तावित कानून के विरोध में प्रदर्शन करने के दौरान पांच महिला कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार कर लिया गया। प्रत्यर्पण को लेकर चीन की नई नीति के विरुद्ध मानवाधिकार कार्यकर्ताओं ने शुक्रवार को स्थानीय सरकार के मुख्यालय के बाहर धरना प्रदर्शन किया जिसके बाद इन्हें गिरफ्तार कर लिया गया।

प्रस्तावित कानून के अनुसार चीन हांगकांग की प्रत्यर्पण शक्तियों को अपने हाथ में लेना चाहता है। इसके पीछे चीन की दलील है कि उसके यहां के भगोड़े हांगकांग जाकर बस जाते हैं इसलिए वह इस शक्ति को अपने पास रखना चाहता है।

उधर हांगकांग के नागरिक चीन की इस चाल को स्वायतता प्राप्त शहर के अधिकार का हनन मानते हैं। लोकतंत्र के पक्ष में खड़े कार्यकर्ता किसी भी कीमत पर हांगकांग को चीन की कम्युनिस्ट सरकार के प्रभाव से दूर रखना चाहते हैं। 1997 में ब्रिटेन से चीन के अधिकार क्षेत्र में गए हांगकांग को कई मामलों में स्वायत्तता दी गई है।


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