भारत में सामने आए वैरिएंट के खिलाफ भी वैक्सीन की कितनी डोज है प्रभावी, ब्रिटेन ने बताया
भारत में पहली बार सामने आए कोरोना वायरस के नए वैरिएंट बी1.617.2 के खिलाफ भी वैक्सीन प्रभावी हैं। ब्रिटेन में स्वास्थ्य विभाग की तरफ से हाल में किए गए एक अध्ययन में यह जानकारी सामने आई है। पढ़ें यह रिपोर्ट...
लंदन, पीटीआइ। भारत में पहली बार सामने आए कोरोना वायरस के नए वैरिएंट बी1.617.2 के खिलाफ भी वैक्सीन की दोनों डोज अत्यधिक प्रभावी हैं। ब्रिटेन में स्वास्थ्य विभाग की तरफ से हाल में किए गए एक अध्ययन में यह जानकारी सामने आई है। पब्लिक हेल्थ इंग्लैंड (पीएचई) ने शनिवार को कहा कि कोरोना वायरस के बी1.617.2 वैरिएंट के खिलाफ फाइजर-बायोएनटेक की वैक्सीन की दोनों डोज 88 फीसद और आक्सफोर्ड-एस्ट्राजेनेका की वैक्सीन 60 फीसद कारगर पाई गई है।
ब्रिटेन में इस वैरिएंट को वैरिएंट आफ कंसर्न (वीओसी) की श्रेणी में रखा गया है। हालांकि, अध्ययन के मुताबिक किसी वैक्सीन की केवल एक डोज इस वैरिएंट के खिलाफ सिर्फ 33 फीसद ही कारगर है। भारत में सीरम इंस्टीट्यूट आफ इंडिया एस्ट्राजेनेका की वैक्सीन को कोविशील्ड नाम से बना रही है।
ब्रिटेन के स्वास्थ्य मंत्री मैट हैनकॉक ने कहा, 'यह नया तथ्य महत्वपूर्ण है और यह साबित करता है कि कोरोना महामारी से अपने अजीज लोगों की सुरक्षा के लिए शुरू किया गया टीकाकरण अभियान कितना मूल्यवान है।'
उन्होंने कहा कि अध्ययन से यह भी साबित होता है कि कोरोना वायरस से बचाव के लिए वैक्सीन की दूसरी डोज कितनी जरूरी है। इसलिए सभी लोगों से आग्रह है कि वो वैक्सीन की दोनों डोज जरूर लगवाएं। अध्ययन में पाया गया है कि वैक्सीन की दोनों डोज बी1.617.2 वैरिएंट के खिलाफ लगभग उतनी ही प्रभावी है, जितनी ब्रिटेन के केंट में पहली बार सामने आए बी.1.1.7 वैरिएंट के खिलाफ प्रभावी है।