ब्रिटेन बोला- चीन पर अंतरराष्ट्रीय दायित्वों को लेकर नहीं किया जा सकता भरोसा
ब्रिटेन ने कहा कि हांगकांग पर अपनी बात रखने के लिए भरोसा नहीं किया जा सकता है तो इस बात पर क्यों भरोसा किया जाए कि वे अपनी व्यापक अंतरराष्ट्रीय जिम्मेदारियों को निभाएंगे?
लंदन,एएनआइ। ब्रिटिश विदेश सचिव डॉमिनिक रैब ने सवाल किया है कि क्या हांगकांग के लिए नए सुरक्षा कानून लागू करने के कदम के बाद चीन पर अंतरराष्ट्रीय दायित्वों को लेकर भरोसा किया जा सकता है? ब्रिटेन का कहना है कि यह कानून चीन को क्षेत्र सौंपने वाले ऐतिहासिक समझौते का उल्लंघन करता है। समाचार एजेंसी एएआइ ने इसकी जानकारी सीएनएन के हवाले से दी है।
रैब ने कहा कि यह भरोसे का विषय है और दुनिया भर के बहुत से देश यह सवाल पूछ रहे हैं कि क्या चीन अपने अंतरराष्ट्रीय दायित्वों को पूरा करता है? अगर उन्हें हांगकांग पर अपनी बात रखने के लिए भरोसा नहीं किया जा सकता है, तो इस बात पर क्यों भरोसा किया जाए कि वे अपनी व्यापक अंतरराष्ट्रीय जिम्मेदारियों को निभाएंगे?
ब्रिटेन में चीन के राजदूत लियू शियाओमिंग द्वारा हांगकांग में नए सुरक्षा कानून पर टिप्पणी को चीन के आंतरिक मामलों में 'हस्तक्षेप' बताने के बाद रैब की यह टिप्पणी आई है। ब्रिटेन ने कहा है कि यह सुरक्षा कानून के परिणामस्वरूप खतरे का हवाला देते हुए हांगकांग के लाखों स लोगों के लिए नागरिकता का मार्ग प्रदान करेगा। यह कानून विशेष परिस्थितियों में वारंट के बिना संपत्तियों की छानबीन करने, संपत्तियों को जब्त करने का पुलिस को अधिकार देता है।
अमेरिका ने कानून और क्षेत्री की स्वतंत्रता को कमजोर करने के लिए जिम्मेदार चीनी और हांगकांग के अधिकारियों पर प्रतिबंध लगा दिया है। रैब ने कहा कि ब्रिटेन ने इसपर विचार करने से इनकार नहीं किया है। मानवाधिकारों के हनन और अपराध में शामिल विदेशी अधिकारियों को लेकर मैग्नेटस्की-शैली के प्रतिबंधों के पारित होने के बाद हाउस ऑफ कॉमन्स में रैब से इस कानून में चीन को निशाना बनाने को लेकर सवाल पूछे गए। इसे लेकर उन्होंने कहा कि अगला कदम क्या होगा इसपर काम जारी है।
रैब ने सोमवार को हाउस ऑफ कॉमन्स में नए नियमों की घोषणा की, साथ ही प्रतिबंधों को लेकर विवरण दिया। इसमें ऑडिटर सर्गेई मैग्निटस्की की दुर्व्यवहार और मौत के लिए जिम्मेदार 25 रूसी नागरिक शामिल हैं। इसमें पत्रकार जमाल खशोगी की हत्या में शामिल 20 सऊदी नागरिक भी शामिल हैं।