ब्रिटेन में कोरोना के नए वैरिएंट का खतरा बरकरार, अंतरराष्ट्रीय यात्रियों की जांच तेज
नए संक्रमण को देखते हुए ब्रिटेन उन सभी लोगों की अधिक से अधिक जांच कर रहा है जो विदेश से आए हैं। बता दें कि चीन के वुहान से फैले कोरोना वायरस के बाद ब्रिटेन में इस वायरस के नए स्वरुप ने तबाही मचाई हुई है।
लंदन, रॉयटर्स। ब्रिटेन में कोरोना वायरस के नए वैरिएंट के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए देश में आने वाले इंटरनेशनल यात्रियों के टेस्ट को कठिन कर दिया गया है। मंगलवार को एक मंत्री ने बताया कि नए संक्रमण को देखते हुए ब्रिटेन उन सभी लोगों की अधिक से अधिक जांच कर रहा है, जो विदेश से आए हैं। बता दें कि चीन के वुहान से फैले कोरोना वायरस के बाद ब्रिटेन में इस वायरस के नए स्वरुप ने तबाही मचाई हुई है। ब्रिटेन के साथ-साथ दुनिया के दूसरे देशों में भी नया संक्रमण पहुंच चुका है। इस नए स्वरुप से भारत भी अछूता नहीं है। बताया जा रहा है कि कोरोना वायरस से भी ज्यादा यह वायरस प्रभावी है।
विज्ञानी जब से कोरोना वायरस पर नजर रख रहे हैं, तब से अब तक उसमें कई बदलाव हो चुके हैं। पिछले साल के अंतिम महीनों में हुए बदलावों के बाद से अब तक कोरोना के मुख्य रूप से तीन वैरिएंट प्रकाश में आ चुके हैं। ब्रिटेन और ब्राजील में कोरोना के नए वैरिएंट पिछले ही साल आ चुके थे, जबकि हाल ही में दक्षिण अफ्रीका में इसके एक और वैरिएंट की पहचान हुई है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन यानी डब्ल्यूएचओ के अनुसार, कोरोना का नया स्ट्रेन ज्यादा संक्रामक और वैक्सीन व एंटीबॉडी के प्रभावों को कम करने वाला है। यह कम समय में कई देशों में फैल चुका है।
अन्य दो से है अलग: डब्ल्यूएचओ के अनुसार, ब्रिटेन व ब्राजील में पाए गए कोरोना वायरस के नए वैरिएंट से दक्षिण अफ्रीकी वैरिएंट कई मायने में अलग है। इसे 20एच/501वाई.वी2 या बी.1.351 के नाम से जाना जाता है। यह मूल वायरस से ज्यादा संक्रामक है। हालांकि, इसके पहचान में आने से पहले ब्रिटेन वाला वैरिएंट यानी बी.1.1.7 ज्यादा संक्रामक था और वह अमेरिका समेत 40 देशों में पहुंच चुका है।