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इंडिया ग्रीन गारंटी की शुरुआत, भारत में इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए नए कोष का वादा

ब्रिटेन का पीआइडीजी वित्तपोषण भारत में इलेक्ट्रिक वाहन निर्माण वियतनाम में ग्रीन बांड और बुर्किना फासो पाकिस्तान नेपाल और चाड में सौर ऊर्जा सहित विभिन्न योजनाओं में किया जाएगा जिनके अतिरिक्त निजी क्षेत्र के वित्त में 47 करोड़ पाउंड (लगभग 4700 करोड़ रुपये) से अधिक जुटाने की उम्मीद है।

By Monika MinalEdited By: Published: Tue, 02 Nov 2021 02:41 AM (IST)Updated: Tue, 02 Nov 2021 03:03 AM (IST)
इंडिया ग्रीन गारंटी की शुरुआत, भारत में इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए नए कोष का वादा
इंडिया ग्रीन गारंटी की शुरुआत, भारत में इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए नए कोष का वादा

ग्लासगो, प्रेट्र। भारत में हरित परियोजनाओं के लिए 75 करोड़ पाउंड (लगभग 7,500 करोड़ रुपये) की अतिरिक्त राशि के वास्ते ब्रिटेन विश्व बैंक को 'इंडिया ग्रीन गारंटी' प्रदान करेगा। यह घोषणा सोमवार को ग्लासगो में आयोजित हो रहे काप-26 शिखर सम्मेलन में की गई।

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हरित गारंटी वित्त पोषण स्वच्छ ऊर्जा, परिवहन और शहरी विकास जैसे क्षेत्रों में स्वच्छ और लचीले बुनियादी ढांचे का समर्थन करेगा। इसके अलावा, ब्रिटेन ने सहायता-समर्थित निजी अवसंरचना विकास समूह (पीआइडीजी) के तहत भारत में इलेक्ट्रिक वाहनों सहित विकासशील देशों में परिवर्तनकारी हरित परियोजनाओं का समर्थन करने के लिए संयुक्त राष्ट्र जलवायु शिखर सम्मेलन में 21 करोड़ पाउंड (लगभग 2100 करोड़ रुपये) से अधिक के नए निवेश की प्रतिबद्धता जताई है।

ब्रिटेन का पीआइडीजी वित्तपोषण भारत में इलेक्ट्रिक वाहन निर्माण, वियतनाम में ग्रीन बांड और बुर्किना फासो, पाकिस्तान, नेपाल और चाड में सौर ऊर्जा सहित विभिन्न योजनाओं में किया जाएगा, जिनके अतिरिक्त निजी क्षेत्र के वित्त में 47 करोड़ पाउंड (लगभग 4,700 करोड़ रुपये) से अधिक जुटाने की उम्मीद है।

ब्रिटिश प्रधानमंत्री बोरिस जानसन ने कहा, 'मैं ब्रिटेन की हरित औद्योगिक क्रांति को वैश्विक स्तर पर देखना चाहता हूं। स्वच्छ प्रौद्योगिकी और बुनियादी ढांचे पर परिवर्तन की गति अविश्वसनीय  है, लेकिन धरती को बचाने की दौड़ में किसी भी देश को पीछे नहीं रहना चाहिए।'

इस समिट में प्रधानमंत्री मोदी ने वर्ष 2070 में नेट जीरो इमिशन लक्ष्य हासिल करने के लिए अभी से तैयारियां शुरू करने का आह्वान किया। इसके तहत भारत वर्ष 2030 तक अपनी इकोनोमी में कार्बन की मात्रा 45 फीसद घटा लेगा। इसके लिए सौ करोड़ टन कार्बन उत्सर्जन को कम किया जाएगा। साथ ही वर्ष 2030 तक देश की ऊर्जा जरूरत का 50 प्रतिशत गैरपारंपरिक ऊर्जा स्त्रोतों से पूरा किया जाएगा। इसके लिए वर्ष 2030 तक रिनीवेबल स्त्रोतों यानी सोलर, विंड, हाइड्रो आदि से पांच लाख मेगावाट बिजली का उत्पादन किया जाएगा। अभी तक यह लक्ष्य 4.50 लाख मेगावाट का था।


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