स्पेन से आने वाले पर्यटकों को क्वारंटाइन रखने के फैसले के बाद ब्रिटेन की नजर फ्रांस और जर्मनी पर
इस बीच ब्रिटेन के हेल्थ मिनिस्ट हेलेन व्हाइली ने स्काई न्यूज से बातचीत में कहा कि जर्मनी और फ्रांस की स्थिति की समीक्षा करनी होगी।
लंदन एजेंसी। गर्मी की छुट्टियों में स्पेन से आने वाले पर्यटकों पर 14 दिनों तक क्वारंटाइन के फैसले के बाद ब्रिटेन की नजर अब यूरोप के अन्य देशों- जर्मनी और फ्रांस पर टिकी है। ब्रिटेन में कोरोना वाररस के प्रसार में वृद्धि के बाद यह फैसला लिया गया है। क्वारंटाइन का फैसला सबसे कठोर फैसलों में एक है। ब्रिटेन सरकार के इस फैसले के लीक होने के बाद पर्यटकों की बेचैनी बढ़ गई है। ब्रिटेन का यह फैसला ऐसे समय आया है जब एयरलाइंस और ट्रैवल कंपनियों की लॉकडाउन के कारण दम निकल रहा है। स्पेन ने ब्रिटेन से अनुरोध किया है कि वह बैलेरिक और कैनरी द्वीपों को क्वारंटाइन के नियमों से बाहर रखे।
बोले हेल्थ मिनिस्टर, जोखिम नहीं उठा सकते
इस बीच ब्रिटेन के हेल्थ मिनिस्ट हेलेन व्हाइली ने स्काई न्यूज से बातचीत में कहा कि जर्मनी और फ्रांस की स्थिति की समीक्षा करनी होगी। उन्होंने कहा कि यह इस बात पर भी निर्भर करेगा कि नागरिक हमसे क्या उम्मीद करते हैं। अगर इन देशों में कोरोना रोगियों की दरों में गिरावट आती है, तो पर्यटकों को क्वारंटाइन में रखने की जरूरत नहीं होगी। हेल्थ मिनिस्टर ने कहा कि लेकिन अगर यहां कोरोना रोगियों की दर में इजाफा होता है, तो हमें स्टैंड लेना होगा। उन्होंने कहा कि हम पूरे ब्रिटेन का फि र से कोरोना के प्रसार का जोखिम नहीं उठा सकते हैं।
करोना की दूसरी लहर से चौपट हो सकता है पर्यटन उद्योग
जॉन्स हॉपकिन्स विश्वविद्यालय के अनुसार रूस ने पिछले सप्ताह में 40,762 नए मामले दर्ज किए हैं, स्पेन ने 12,166, फ्रांस ने 5,858, यूनाइटेड किंगडम ने 4,662 और जर्मनी ने 3,932 की सूचना दी है। कोरोना वायरस की दूसरी लहर आर्थिक अराजकता और यात्राओं पर प्रतिबंध लगा सकती है। इससे यूरोप का पर्यटन व्यवसाय पूरी तरह चौपट हो सकती है।