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PNB Fraud Case: लंदन की कोर्ट ने भगोड़े नीरव मोदी के प्रत्‍यर्पण को दी मंजूरी, अब लाया जाएगा भारत

भगोड़े हीरा कारोबारी नीरव मोदी को भारत लाने का रास्‍ता साफ हो गया है। लंदन के वेस्टमिंस्टर मजिस्ट्रेट सेमुअल गूजी ने भगोड़े हीरा कारोबारी नीरव मोदी को मुकदमा चलाने के लिए भारत को प्रत्यर्पित करने का आदेश दिया है।

By Arun kumar SinghEdited By: Published: Thu, 25 Feb 2021 04:15 PM (IST)Updated: Thu, 25 Feb 2021 09:52 PM (IST)
PNB Fraud Case:  लंदन की कोर्ट ने भगोड़े नीरव मोदी के प्रत्‍यर्पण को दी मंजूरी, अब लाया जाएगा भारत
भगोड़े हीरा कारोबारी नीरव मोदी भारत में जवाब देने के लिए एक मामला है।

नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। 14 हजार करोड़ रुपये के पीएनबी घोटाले के मुख्य आरोपित नीरव मोदी के प्रत्यर्पण का रास्ता साफ हो गया है। लंदन की स्थानीय अदालत ने कोरोना संक्रमण, खराब स्वास्थ्य, कमजोर साक्ष्य, न्याय नहीं मिलने की आशंका और भारतीय जेलों में खराब स्थिति जैसे नीरव मोदी के तर्कों को खारिज कर उसके प्रत्यर्पण की इजाजत दे दी है। वैसे नीरव के पास अदालत के फैसले को हाईकोर्ट में चुनौती देने का विकल्प खुला है।

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प्रत्यर्पण के खिलाफ नीरव मोदी के दलीलों को खारिज करते हुए जिला जज सैमुअल गूजी ने कहा कि नीरव मोदी का प्रत्यर्पण पूरी तरह से मानवाधिकार के दायरे में है। भारत में न्याय नहीं मिलने की आशंका की पुष्टि के लिए कोई ठोस सुबूत नहीं है।यही नहीं, जज ने कमजोर साक्ष्य होने के नीरव के दावे को भी खारिज कर दिया। अपने फैसले में उन्होंने कहा कि लाइन ऑफ क्रेडिट को भुनाने में बैंक के अधिकारियों समेत अन्य आरोपितों की मिलीभगत के पुख्ता सबूत मौजूद हैं। यहां तक खुद नीरव मोदी भी पीएनबी को पत्र लिखकर भारी बकाया होने और उसे जल्दी चुकाने की बात स्वीकार कर चुका है।

जज ने नीरव और उसकी कंपनी के जायज बिजनेस के दावे पर भी संदेह जताया है।अदालत ने अपने फैसले में साफ कर दिया कि नीरव को इसके खिलाफ हाईकोर्ट में अपील का अधिकार है, लेकिन उससे पहले ब्रिटेन के सेक्रेटरी ऑफ स्टेट इस पर विचार करेंगे। सेक्रेटरी ऑफ स्टेट के फैसले के 14 दिन के भीतर नीरव हाईकोर्ट में अपील दाखिल कर सकता है। लंदन के जिला जज के फैसले से सीबीआइ और ईडी के हौसले बुलंद है। एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि नीरव के खिलाफ पुख्ता सबूत के आधार पर अदालत ने फैसला सुनाया है। वहां की हाई कोर्ट या कोई अन्य अदालत इन सुबूतों को नकार नहीं सकती।

ध्यान देने की बात है कि जनवरी 2018 में पीएनबी के लाइन ऑफ क्रेडिट के माध्यम से 14 हजार करोड़ रुपये के घोटाले के खुलासे के बाद नीरव मोदी परिवार सहित विदेश भाग गया था। सीबीआइ और ईडी ने जांच में नीरव की संलिप्तता के सुबूत के आधार पर उसके खिलाफ रेडकार्नर नोटिस जारी कराया था। दिसंबर 2018 में नीरव के भेष बदलकर लंदन में छुपे होने की पुष्टि हुई थी। मार्च 2018 में उसे लंदन में गिरफ्तार कर लिया गया। इसी तरह घोटाले का दूसरा आरोपी मेहुल चोकसी एंटीगुआ फरार हो गया था। एंटीगुआ के साथ प्रत्यर्पण संधि नहीं होने के बावजूद सरकार उसके प्रत्यर्पण के लिए कूटनीतिक प्रयासों में लगी है।


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