सांसत में ब्रिटेन की PM टेरीजा मे, संसद में ब्रेक्जिट करार पर तीसरी बार होगा मतदान
यूरापीय यूनियन से अलगाव (ब्रक्जिट) के मुद्दे पर लगातार असफलता का सामना कर रहीं टेरीजा मे की कुर्सी खतरे में पड़ गई है।
लंदन, एजेंसी । गुरुवार को ब्रेक्जिट करार तीसरी बार संसद में पेश होगा। ब्रिटिश प्रधानमंत्री टेरीजा मे तीसरी बार इस पर व्यापाक चर्चा के लिए तैयार है। यूरापीय यूनियन से अलगाव (ब्रक्जिट) के मुद्दे पर लगातार असफलता का सामना कर रहीं टेरीजा मे की कुर्सी खतरे में पड़ गई है। विपक्षी और प्रधानमंत्री की पार्टी सांसदों के असंतोष के बाद अब उनकी कैबिनेट के सदस्य भी ब्रेक्जिट से निपटने पर उनके तरीके पर सवाल उठाने लगे हैं। इसके चलते टेरीजा पर भारी दबाव है।
इस बीच ब्रिटेन के सांसदों को ब्रेक्जिट के विभिन्न विकल्पों के लिए अपनी प्राथमिकता जाहिर करने का अधिकार मिल गया है। इस तरह से सांसदों ने 302 के मुकाबले 329 मतों से बुधवार को संसदीय कामकाज का नियंत्रण हासिल करने के लिए संपन्न मतदान में जीत हासिल कर ली है। इसके तहत सांसदों को अब विभिन्न विकल्पों पर मतदान करने का मौका मिलेगा, जैसे अनुच्छेद 50 को हटाना और ब्रेक्जिट को रद करना या इस करार पर जनमत संग्रह कराना या बिना समझौते के ही यूरोपीय संघ से अलग हो जाना आदि-आदि। हालांकि, यह भी सत्य है कि अगर सांसदों को बहुमत मिल भी जाता है तो भी सरकार उनके निर्देशों का पालन करने के लिए कानूनी रूप से बाध्य नहीं है। सरकार ने इस अप्रत्याशित कदम को खतरनाक बताया है।
ब्रिटिश मीडिया की रिपोर्ट के मुताबिक सरकार में शामिल कई मंत्री और सत्तारूढ़ दल कंजरवेटिव पार्टी के कई सांसद टेरीजा से इस्तीफे की सीधी मांग करने के लिए हाथ मिला रहे हैं। ब्रेक्जिट पर होने वाले तीसरे मतदान में भी अगर सरकार के मसौदे को संसद की स्वीकृति नहीं मिली तो सत्तारूढ़ दल के नेता ही टेरीजा के खिलाफ लामबंद हो सकते हैं।
पूर्व में दो बार हुए मतदान में संसद ने सरकार के मसौदे को खारिज कर दिया था। कयास यहां तक लगाए जा रहे हैं कि उप प्रधानमंत्री डेविड लिडिंग्टन कार्यवाहक प्रधानमंत्री का पदभार संभाल सकते हैं और ब्रेक्जिट की प्रक्रिया पूरी कर सकते हैं। हालांकि प्रधानमंत्री कार्यालय ने इस तरह की मीडिया रिपोर्टो को सिरे से खारिज किया है और लिडिंग्टन ने कहा है कि वह 100 प्रतिशत प्रधानमंत्री टेरीजा के साथ हैं।