कोरोना के कुछ मरीज 10 दिन बाद भी फैला सकते हैं संक्रमण, कुछ लोगों में 68 दिन तक बना रहता है वायरस
यूनिवर्सिटी आफ एक्सेटर मेडिकल स्कूल के प्रोफेसर लोरना हैरिस कहते हैं कि उनके अध्ययन का आकार छोटा था लेकिन उसके नतीजे बताते हैं कि कुछ मरीजों में 10 दिन के बाद भी वायरस सक्रिय रहता है जो आगे प्रसार का संभावित खतरा बन सकता है।
लंदन, एजेंसी। कोरोना संक्रमण को लेकर किए गए एक अध्ययन में सामने आई जानकारी कुछ चिंता बढ़ाने वाली है। इसके मुताबिक कोरोना का हर दसवां मरीज 10 दिन के क्वारंटाइन के बाद भी संक्रमण फैला सकता है। इस शोध के दौरान जांच का ऐसा तरीका अपनाया गया जिससे यह पता चल सके कि क्या ठीक हो चुके मरीजों में भी वायरस सक्रिय रहता है। यह परीक्षण ब्रिटेन के एक्सेटर में 176 लोगों के नमूनों पर किया गया जो मानक पीसीआर टेस्ट में संक्रमित पाए गए थे।
इस शोध अध्ययन का प्रकाशन हाल ही में इंटरनेशनल जर्नल आफ इंफेक्शस डिजीज में हुआ था। एक्सेटर विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं की टीम ने पाया कि 13 प्रतिशत लोगों में संक्रमण के 10 दिन बाद भी चिकित्सकीय मानकों के हिसाब से इतनी मात्रा में वायरस बचा था कि वे दूसरों को संक्रमित कर सकते थे। कुछ लोगों में तो 68 दिन तक वायरस की उक्त मात्रा पाई गई।
शोधकर्ताओं का मानना है कि उन क्षेत्रों में कोरोना के प्रसार को रोकने के लिए परीक्षण का यह तरीका अपनाया जाना चाहिए जहां अत्यधिक जोखिम वाले लोग हों। यूनिवर्सिटी आफ एक्सेटर मेडिकल स्कूल के प्रोफेसर लोरना हैरिस कहते हैं कि उनके अध्ययन का आकार छोटा था, लेकिन उसके नतीजे बताते हैं कि कुछ मरीजों में 10 दिन के बाद भी वायरस सक्रिय रहता है जो आगे प्रसार का संभावित खतरा बन सकता है।
भारत में दूसरी लहर में प्रभावितों के उबरने में लग रहा लंबा समय
समाचार एजेंसी आइएएनएस की रिपोर्ट के मुताबिक विशेषज्ञों ने कहा है कि भारत में कोरोना महामारी की दूसरी लहर में जो लोग भी संक्रमित हुए हैं उनमें से ज्यादातर में लंबे समय तक बीमारी का प्रभाव देखने को मिल रहा है। कुछ-कुछ मामलों में तो साल भर से अधिक समय पूरी तरह से उबरने में लग सकता है। ज्यादातर मरीजों में कमजोरी, थकान, जोड़ो में दर्द और मानसिक उलझन जैसी परेशानियां देखने को मिल रही हैं।
फेफड़ो में गंभीर संक्रमण की शिकायतें ज्यादा
नई दिल्ली स्थित इंद्रप्रस्थ अपोलो अस्पताल के डाक्टरों के मुताबिक दूसरी लहर में जो लोग संक्रमित हुए थे उनमें उच्च ज्वर, डायरिया और फेफड़ों में गंभीर संक्रमण के लक्षण पाए जा रहे हैं। उनके मुताबिक संक्रमित पाए जाने के बाद एक साल बाद भी कई मरीजों के ठीक होने की राह आसान नहीं दिख रही। पुरुषों की तुलना में महिलाओं में चार गुना ज्यादा कमजोरी और थकान की शिकायतें मिल रही हैं।
कई मरीजों को सिर में दर्द की भी शिकायत
अस्पताल के अंग प्रत्यारोपण व कोरोना टीम के प्रमुख डा. एमएस कंवर के मुताबिक पहली लहर की तुलना में दूसरी लहर में संक्रमित ऐसे मरीजों की संख्या चार गुना ज्यादा है जिन्हें ठीक होने के बाद भी कई तरह की परेशानियां हो रही हैं। पुरुषों में ज्यादातर फेफड़े के संक्रमण की शिकायतें मिल रही हैं। कमजोरी और थकान के साथ ही सिर दर्द की शिकायत भी आम है। महिलाओं में बाल गिरने की शिकायत है।