ब्रिटिश संसद ने बनाया कानून, ईयू को अलविदा कहने का रास्ता साफ
हाउस ऑफ कामंस के स्पीकर जॉन बरकॉ ने सांसदों को बताया कि महारानी एलिजाबेथ द्वितीय ने भी इस मामले में अपनी मंजूरी दे दी है।
लंदन, प्रेट्र। ब्रिटेन के लिए यूरोपियन यूनियन (ईयू) को अलविदा कहने का रास्ता साफ हो गया है। ब्रिटिश संसद ने कानून बनाकर पीएम टेरीजा मे के उस वायदे पर मुहर लगा दी है जिसके तहत उन्होंने आम चुनाव लड़ा था।
हाउस ऑफ कामंस के स्पीकर जॉन बरकॉ ने सांसदों को बताया कि महारानी एलिजाबेथ द्वितीय ने भी इस मामले में अपनी मंजूरी दे दी है। इसके बाद यूरोपियन यूनियन विदड्राल एक्ट 2018 पूरी तरह से प्रभावी हो गया है। यह 1972 के यूरोपियन कम्युनिटिज एक्ट की जगह लेगा। एक्ट के लागू होने के बाद ही ब्रिटेन ईयू से बाहर आने के लिए स्वतंत्र व सक्षम हो गया। ब्रेक्जिट डे यानी 29 मार्च 2019 से ब्रिटिश कानून सर्वोपरि माने जाएंगे। डाउनिंग स्ट्रीट के प्रवक्ता ने कहा कि मंगलवार को टेरीजा मे ने कैबिनेट की बैठक बुलाई और इस पर विचार किया।
ध्यान रहे कि ब्रेक्जिट मामले में ब्रिटिश पीएम टेरीजा मे को संसद के निचले सदन ने पिछले सप्ताह समर्थन दे दिया है। वह कंजरवेटिव पार्टी में विद्रोहियों को मनाने में कामयाब रहीं। इससे पहले मे को ब्रेक्जिट मामले में ब्रिटिश संसद के ऊपरी सदन से झटका लगा था। सांसदों ने उस प्लान को नामंजूर कर दिया था, जिसके तहत सरकार को ब्रुसेल्स से बात करनी है। टेरीजा मे ने आम चुनाव में यूरोपियन यूनियन से ब्रिटेन को बाहर लाने के वायदे पर चुनाव लड़ा था। नतीजे अप्रत्याशित थे और उन्हें हार का सामना करना पड़ा। ऊपरी सदन के सांसदों ने बहुमत से प्रस्ताव पर विरोध जताकर निचले सदन पर यह फैसला छोड़ा था कि ईयू से बाहर आने की रणनीति सरकार तैयार करे या संसद।