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जल्द पूरा होगा हैक न होने वाले नेटवर्क का सपना, जानें कैसे

वैज्ञानिकों ने तलाशा संचार व्यवस्था स्थापित करने का नया तरीका

By Sanjay PokhriyalEdited By: Published: Tue, 16 Jan 2018 09:43 AM (IST)Updated: Tue, 16 Jan 2018 09:44 AM (IST)
जल्द पूरा होगा हैक न होने वाले नेटवर्क का सपना, जानें कैसे
जल्द पूरा होगा हैक न होने वाले नेटवर्क का सपना, जानें कैसे

लंदन (प्रेट्र)। आज के डिजिटल युग में हमारी हर निजी जानकारी से लेकर बैंक अकाउंट तक की सूचनाएं कंप्यूटर पर दर्ज हैं। तेजी से बढ़ती तकनीक ने हमारे तमाम कार्यों को बेहद आसान तो किया है, लेकिन साथ ही एक डर का माहौल भी पैदा कर दिया है। यह डर है उस अनजान हैकर को लेकर, जो न जाने कब हमारे जीवन में ताक-झांक कर उसे किस तरह से नुकसान पहुंचा दे। इनसे बचने के लिए दुनिया भर के वैज्ञानिक एक ऐसा संचार तंत्र विकसित करने के प्रयास में हैं, जिस पर पूर्ण विश्वास हो। जो पूरी तरह से सुरक्षित हो और जिसे हैक करना असंभव हो। इसी कड़ी में ब्रिटेन के वैज्ञानिकों ने एक ऐसी संचार व्यवस्था तैयार करने का दावा किया है, जो हैकरों को चित करने का दम रखती है।

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वैज्ञानिकों का दावा है कि यह तकनीक इतनी सुरक्षित है कि आप किसी भी हैकर के डर के बिना चैन की नींद सो सकते हैं। वैज्ञानिकों के मुताबिक, अब तक केवल दो क्वांटम नेटवर्क को जोड़कर सुरक्षित माध्यम से संचार किया जा सकता है। वहीं, अब एक ऐसी विधि खोज ली गई है, जिससे अधिक से अधिक क्वांटम डिवाइस का सुरक्षित नेटवर्क बनाया जा सकता है।

दरअसल, क्वांटम डिवाइस भौतिकी के क्वांटम नियम पर आधारित होती हैं। इसके तहत किसी दो डिवाइस को जोड़ने के लिए कम से कम भौतिक इकाइयों का इस्तेमाल होता है। इसी कारण इन डिवाइसों को जोड़कर बनाया गया नेटवर्क अधिक सुरक्षित माना जाता है।

ये रास्ता तलाशा 

यूनिवर्सिटी कॉलेज लंदन के कियारान ली के मुताबिक, वर्तमान में बनाए जाने वाले कंप्यूटर नेटवर्क गणित के अनुमानों पर आधारित होते हैं, जिन्हें हैक करना आसान होता है। इसलिए अब बड़े नेटवर्क के माध्यम से संचार करने के लिए भौतिकी के क्वांटम नियमों को आधार बनाया जा रहा है।

यह विधि भौतिकी के क्वांटम नियमों को क्रियान्वित करती है। क्वांटम नेटवर्क की नकल नहीं की जा सकती है। इसे हैक करने वाली ‘की’ नेटवर्क से जुड़े डिवाइस पर ही साझा हो सकती है। इसलिए इसे हैक करना नामुमकिन है। संचार स्थापित करने से पहले ही इस नेटवर्क की सुरक्षा जांची जा सकती है।

जांच करना बाकी 

ब्रिटेन की यूनिवर्सिटी ऑफ मैटी होबान के मुताबिक, हमारा उद्देश्य एक ऐसा सामान्य नेटवर्क तैयार करना है, जिस पर विश्वास करने के लिए आपको किसी उपकरण के निर्माता पर निर्भर न रहना पड़े। इसके लिए हम इस तकनीक पर काम कर रहे हैं, जिसमें संदेशों को जिससे साझा किया जा रहा है उसे छोड़कर और कोई नहीं देख सकता। यानी संदेश पूरी तरह से गोपनीय होता है।

हमारी थ्योरी यह बताती है कि इसमें सेंध नहीं लगाई जा सकती है। हम जल्द ही इसकी अंतिम जांच करेंगे और हमें पूरी उम्मीद है कि दुनिया को एक ऐसा संचार तंत्र मिल सकेगा, जिसमें ताक-झांक करना किसी भी हैकर के लिए नामुमकिन होगा। 

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