कैंसर कोशिकाओं को सुन भी सकते हैं वैज्ञानिक, ट्यूमर के उपचार में मिलेगा विशेश लाभ
डॉक्टर प्रत्येक मरीज के टूयमर का अध्ययन करके उसके लिए विशेष उपचार भी कर सकेंगे। इस तकनीक से व्यक्ति की प्रत्येक कोशिका का तेजी से विश्लेषण किया जा सकता है।
लंदन, एएनआइ। शोधकर्ताओं द्वारा विकसित एक नई तकनीक से अब यह पता लगाया जा सकता है कि लाखों अलग-अलग कोशिकाएं ट्यूमर में एक-दूसरे के साथ कैसे कम्युनिकेट करती हैं। शोधकर्ताओं ने इसका ऑर्गनॉइड में प्रयोग भी किया है। ऑर्गनाइड किसी भी अंग का प्रतिरूप होता है, जिसे लैब में तैयार किया जाता है।
शोधकर्ताओं द्वारा विकसित की इस तकनीक को 'नेटर मैथड्स' जर्नल में प्रकाशित किया गया है। यह पहली बार है कि वैज्ञानिकों ने ट्यूमर की प्रतिकृतियों के भीतर एक बार में कई अलग-अलग सिग्नलिंग अणुओं का विश्लेषण किया।
कोशिकाओं का आपसी कम्यूनिकेशन
कोशिकाओं के आपसी कम्युनिकेशन प्रक्रिया को जानकर यह पता लगाया जा सकता है कि किस तरह से ट्यूमर प्रतिरक्षा प्रणाली से बच जाता है और उपचार के दौरान इतना प्रतिरोधी हो जाता है कि उस पर किसी का असर नहीं होता।
कोशिकाओं का तेजी से किया जा सकता है विश्लेषण
यह समझकर शोधकर्ता और अधिक प्रभावी दवाओं को विकसित कर सकते हैं। इससे डॉक्टर प्रत्येक मरीज के टूयमर का अध्ययन करके उसके लिए विशेष उपचार भी कर सकेंगे। इस तकनीक से व्यक्ति की प्रत्येक कोशिका का तेजी से विश्लेषण किया जा सकता है। ये कोशिकाएं संकेतन अणुओं की तलाश में रहती हैं, इनके माध्यम से वह पड़ोसी कोशिकाओं को बताती हैं कि उन्हें कैसा व्यवहार करना है।
प्रमुख शोधकर्ता डॉ. क्रिस टेप ने कहा कि यह तकनीक शोधकर्ताओं को यह समझने में मदद करती है कि कोई उपचार क्यों काम करता है और क्यों नहीं। इसके साथ ही यह भी पता चलता है कि कोशिकाएं एक-दूसरे से संवाद कैसे करती हैं।