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हृदय रोग के खतरे को बताएगा नया 'हेल्थ कैलकुलेटर'

कनाडा के ओटावा अस्पताल के वरिष्ठ वैज्ञानिक डी मैनुअल ने कहा, हृदय रोग का खतरा बताने वाले इस कैलकुलेटर से स्वस्थ लोग भी खतरे का पता लगा सकते हैं।

By Sanjay PokhriyalEdited By: Published: Tue, 24 Jul 2018 02:45 PM (IST)Updated: Tue, 24 Jul 2018 02:47 PM (IST)
हृदय रोग के खतरे को बताएगा नया 'हेल्थ कैलकुलेटर'
हृदय रोग के खतरे को बताएगा नया 'हेल्थ कैलकुलेटर'

नई दिल्ली [पीटीआई]। वैज्ञानिकों ने हृदय रोग के खतरे को भांपने के लिए नया ऑनलाइन ‘हेल्थ कैलकुलेटर’ विकसित किया है। इसकी मदद से यह पता लगाया जा सकता है कि कोई व्यक्ति हृदय रोग की चपेट में कब आ सकता है? कनाडा के ओटावा अस्पताल के वरिष्ठ वैज्ञानिक डी मैनुअल ने कहा, हृदय रोग का खतरा बताने वाले इस कैलकुलेटर से स्वस्थ लोग भी खतरे का पता लगा सकते हैं। इसकी मदद से आने वाले पांच सालों में हृदय रोग के चलते अस्पताल में भर्ती होने या मौत के खतरे का अनुमान लगया जा सकता है।

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कार्डियोवेस्कुलर डिजीज पापुलेशन रिस्क टूल (सीवीडीपीआरटी) नामक यह कैलकुलेटर हृदय की उम्र भी बता सकता है। इससे हृदय की सेहत के बारे में आसानी से अंदाजा लगाया जा सकता है। कनाडा के शोधकर्ताओं के अनुसार, खतरा भांपने के दूसरे टूल्स के मुकाबले सीवीडीपीआरटी कई पहलुओं पर गौर करता है। इसमें वायु प्रदूषण के अलावा जीवनशैली से जुड़ी तमाम आदतों, मसलन धूमपान, शराब सेवन और खानपान पर गौर किया जाता है।

दूध और मक्खन के सेवन से नहीं बढ़ता हृदय रोग

वैज्ञानिकों का कहना है कि दुग्ध उत्पादों मसलन फैट से भरपूर दूध, चीज और मक्खन के सेवन से हृदय रोग या स्ट्रोक का खतरा नहीं बढ़ता। डेयरी फैट का इन रोगों और असमय मौत के बीच संबंध नहीं पाया गया है।

शोधकर्ताओं के अनुसार, वास्तव में कुछ खास प्रकार के डेयरी फैट (वसा) स्ट्रोक के खिलाफ बचाव में मदद कर सकते हैं। अमेरिका की टेक्सास यूनिवर्सिटी की प्रोफेसर मर्सिया ओट्टो ने कहा, 'हमारे अध्ययन का निष्कर्ष न सिर्फ उस धारणा के उलट है बल्कि इस बात का भी समर्थन करता है कि डेयरी फैट से बुजुर्गो में हृदय रोग या मौत का खतरा नहीं बढ़ता। दुग्ध उत्पादों में मौजूद एक फैटी एसिड हृदय रोग खासतौर पर स्ट्रोक से मौत के खतरे को निम्न कर सकता है।'

शोधकर्ताओं ने यह निष्कर्ष 65 साल के करीब तीन हजार वयस्कों पर 22 साल तक किए गए अध्ययन के आधार पर निकाला है। अध्ययन में डेयरी उत्पादों में पाए जाने वाले तीन फैटी एसिड के प्लाज्मा लेवल पर गौर किया गया। इनमें से किसी भी फैटी एसिड का संबंध इन खतरों से नहीं पाया गया। 


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