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रूस उपलब्‍ध कराएगा सस्‍ती कीमत पर जरूरतमंद देशों को गेहूं, लेकिन पूरी करनी होगी एक शर्त

रूस में इस वर्ष गेहूं की रिकार्ड पैदावार होने की उम्‍मीद है। इसको देखते हुए रूस ने ग्रेन एक्‍सपोर्ट टैक्‍स में कमी करने की घोषणा की है। इसका फायदा जरूरतमंद देश उठा सकते हैं। उन्‍हें अब गेहूं खरीद पर कम कीमत चुकानी होगी।

By Kamal VermaEdited By: Published: Sat, 02 Jul 2022 03:13 PM (IST)Updated: Sat, 02 Jul 2022 03:13 PM (IST)
रूस उपलब्‍ध कराएगा सस्‍ती कीमत पर जरूरतमंद देशों को गेहूं, लेकिन पूरी करनी होगी एक शर्त
रूस ने कम किया ग्रेन एक्‍सपोर्ट टैक्‍स

मास्को (रायटर)। यूक्रेन के साथ जारी युद्ध की वजह से कई तरह के आर्थिक प्रतिबंधों की मार झेल रहे रूस ने अब अपने गेंहू की नई पैदावार को नुकसान से बचाने के लिए एक बड़ी योजना बनाई है। इस योजना के तहत उसने ग्रेन एक्‍सपोर्ट टैक्‍स को कम करने का फैसला किया है। इसका सीधा रूस से होने वाले गेहूं निर्यात पर पड़ेगा। रूस की मंशा भी यही है। बता दें कि रूस विश्‍व में गेहूं का सबसे बड़ा निर्यातक है। कई जरूरतमंद देश रूस से ही अपनी गेहूं की जरूरत को पूरा भी करते हैं। लेकिन इस बार कहानी कुछ और है। 

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दरअसल, यूक्रेन पर हमला करने के बाद रूस पर कई स्‍तर पर आर्थिक प्रतिबंध लगाए गए हैं। ऐसा उसको आर्थिक रूप से कमजोर करने के लिए किया है। वहीं रूस ने ग्रेन एक्‍सपोर्ट टैक्‍स को कम कर गेहूं की कमी वाले देशों के सामने सस्‍ते गेहूं का पासा फेंक दिया है। इस टैक्‍स के कम करने के बाद जरूरतमंद देश कम कीमत पर गेहूं की खरीद कर सकेंगे।

टैक्स की नई दरें छह जुलाई से लागू हो जाएंगी। रूसी कृषि मंत्रालय के अनुसार इस गर्मी के मौसम में रूस में गेहूं की बंपर पैदावार होने की उम्मीद है। इसके कारण निर्यात के लिए बड़ी मात्रा में गेहूं उपलब्ध रहेगा। रूस ने टैक्स घटाकर 4,600 रूबल (86 डालर) प्रति टन कर दिया है। रूस इसी टैक्स दर पर अपने परंपरागत ग्राहक पश्चिम एशिया और अफ्रीका के देशों को गेहूं की आपूर्ति करेगा।

हालांकि रूस ने इसके लिए एक शर्त रखी है। रूस की शर्त है कि गेहूं की खरीद का भुगतान केवल उसकी अपनी मुद्रा रूबल में ही करना होगा। इसके पीछे दो वजह हैं। पहली वजह ये है कि प्रतिबंधों की वजह से रूस डालर को रूबल से एक्‍सचेंज नहीं कर सकता है। दूसरी वजह है कि रूबल में भुगतान होने की सूरत में उसकी मुद्रा अधिक मजबूत हो जाएगी। इस तरह से रूस ने बड़ा पासा फेंका है। रूस ने ये फैसला निर्यात बढ़ाने के लिए भी किया है। 


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