स्कॉटलैंड के जनमत संग्रह में रूस ने दिया था दखल, ब्रिटेन की संसदीय समिति ने रिपोर्ट में दी जानकारी
रिपोर्ट में कहा गया है कि परिणामस्वरूप सरकार ने 2016 में यूके की प्रक्रिया की सुरक्षा के लिए कार्रवाई नहीं की है।
लंदन, एजेंसियां। ब्रिटेन की संसदीय समिति ने अपनी रिपोर्ट में 2014 में स्कॉटलैंड के जनमत संग्रह में रूस के हस्तक्षेप की बात भी कही है। हालांकि ब्रेक्जिट वोट में उसके दखल की बात सामने नहीं आई है। मंगलवार को जारी इस रिपोर्ट में कहा गया है कि रूस जिन पश्चिमी देशों की जासूसी करता है, उसमें ब्रिटेन शीर्ष पर है।
देश की खुफिया एजेंसियों के कामकाज पर नजर रखने वाली द हाउस ऑफ कामंस इंटेलिजेंस एंड सिक्योरिटी कमेटी (ISC) अपने बहुप्रतीक्षित रिपोर्ट में ब्रिटिश मामलों में रूसी प्रभाव की आशंका का डर जताते हुए तत्काल कदम उठाने की आवश्यकता जताई है।
50 पृष्ठों की इस रिपोर्ट में कहा गया है ऐसा प्रतीत होता है कि रूस जिन पश्चिमी देशों की जासूसी करता है, उसमें ब्रिटेन शीर्ष पर है। ऐसा शायद इसलिए है, क्योंकि ब्रिटेन और अमेरिका के बीच करीबी रिश्ते हैं। इतना ही नहीं ब्रिटेन को रूस विरोधी पश्चिमी देशों की लाबी के प्रमुख सदस्य के तौर पर भी देखा जाता है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि रूस की आक्रामक कार्रवाई के खिलाफ एक अंतरराष्ट्रीय सहमति की आवश्यकता है। अगर सभी पश्चिमी देश सामूहिक रूप से काम करेंगे तो ना केवल मित्र राष्ट्र मजबूत होंगे बल्कि इससे रूसी राष्ट्रपति पुतिन द्वारा दूसरे देशों में दखल दिए जाने वाले कदमों पर भी रोक लगेगी।
2016 में ब्रेक्जिट पर कराया गया था जनमत संग्रह
ब्रिटेन 1973 में यूरोपीय यूनियन से जुड़ा था। 28 देशों के इस समूह से अलग होने के लिए वर्ष 2016 में ब्रेक्जिट पर जनमत संग्रह कराया गया था। जनमत संग्रह पर जनता की मुहर के बावजूद ब्रिटेन को ईयू से अलग होने में करीब 43 महीने का वक्त लग गया। संसद के गतिरोध के कारण तीन बार ब्रेक्जिट की समय सीमा बढ़ाई गई। संसद से प्रस्ताव पारित नहीं होने पर पिछले साल कंजरवेटिव नेता टेरीजा मे को प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा था।