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Rail Strike in UK: ब्रिटेन में मंगलवार से पिछले 30 सालों की सबसे बड़ी रेल हड़ताल, वेतन और नौकरी में कटौती को लेकर एकजुट हुए यूनियन

मंगलवार से शुरू होने वाली हड़ताल को लेकर रेलवे के महासचिव (आरएमटी) मिक लिंच ने कहा कि इस तरह के आक्रामक एजेंडे का सामना करना आरएमटी के पास औद्योगिक रूप से हमारे सदस्यों की रक्षा करने के अलावा और कोई विकल्प नहीं है।

By Dhyanendra Singh ChauhanEdited By: Published: Mon, 20 Jun 2022 10:34 PM (IST)Updated: Mon, 20 Jun 2022 10:34 PM (IST)
Rail Strike in UK: ब्रिटेन में मंगलवार से पिछले 30 सालों की सबसे बड़ी रेल हड़ताल, वेतन और नौकरी में कटौती को लेकर एकजुट हुए यूनियन
हड़ताल को लेकर रेल यूनियन ने बनाई योजना

लंदन, रायटर। ब्रिटेन में मंगलवार से रेल हड़ताल शुरू होने वाली है। पिछले 30 सालों में अब तक की यह सबसे बड़ी रेल हड़ताल होगी। वेतन विवाद को लेकर दसियों हजार कर्मचारी बाहर चले गए हैं। रेल यूनियनों ने चेतावनी दी है कि अन्य उद्योगों में भी समन्वित कार्रवाई हो सकती है। ब्रिटिश सरकार पहले से ही दशकों में सबसे बड़ी आर्थिक तंगी का सामना कर रही है। खाद्य और ईंधन की कीमतों में वृद्धि के साथ मुद्रास्फीति 10 प्रतिशत की ओर बढ़ रही है, जबकि औसत मजदूरी 2006 में मुद्रास्फीति के लिए समायोजित होने की तुलना में अधिक नहीं है।

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वेतन और नौकरी में कटौती को लेकर 50,000 से अधिक रेल कर्मचारी मंगलवार, गुरुवार और शनिवार को हड़ताल करेंगे। इसके साथ ही शिक्षकों, चिकित्सकों और यहां तक ​​​​कि औद्योगिक कार्रवाई के लिए वकील भी इस हड़ताल में शामिल हो सकते हैं।

हड़ताल को लेकर बनाई गई है योजना

मंगलवार से शुरू होने वाली हड़ताल को लेकर रेल, समुद्री और परिवहन (RMT) मामलों के महासचिव मिक लिंच (Mick Lynch) ने कहा कि इस तरह के आक्रामक एजेंडे का सामना करना आरएमटी के पास औद्योगिक रूप से हमारे सदस्यों की रक्षा करने के अलावा और कोई विकल्प नहीं है। उन्होंने कहा कि हमारी आखिरी मिनट की वार्ता विफल हो गई थी, जिसका मतलब है कि इस हफ्ते व्यापक रूप से हड़ताल आगे बढ़ेगी। हड़ताल को लेकर और अधिक योजना बनाई गई है। उन्होंने मीडिया को संबोधित करते हुए कि हमारा अभियान तब तक चलेगा जब तक इसे चलाने की जरूरत है।

वहीं, परिवहन मंत्री ग्रांट शाप्स (Grant Shapps) ने संसद में इन आरोपों की निंदा की है। साथ ही चेतावनी दी कि वे (रेल यूनियन) बड़े पैमाने पर व्यवधान पैदा करेंगे और यूनियनों पर तकनीकी प्रगति के खिलाफ लड़ने का आरोप लगाएंगे। आपकी नौकरियों की रक्षा करने के बजाय, वे वास्तव में उन्हें और रेलवे के भविष्य को खतरे में डाल रहे हैं।


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