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राहुल गांधी बोले, भारत में अभिव्यक्ति की इजाजत देने वाली संस्थाओं पर हो रहे सुनियोजित हमले

राहुल गांधी ने कहा कि मेरे जीवन का सबसे बड़ा सीखने का अनुभव मेरे पिता एवं पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की मृत्यु थी। इससे बड़ा कोई अनुभव नहीं है। राहुल बोले- मेरे पिता को मारने वाले व्यक्ति ने मुझे बहुत दर्द दिया।

By Dhyanendra Singh ChauhanEdited By: Published: Tue, 24 May 2022 08:09 PM (IST)Updated: Tue, 24 May 2022 08:09 PM (IST)
राहुल गांधी बोले, भारत में अभिव्यक्ति की इजाजत देने वाली संस्थाओं पर हो रहे सुनियोजित हमले
कैंब्रिज विश्वविद्यालय के कार्पस क्रिस्टी कालेज में राहुल गांधी ने लिया हिस्सा

कैंब्रिज, प्रेट्र। मोदी सरकार की विदेश में किरकिरी करने का राहुल गांधी का अभियान लगातार जारी है। उन्होंने अब नया आरोप लगाया है कि भारत को बोलने की इजाजत देनी वाली संस्थाओं पर 'सुनियोजित हमला' हो रहा है। बातचीत को बाधित किए जाने के कारण सरकार की नीतियों को गोपनीय तरीके से प्रभावित या नियंत्रित करने वाले प्रभावशाली लोग देश में संवाद को नए तरीके से परिभाषित कर रहे हैं।

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सोमवार शाम कैंब्रिज विश्वविद्यालय के कार्पस क्रिस्टी कालेज में 'इंडिया एट 75' कार्यक्रम के दौरान राहुल ने भारतीय छात्रों के सवालों के जवाब दिए। उन्होंने हिंदू राष्ट्रवाद, कांग्रेस पार्टी में गांधी परिवार की भूमिका और देश के लोगों को संगठित करने के प्रयास जैसे व्यापक विषयों पर अपने विचार रखे।

विश्वविद्यालय में भारतीय मूल की शिक्षाविद डा. श्रुति कपिला के साथ बातचीत में राहुल उन सब बिंदुओं को दोहराया, जो उन्होंने पिछले सप्ताह कहे थे। उन्होंने कहा कि संसद, चुनाव प्रणाली, लोकतंत्र की बुनियादी संरचना पर एक संगठन विशेष द्वारा कब्जा किया जा रहा है। कांग्रेस नेता ने कहा कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और प्रधानमंत्री भारत के मूलभूत ढांचे के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं। जब आप ध्रुवीकरण की राजनीति करते हैं तो समझो आप 20 करोड़ लोगों को अलग-थलग कर रहे हैं। यह बेहद खतरनाक है और ऐसा करना मौलिक रूप से भारत के विचारों के खिलाफ है।

'पिता राजीव गांधी की मौत सबसे बड़ा अनुभव'

राहुल गांधी ने कहा कि मेरे जीवन का सबसे बड़ा सीखने का अनुभव मेरे पिता एवं पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की मृत्यु थी। इससे बड़ा कोई अनुभव नहीं है। राहुल बोले- 'मेरे पिता को मारने वाले व्यक्ति ने मुझे बहुत दर्द दिया। यह सही है, एक बेटे के रूप में मैंने अपने पिता को खो दिया, लेकिन फिर भी मैं इस तथ्य से दूर नहीं हो सकता कि उस घटना ने मुझे ऐसी चीजें भी सिखाई जो मैंने कभी नहीं सीखी थीं। इसलिए, जब तक आप सीखने के लिए तैयार हैं, इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि लोग कितने बुरे हैं।

बता दें कि 1984 से 1989 के बीच प्रधानमंत्री रहे राजीव गांधी की 21 मई 1991 को तमिलनाडु में एक जनसभा के दौरान एलटीटीई (लिबरेशन टाइगर आफ तमिल ईलम) के आत्मघाती दस्ते के सदस्य ने बम विस्फोट कर हत्या कर दी थी।


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