ऑनलाइन प्रार्थना के बाद पोप बोले, खुद को पिंजड़े में बंद महसूस कर रहा हूं
रविवार की प्रार्थना के बाद अपने आशीर्वचन में पोप फ्रांसिस ने कहा वह खुद को पिंजड़े में बंद महसूस कर रहे हैं।
वेटिकन सिटी, रायटर। रविवार की प्रार्थना के बाद अपने आशीर्वचन में पोप फ्रांसिस ने कहा, वह खुद को पिंजड़े में बंद महसूस कर रहे हैं। सामान्य दिनों में यह पहली बार हुआ है कि सेंट पीटर्स स्क्वेयर के समक्ष बनी इमारत की खिड़की से पोप ने श्रद्धालुओं को संबोधित न किया हो।
रविवार को पोप ने इंटरनेट के जरिये श्रद्धालुओं को प्रार्थना कराई और उन्हें आशीर्वाद दिया। 83 वर्षीय पोप खुद भी अस्वस्थ हैं लेकिन पड़ोसी देश इटली में फैली कोरोना वायरस की महामारी से बचाव के लिए वेटिकन में प्रार्थना सभा आयोजित नहीं की गई है।
रविवार को ऑनलाइन प्रार्थना और आशीर्वाद देने के बाद पोप उस खास खिड़की पर आए, जहां से वह अक्सर श्रद्धालुओं से मुखातिब होते हैं..सेंट पीटर्स स्क्वेयर पर मौजूद कुछ सौ श्रद्धालुओं को देखकर हाथ हिलाया और चले गए। ये लोग स्क्वेयर पर लगी चार बड़ी स्क्रीन के सामने तितर-बितर अवस्था में खड़े थे। सामान्य दिनों में यहां पर दसियों हजार लोग उपस्थित होते हैं।
प्रार्थना के बाद पोप ने कहा, यह दुर्भाग्यजनक है कि पवित्र प्रार्थना के लिए पोप को लाइब्रेरी रूपी पिंजड़े में कैद होना पड़ रहा है लेकिन मैं आप सभी को देख पा रहा हूं और आप सबके करीब हूं। पोप ने कोरोना वायरस से जूझ रहे लोगों को सांत्वना और शुभकामनाएं दीं। उन सभी लोगों को भी साधुवाद दिया जो पीडि़तों की सेवा में लगे हैं। जल्द ये मुश्किल समय खत्म होने का हौसला दिया। ऑनलाइन प्रार्थना सभा का यह सिलसिला कुछ और दिनों तक चलने की संभावना है। सन 2013 में पोप के रूप में चुने जाने के बाद पहली बार फ्रांसिस ने वेटिकन में रहते हुए भी खास खिड़की से प्रार्थना नहीं कराई है।