सर्वे: ब्रिटेन में बन सकती है लेबर पार्टी की सरकार! ब्रेक्जिट विवाद पर गरमाई राजनीति
यह चुनावी सर्वेक्षण कैलकुलस वेबसाइट द्वारा कराया गया है। ताजा सर्वे के नतीजे यह बताते हैं कि टोरियां 286 सांसदों के साथ सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरेगी।
लंदन [ एजेंसी ]। ब्रेक्जिट विवाद को लेकर ब्रिटिश प्रधानमंत्री टेरीजा मे की मुश्किलें बढ़ गई है। ब्रेक्जिट को लेकर ब्रिटेन में तीन मंत्रियों ने सरकार से इस्तीफा दे दिया है। एक साथ तीन मंत्रियों के इस्तीफे के बाद ब्रिटेन की प्रधानमंत्री टेरीजा मे सरकार संकट में है।
एक ताजा चुनावी सर्वे के मुताबिक ब्रेक्जिट के मुद्दे पर संकटों से घिरी प्रधानमंत्री टेरिजा मे की कंजर्वेटिव पार्टी को भले ही सबसे ज्यादा सीटें मिलें, लेकिन विपक्षी लेबर पार्टी सरकार बनाने की स्थिति में होगी। इसके लिए उसे एसएनपी का सहयोग मिल सकता है। अगर ऐसा हुआ तो लगभग एक दशक बाद लेबर पार्टी की सत्ता में वापसी होगी। गार्डन ब्राउन 2007 से 2010 तक लेबर पार्टी के प्रधानमंत्री थे।
यह चुनावी सर्वेक्षण कैलकुलस वेबसाइट द्वारा कराया गया है। ताजा सर्वे के नतीजे यह बताते हैं कि टोरियां 286 सांसदों के साथ सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरेगी। लेकिन वह डीयूपी के समर्थन के बावजूद भी सरकार बनाने में नाकाम होगी। सर्वेक्षण में कहा गया है कि 650 सदस्यों वाले इस सदन में बहुत कम सीटों से उसकी हार होगी। इसके विपरीत लेबर पार्टी की कम सीटें हालिस होने के बावजूद वह सरकार बनाने में कामयाब हो सकती है। उधर, लेबर पार्टी 283 सीटों के साथ भी सरकार बनाने की स्थिति में होगी। सर्वे में कहा गया है कि एसएनी के 43 सांसदों ब्रेक्जिट मुद्दे पर लेबर पार्टी की सरकार बनाने में मदद कर सकते हैं।
सर्वे नतीजों पर गौर करें तो कंजर्वेटिव पार्टी सबसे बड़ा दल होने के बावजूद सत्ता हासिल करने में कामयाब नहीं होगी। बता दें कि कैलकुस ने इस चुनावी सर्वेक्षण में 13,000 मतदाताओं की राय जानी गई है। मुख्य कार्यकारी मार्टिन बैक्सटर ने रविवार टेलीग्राफ को बताया कि ब्रिटेन के संसदीय चुनाव में ज्यादा उम्मीद यह है कि एक हंग संसद हो और कोई भी दल सरकार बनाने की स्थिति में नहीं हो।
आखिर क्या है ब्रेक्जिट पर असमंजस
ब्रेक्जिट से अलग होने में एक साल से भी कम समय बचा है, लेकिन अभी तक ब्रिटेन और यूरोपीय संघ में यह तय नहीं हो पाया है कि ब्रेक्जिट के बाद दोनों के बीच व्यापारिक संबंध किस तरह का होगा। ऐसे में ब्रिटेन में असमंजस और अनिश्चितता का माहौल खड़ा हो गया है। देश में गहराते राजनीतिक संकट के बीच माना जा रहा है कि टेरिजा मे की सरकार से अभी कुछ और मंत्रियों के इस्तीफे हो सकते हैं। हालांकि, कुछ लोग ईयू के साथ कड़े संबंध-विच्छेद के पक्ष में है, जो ब्रिटेन को ईयू के मुक्त व्यापार संघ से पूरी तरह अलग कर देगा। साथ ही दुनियाभर में उसे देशों के साथ नए व्यापारिक समझौते करने की अधिक आजादी देगा।