गुलाम कश्मीर के कार्यकर्ता ने उठाई इमरान के खिलाफ आवाज़, कहा- धर्म के नाम पर हमें बेवकूफ बना रहा पाकिस्तान
गुलाम कश्मीर के कार्यकर्ता शबीर चौधरी ने पाकिस्तानी पीएम इमरान खान पर कश्मीरियों को भड़काने और उन्हें बांटने का आरोप लगाया गया है।
लंदन, एएनआइ। गुलाम कश्मीर(पीओके) में पाकिस्तान के जुल्म और सितम की कहानी सभी जानते हैं। पाकिस्तान किस कदर गुलाम कश्मीर में मानवाधिकारों का खुला उल्लंघन करता है। इसको लेकर समय-समय पर वहां विरोध प्रदर्शन भी किया जाता है।
गुलाम कश्मीर(पीओके) के एक कार्यकर्ता ने पाकिस्तान सरकार पर धर्म के नाम पर बांटने का आरोप लगाया है। गुलाम कश्मीर(पीओके) के कार्यकर्ता और लेखक डॉ. शबीर चौधरी ने पाकिस्तान पर आरोप लगाते हुए कहा कि वह धर्म के नाम पर लोगों को बांटकर कश्मीरी लोगों को धोखा देने का काम करता है।
इसके साथ ही शबीर ने पाकिस्तान पर एक और आरोप भी लगाया कि कि आतंक और जिहादी संगठनों के लिए गुलाम कश्मीर(पीओके) की जमीन का इस्तेमाल भारत के खिलाफ हमलों के लिए करता है।
कश्मीरियों को भड़काता है पाकिस्तान
उन्होंने ये भी आरोप लगाया कि पाकिस्तान ने जम्मू कश्मीर का विशेष दर्जा समाप्त होने के बाद(आर्टिकल 370 हटाए जाने के बाद) से गुलाम कश्मीर के लोगों को धर्म के नाम पर भड़काने और बांटने की अपनी रणनीति और तेज कर दी है। जम्मू और कश्मीर की विशेष स्थिति को वापस लेने के बाद से, पाकिस्तान ने विभाजन बनाने और कश्मीरियों को धर्म के आधार पर भड़काने के लिए अपनी रणनीति तेज कर दी है।
डॉक्टर शबीर ने आगे कहा कि, 'पाकिस्तान की सबसे प्रमुख यह है कि वह धर्म के नाम पर भारत के साथ बंटवारे को सही ठहराना चाहता है। लेकिन अब लोग उनसे पूछते हैं कि क्या धर्म के आधार पर दो देशों के सिद्धांत पर आपकी सोच इतनी मजबूत है तो फिर बांग्लादेश आखिर क्यों बना ?'
धर्म के नाम पर बांटता है पाकिस्तान
उन्होंने आरोप लगाते हुए इमरान सरकार से कई सवाल पूछे, उन्होंने कहा, 'बलूचिस्तान में लोग आजादी की मांग क्यों कर रहे हैं? संघीय रूप से प्रशासित जनजातीय क्षेत्रों (FATA) और सिंध में, लोग आजादी के लिए पूछ रहे हैं। पाकिस्तान, जम्मू और कश्मीर विवाद को एक धार्मिक मुद्दा बनाना चाहता है। वह धर्म के नाम पर लोगों को बेवकूफ बना रहा है, उन्हें उकसाने का काम कर रहा है।'
पाकिस्तान में सेना, सरकार से ऊपर
इसके साथ ही शबीर चौधरी ने पाकिस्तान को एक असफल लोकतंत्र करार दिया, जहां सेना हमेशा खुद को सबसे ऊपर मानती है। उन्होंने पाकिस्तान पर एक और हमला बोलते हुए कहा, 'जो कोई भी पाकिस्तान की आलोचना या विरोध करता है उसे 'देशद्रोही' कहा जाता है। यह पाकिस्तान की संस्कृति में है जैसा कि उन्होंने (मुहम्मद अली) जिन्ना को देशद्रोही कहा। जब फातिमा जिन्ना ने डॉक्टर अयूब खान के खिलाफ चुनाव लड़ा तो उन्होंने एक भारतीय एजेंट को नवाज शरीफ कहा। शरीफ जो पाकिस्तान के तीन बार प्रधानमंत्री रहे, उन्हें भारत का एजेंट भी कहा जाता है।'