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FATF की ब्लैक लिस्ट में जाने से बाल-बाल बचा पाकिस्तान मना रहा जश्न, पीओके कार्यकर्ता ने साधा निशाना

आतंकी फंडिंग के मामले में एफएटीएफ के फैसले से पाकिस्तान गदगद है। पाकिस्तान के इसी रुख पर अब इमरान सरकार को निशाना बनाया गया है। गुलाम कश्मीर (पीओके) के कार्यकर्ता अमजद अयूब मिर्जा ने इमरान खान की अगुवाई वाली सरकार को आड़े हाथों लिया है।

By Shashank PandeyEdited By: Published: Wed, 28 Oct 2020 12:31 PM (IST)Updated: Wed, 28 Oct 2020 12:51 PM (IST)
FATF की ब्लैक लिस्ट में जाने से बाल-बाल बचा पाकिस्तान मना रहा जश्न, पीओके कार्यकर्ता ने साधा निशाना
ग्रे लिस्ट में रखे जाने पर जश्म मनाने पर इमरान सरकार को घेरा गया है।

लंदन, एएनआइ। फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स(एफएटीएफ) की ब्लैक लिस्ट में जाने से बाल-बाल बचने के बाद भी पाकिस्तान जश्म मनाने में जुटा हुआ है। पाकिस्तान में इमरान खान सरकार इसे अपनी डिप्‍लोमेटिक जीत के तौर पर दिखा रही है। आतंकी फंडिंग के मामले में एफएटीएफ (Financial Action Task Force, FATF) के फैसले पर पाकिस्तान गदगद है। पाकिस्तान के इसी रुख पर अब इमरान खान सरकार को निशाना बनाया जा रहा है।

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फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (एफएटीएफ) द्वारा पाकिस्तान को ब्लैक लिस्ट में डाले जाने से बाल-बाल बचने के बाद गुलाम कश्मीर (पीओके) के कार्यकर्ता अमजद अयूब मिर्जा ने इमरान खान की अगुवाई वाली पीटीआई सरकार को आड़े हाथों लिया है। उन्होंने कहा है कि पाकिस्तान में इमरान सरकार एफएटीएफ की ग्रे लिस्ट में बने रहने के शोक की बजाय ब्लैक लिस्ट में ना डाले जाने का जश्न मना रही है।

मिर्जा ने एक वेबिनार में ये बातें कहीं जिसे सीएमआरके (कश्मीर पर मीडिया अनुसंधान के लिए केंद्र) द्वारा आयोजित किया गया था। इस बेबिनार में उन्होंने कहा कि हम जानते हैं कि फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (एफएटीएफ) ने पाकिस्तान को ग्रे लिस्ट से बाहर निकालने से मना कर दिया है और को ब्लैक लिस्ट में प्रवेश करने से मना कर दिया है जिससे वह बाल बाल बची है।वे इसका जश्न मना रहे हैं कि वे ग्रे में हैं। इसका शोक मनाने की बजाय की कि वे ग्रे सूची में हैं।

पीओके कार्यकर्ता ने साथ ही कहा कि चीन, पाकिस्तान का इस्तेमाल भारत को सैन्य और आर्थिक रूप से घेरने के लिए कर रहा है - जैसे कि वो नेपाल, भूटान, म्यांमार का इस्तेमाल कर रहा है। एक चीनी सैन्य अड्डे का विकास एक अधिकृत क्षेत्र पर क्यों किया जा रहा है जो भारत के अंतर्गत आता है? यदि अमेरिका पूर्व-प्रहार कर सकता है तो क्या होगा? हमें ऐसा करने से रोक रहा है?


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