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बलूचिस्तान में सामूहिक हत्या कर दफनाए जा रहे लोग, ब्रिटिश सरकार ने खोली PAK की पोल !

ब्रिटेन की सरकार ने कहा कि बलूचिस्तान के खुजदार तुरबत और डेरा बुग्ती में सामूहिक कब्रें मिलने की जानकारी है।

By Shashank PandeyEdited By: Published: Sun, 15 Mar 2020 08:15 AM (IST)Updated: Sun, 15 Mar 2020 08:15 AM (IST)
बलूचिस्तान में सामूहिक हत्या कर दफनाए जा रहे लोग, ब्रिटिश सरकार ने खोली PAK की पोल !
बलूचिस्तान में सामूहिक हत्या कर दफनाए जा रहे लोग, ब्रिटिश सरकार ने खोली PAK की पोल !

लंदन, एएनआइ। ब्रिटिश सरकार पाकिस्तान के बलूचिस्तान प्रांत में लोगों की सामूहिक हत्या और उन्हें साथ दफनाए जाने के घटनाक्रमों से वाकिफ है। यह ब्रिटेन के विदेश राज्य मंत्री नीजेल एडम्स ने कही है। एडम्स ने कहा, हमें उन रिपोर्टो की जानकारी मिली है जिनमें बलूचिस्तान के खुजदार, तुरबत और डेरा बुग्ती में सामूहिक कब्रें मिलने की जानकारी है। इन रिपोर्ट से पाकिस्तान को लेकर ब्रिटिश सरकार की चिंता बढ़ गई है।

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उन्होंने कहा, सभी देशों की जिम्मेदारी है कि वे मानवाधिकारों के प्रति अपनी जिम्मेदारी निभाएं। इन अधिकारों में ही जीने का अधिकार भी शामिल है। लेकिन पाकिस्तान में इनका लगातार उल्लंघन हो रहा है। इसके चलते ब्रिटेन पाकिस्तान के शीर्ष स्तर पर अपनी चिंता जता चुका है। पाकिस्तान सरकार के साथ होने वाली हर बातचीत में ब्रिटेन कानून व्यवस्था की स्थिति और मानवाधिकारों का मसला उठाता है।

मंत्री ने बताया कि दक्षिण एशिया मामलों और राष्ट्रमंडल मामलों के मंत्री अहमद ने पाकिस्तान की मानवाधिकार मामलों की मंत्री से फरवरी में हुई वार्ता में मानवाधिकारों को लेकर चिंता जताई थी। एडम्स ने यह बात ब्रिटिश संसद में लेबर पार्टी के सांसद स्टीफन मॉर्गन के एक लिखित सवाल के जवाब में कही। मॉर्गन ने बलूचिस्तान में मानवाधिकारों की स्थिति पर चिंता जताई थी।

मॉर्गन ने अपने सवाल में यह भी लिखा है कि पाकिस्तान सरकार बलूचिस्तान में नागरिकों के दमन के लिए ब्रिटेन के हथियारों का इस्तेमाल कर रही है। उसे ऐसा करने से रोका जाए। मंत्री ने कहा, यूरोपीय यूनियन से अलगाव के बाद सभी एक्सपोर्ट लाइसेंसों की समीक्षा की जा रही है। पाकिस्तान को हथियार बेचने की प्रक्रिया पर भी गौर किया जाएगा।

दक्षिण एशिया मामलों और राष्ट्रमंडल मामलों के मंत्री अहमद ने पाकिस्तान की मानवाधिकार मामलों की मंत्री से फरवरी में हुई वार्ता में मानवाधिकारों को लेकर चिंता जताई थी। एडम्स ने यह बात ब्रिटिश संसद में लेबर पार्टी के सांसद स्टीफन मॉर्गन के एक लिखित सवाल के जवाब में कही। 


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