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दाऊद इब्राहीम के गुर्गे का अमेरिका को प्रत्यर्पण रोकने में जुटा पाकिस्‍तान, नहीं तो दुनिया के सामने खुल सकती है पोल

जाबिर मोतीवाला अंडरव‌र्ल्ड डॉन और डी कंपनी चलाने वाले दाऊद इब्राहीम के पूरी दुनिया में चलने वाले नशे के कारोबार को देखता है। वह डी कपंनी का प्रमुख फाइनेंसर भी है। दाऊद के सभी अवैध कामों से होने वाली आय का जिम्मा वही संभालता है।

By Arun Kumar SinghEdited By: Published: Sat, 27 Mar 2021 04:22 PM (IST)Updated: Sat, 27 Mar 2021 06:00 PM (IST)
दाऊद इब्राहीम के गुर्गे का अमेरिका को प्रत्यर्पण रोकने में जुटा पाकिस्‍तान, नहीं तो दुनिया के सामने खुल सकती है पोल
अंडरव‌र्ल्ड डॉन और डी कंपनी चलाने वाले दाऊद इब्राहीम के गुर्गे जाबिर मोतीवाला

 लंदन, आइएएनएस। अंडरव‌र्ल्ड डॉन और डी कंपनी चलाने वाले दाऊद इब्राहीम के गुर्गे जाबिर मोतीवाला के अमेरिका प्र‌र्त्यपण को रोकने के लिए पाक खुफिया एजेंसी आइएसआइ एड़ी चोटी का जोर लगाए हुए है। लंदन में पाकिस्तानी उच्चायुक्त भी मोतीवाला की पैरवी करने वालों के साथ देखे गए हैं। पाकिस्तान को आशंका है कि मोतीवाला को अमेरिका को सौंपते ही दाऊद का पूरा नेटवर्क और पाकिस्तान की सरपरस्ती दुनिया के सामने आ जाएगी। 

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डी कंपनी के ड्रग्स सिंडीकेट का मुखिया है जाबिर मोतीवाला

भारतीय खुफिया एजेंसी सूत्रों के अनुसार, जाबिर मोतीवाला दाऊद के पूरी दुनिया में चलने वाले नशे के कारोबार को देखता है। वह डी कपंनी का प्रमुख फाइनेंसर भी है। दाऊद के सभी अवैध कामों से होने वाली आय का जिम्मा वही संभालता है। लंदन में हाई कोर्ट से प्रत्यर्पण का रास्ता साफ होने के बाद उस पर अमेरिका में नशे के कारोबार और मनी लांड्रिंग का केस चलेगा। ऐसे में सब कुछ साफ हो जाएगा। 

लंदन की जेल में बंद है जाबिर मोतीवाला

यही नहीं, मुंबई बम कांड की भी पूरी परतें खुल जाएंगी। मुंबई बम कांड का संचालन कराची में बैठे आतंकियों के आकाओं ने किया था। दिल्ली सूत्रों के मुताबिक मोतीवाला पाकिस्तानी नागरिक है और फिलहाल वह बेंड्सवर्थ, लंदन की जेल में बंद है। गुरुवार को हाईकोर्ट ने उसके अमेरिका प्रत्यर्पण के मामले में फैसला सुरक्षित कर लिया है। इससे पहले वेस्टमिनिस्टर की मजिस्ट्रेट कोर्ट ने उसके प्रत्यर्पण की अनुमति दे दी थी। मोतीवाला के संबंध में अमेरिकी खुफिया एजेंसियों ने नशे के कारोबार में संबंधित सभी दस्तावेज जुटा लिए हैं। अमेरिकी एजेंसियों के पास उसके दाऊद का फाइनेंसर होने के भी पुख्ता सुबूत हैं। 

लंदन स्थित पाकिस्तानी उच्चायोग सहित आइएसआइ भी सक्रिय हुई

मामला अमेरिका के हाथ में न जाए, इसको लेकर लंदन स्थित पाकिस्तानी राजनयिक हर कोशिश में लगे हुए हैं। उसे पाकिस्तानी मीडिया से लेकर खुफिया एजेंसियां सम्मानित व्यापारी साबित करने में लगे हुए हैं। पाकिस्तान जानता है कि मामला अमेरिका के हाथ में आते ही पाक का आतंक, नशे के कारोबार और मनी लांड्रिंग सभी में दाऊस से गठजोड़ का पर्दाफाश हो जाएगा।


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