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विज्ञानी ने कहा, कोरोना के खिलाफ ओमिक्रोन ने जगाई उम्मीद की पहली किरण, जानें कैसे

कोरोना के ओमिक्रोन वैरिएंट से एक से दो दिन में मामले दोगुना हो जा रहे हैं। स्वास्थ्य व्यवस्था के अस्तव्यस्त होने का खतरा पैदा हो गया है। परंतु विज्ञानियों के मुताबिक भय और दहशत के बीच यह वैरिएंट विश्व को कोरोना से मुक्ति दिलाने की उम्मीद भी जगा रहा है।

By Arun Kumar SinghEdited By: Published: Sun, 09 Jan 2022 08:19 PM (IST)Updated: Sun, 09 Jan 2022 10:01 PM (IST)
विज्ञानी ने कहा, कोरोना के खिलाफ ओमिक्रोन ने जगाई उम्मीद की पहली किरण, जानें कैसे
कोरोना के ओमिक्रोन वैरिएंट की फाइल फोटो।

लंदन, आइएएनएस। कोरोना के ओमिक्रोन वैरिएंट ने पूरे विश्व में डर का माहौल पैदा कर दिया है। यह वैरिएंट इतनी तेजी से फैल रहा है जिसकी पहले कल्पना नहीं की गई थी। एक से दो दिन में मामले दोगुना हो जा रहे हैं। स्वास्थ्य व्यवस्था के अस्तव्यस्त हो जाने का खतरा पैदा हो गया है। परंतु, विज्ञानियों के मुताबिक भय और दहशत के बीच यह वैरिएंट विश्व को कोरोना से मुक्ति दिलाने की उम्मीद भी जगा रहा है।

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भविष्य में सामान्य सर्दी-जुकाम की तरह होकर रह जाएगा कोरोना

ब्रिटेन के वार्विक विश्वविद्यालय के प्रोफेसर और साइटिफिक पैनडेमिक इन्फ्लुएंजा ग्रुप आन माडलिंग (एसपीआइ-एम) के सदस्य डा. माइक टिल्डस्ले कहते हैं कि तेजी से फैलने वाले ओमिक्रोन का उभरना दुनिया को कोरोना महामारी से मुक्ति मिलने की दिशा में उम्मीद की पहली किरण हो सकती है। यह भविष्य में और हल्के वैरिएंट के सामने आने का संकेत भी देता है। ओमिक्रोन यह भी बताया है कि अब लोगों को कोरोना के साथ ही रहना होगा क्योंकि यह बीमारी सामान्य सर्दी-जुकाम बनकर रह जाएगी।

कहा, अस्पतालों में मरीज जरूर बढ़ रहे पर जल्द ठीक भी हो रहे

डा. टिल्डस्ले ने यह भी कहा कि अभी हम बहुत बेहतर स्थिति में नहीं हैं, क्योंकि कोरोना संक्रमण के मामले बहुत तेजी से बढ़ रहे हैं और अस्पतालों में मरीजों की संख्या रिकार्ड स्तर तक पहुंच गई है। टाइम्स रेडियो के साथ शनिवार को उनकी बातचीत को उद्धृत करते हुए गार्जियन ने कहा है कि भविष्य में स्थितियां बदल सकती हैं और एक नया कम गंभीर वैरिएंट सामने आ सकता है।

उन्होंने आगे कहा कि आखिरकार ऐसा समय भी आएगा जब कोरोना वैश्विक महामारी की जगह सामान्य सर्दी जुकाम की तरह स्थानिक बीमारी बनकर रह जाएगा, जिसके साथ हम वर्षो से रह रहे हैं। डा. टिल्डस्ले ने कहा कि ओमिक्रोन के चलते अस्पतालों में मरीजों की संख्या जरूर बढ़ रही है, लेकिन इसके कम गंभीर होने से मरीज अस्पताल में ज्यादा दिनों तक नहीं रह रहे जो बड़ी राहत की बात है। डेल्टा की तुलना में इसके लक्षण कम गंभीर नजर आ रहे हैं।


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