अब 'ब्लड काउंट' बताएगा कोरोना की गंभीरता, डॉक्टरों के लिए भी आसान होगा मरीजों का उपचार
शोधकर्ताओं ने कहा कि आम तौर पर अस्पतालों के आपातकालीन विभाग में भर्ती कोरोना मरीजों की ही रक्त कोशिकाओं का विस्तार से विश्लेषण (हेमोसाइटोमेट्री) किया जाता है। कोविड-19 होने पर रक्त कोशिकाओं में विशिष्ट परिवर्तन देखने को मिलते हैं जो यह तय करते हैं संक्रमण कैसा होगा।
लंदन, आइएएनएस। कोरोना वायरस (कोविड-19) के संक्रमण का पता लगाने के लिए तो विज्ञानियों ने कई तरीके विकसित कर लिए हैं। अब इसकी गंभीरता के आकलन के लिए भी विज्ञानियों ने एक नई विधि का सुझाव दिया है। उनका दावा है कि 'फुल ब्लड काउंट' टेस्ट के जरिये कोविड-19 के बारे में पूर्वानुमान लगाया जा सकता है कि यह ज्यादा गंभीर संक्रमण होगा या सामान्य। ऐसे अनुमानों से स्वास्थ्यकर्मियों को भी मरीज के इलाज में सहूलियत होगी और वह जल्द से जल्द संक्रमणमुक्त भी हो सकेंगे। 11 अस्पतालों में किए गए इस अध्ययन को जर्नल ई-लाइफ में प्रकाशित किया है।
बता दें कि फुल ब्लड काउंट या कंप्लीट ब्लड काउंट (सीबीसी) टेस्ट में टाइप ऑफ सेल्स (कोशिका के प्रकार) और उनकी की संख्या के बारे में जानकारी मिलती है।
नीदरलैंड्स रेडबाउड यूनिवर्सिटी मेडिकल सेंटर के प्रमुख शोधकर्ता आंद्रे वान डेर वेन ने कहा, 'तकनीकों का उपयोग करके कुछ रक्त कोशिकाओं की विशेषता को बेहतर तरीके से निर्धारित किया जा सकता है और इन तकनीकों का उपयोग करके हम एक विश्वसनीय रोगनिरोधक स्कोर (अंक) विकसित करने में सक्षम हो सकते हैं।' उन्होंने कहा कि यह स्कोर बताता है कि संक्रमण के मामले गंभीर होंगे या नहीं। इसके अलावा यह इलाज के निर्णय लेने में स्वास्थ्य पेशेवरों की मदद कर सकता है।
परिणामों की विश्वसनीयता 93 फीसद
शोधकर्ताओं ने कहा कि आम तौर पर अस्पतालों के आपातकालीन विभाग में भर्ती कोरोना मरीजों की ही रक्त कोशिकाओं का विस्तार से विश्लेषण (हेमोसाइटोमेट्री) किया जाता है। कोविड-19 होने पर रक्त कोशिकाओं में विशिष्ट परिवर्तन देखने को मिलते हैं, जो यह तय करते हैं संक्रमण कैसा होगा। रक्त कोशिकाओं में ये बदलाव विशेष तौर पर नई तकनीक से जरिये अध्ययन करने पर ही दिखाई देते हैं। इसके लिए एक एग्लोरिद्म का प्रयोग किया जाता है। शोधकर्ताओं ने दावा किया कि इस तकनीक की मदद से मिलने वाले परिणामों की विश्वसनीयता 93 फीसद है।
इसलिए किया जाता है सीबीसी टेस्ट
कंप्लीट ब्लड काउंट (सीबीसी) टेस्ट बीमारी के लक्षणों और कारणों को समझने और उसे जड़ से ठीक करने में मदद कर सकता है। यदि डॉक्टर को लगता है कि आप किसी संक्रमण से जूझ रहे हैं तो सीबीसी टेस्ट के माध्यम से वो इस बात को कन्फर्म कर सकता है। इसके अलावा यदि कोई ब्लड डिसऑर्डर या रक्त संबंधी बीमारी आपके सेल्स (कोशिकाओं) की गिनती को प्रभावित कर रही है, तो इसकी जांच के लिए भी सीबीसी रिपोर्ट की मदद ली जाती है।