PNB Fraud Case: नीरव मोदी और उसकी बहन के स्विस खाते हुए सीज, ED ने दिया था आदेश
लंदन की जेल में बंद भगोड़ा हीरा कारोबारी नीरव मोदी को लंदन कोर्ट में नियमित रिमांड सुनवाई के पेश होना है। इसी बीच स्विट्जरलैंड में उसके बैंक खातों को सीज कर दिया गया है।
लंदन, प्रेट्र। PNB Fraud Case देश को करोड़ो रूपये के चुना लगाकर भागे हीरा कारोबारी नीरव (Nirav Modi) की मुश्किलें अब लगातार बढ़ती जा रही है। स्विट्जरलैंड में मौजूद नीरव मोदी के बैंक खातों को सीज कर दिया गया है। नीरव मोदी और उसकी बहन पूर्वी मोदी के चार बैंक खाते सीज कर दिए गए हैं। स्विस ऑथरिटी ने यह कार्रवाई प्रवर्तन निदेशालय के आदेश पर की है।
गुरुवार को लंदन में वेस्टमिंस्टर मजिस्ट्रेट कोर्ट में नीरव को नियमित रिमांड सुनवाई के लिए भी पेश होना है। इस सुनवाई के लिए वह वीडियो कान्फ्रेंस के जरिए पेश होगा। 48 वर्षीय, नीरव मोदी पंजाब नेशनल बैंक (PNB Scam) धोखाधड़ी और मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में मार्च में गिरफ्तारी के बाद से दक्षिण-पश्चिम लंदन के वंड्सवर्थ जेल में बंद है। इस महीने की शुरुआत में यूके उच्च न्यायालय द्वारा उसकी जमानत अपील को खारिज कर दिया गया था। नीरव मोदी ने चौथी बार जमानत के लिए प्रयास किया था।
लंदन में न्याय के शाही न्यायालयों में सौंपे गए अपने फैसले में, न्यायमूर्ति इंग्रिड सिमलर ने निष्कर्ष निकालते हुए कहा कि उनके पास यह मानने के लिए पर्याप्त आधार थे कि नीरव मोदी आत्मसमर्पण करने में विफल होगा। क्योंकि उसके पास फरार होने के साधन हैं। पहले की जमानत के प्रयासों के दौरान वेस्टमिंस्टर मैजिस्ट्रेट कोर्ट ने बाकी लोगों की तरह चिंताओं को दोहराते हुए न्यायाधीश सिमलर ने फैसला सुनाया था। उन्होंने कहा था कि इस मामले में गवाहों के हस्तक्षेप और सबूत नष्ट करने के मजबूत सबूत मिले थे। उन्होंने नीरव की अपील को यह कहते हुए खारिज कर दिया कि यह अभी भी हो सकता है।
न्यायाधीश ने कहा, आवेदक (नीरव मोदी) के पास 2 मिलियन पाउंड की बढ़ी हुई (जमानत बांड सुरक्षा) प्रस्ताव द्वारा समर्थित काफी वित्तीय संसाधनों तक पहुंच है।। न्यायधीश ने आगे कहा कि याचिकाकर्ता पर कई देशों में धोखाधड़ी के मामले दर्ज हैं, ऐसे में जमानत देना ठीक नहीं होगा। मार्च में गिरफ्तारी के बाद से न्यायिक हिरासत में रह रहे मोदी को उच्च न्यायालय में एक आवेदन दायर करने का स्वत: अधिकार है और उसे अपील करने की अनुमति की आवश्यकता नहीं है। इस बीच, उसके प्रत्यर्पण मामले में पहली केस मैनेजमेंट की सुनवाई 30 मई को वेस्टमिंस्टर मजिस्ट्रेट कोर्ट में हुई, जब जज एम्मा अर्बुथनोट ने भारत सरकार को यह पुष्टि करने के लिए निर्देश दिया कि मोदी आगर भारत में प्रत्यार्पण करता है तो उसे कौनसी जेल में रखा जाएगा। इसके लिए कोर्ट ने भारत को 14 दिनों की समय सीमा दी थी।
यूके की क्राउन प्रॉसिक्यूशन सर्विस (CPS), जो कि भारत सरकार का प्रतिनिधित्व करत है, ने 11 जुलाई तक मोदी के खिलाफ प्रथम दृष्टया मामला दर्ज करने के लिए एक प्रारंभिक स्थिति का बयान पेश करने के लिए कहा कि। इसमें मामले की अगली सुनवाई 29 जुलाई को हानी है। इस दौरान प्रत्यर्पण परीक्षण के लिए समयसीमा निर्धारित की जानी है।
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