Pnb Bank Scam: भारत प्रत्यर्पण के खिलाफ नीरव मोदी की ब्रिटेन के हाई कोर्ट में सुनवाई की गई शुरू
Pnb Bank Scam हाई कोर्ट में अपीली सुनवाई नीरव मोदी जीत जाते हैं तो भारत सरकार उनका प्रत्यर्पण तब तक नहीं करा सकती जब तक सुप्रीम कोर्ट से जनता के महत्व के बिंदु पर अपील करने की अनुमति नहीं ले लेती।

लंदन, प्रेट्र। ब्रिटेन की एक अदालत ने दो अरब डालर के पीएनबी बैंक घोटाले में आरोपित नीरव मोदी के भारत प्रत्यर्पण की निरंतरता अपील पर सुनवाई शुरू की है। 51 वर्षीय हीरा कारोबारी नीरव ने पिछले साल ही अपने मानसिक स्वास्थ्य के आधार पर अपने प्रत्यर्पण के आदेश पर रोक लगाने के लिए अपील की है।
लार्ड जस्टिस जर्मी स्टुअर्ट-स्मिथ और जस्टिस राबर्ट जे की अध्यक्षता में पिछले साल दिसंबर हाई कोर्ट में एक शुरुआती सुनवाई हुई जिसमें यह देखना था कि वेस्टमिनस्टर मेजिस्ट्रेट कोर्ट के डिस्ट्रिक्ट जज सैम गूजी की फरवरी, 2021 की रूलिंग हीरा कारोबारी के प्रत्यर्पण के पक्ष में दिए फैसले से उसके आत्महत्या करने का खतरा बढ़ता है कि नहीं। निरंतरता अपील की सुनवाई इसी हफ्ते फिर होनी है। इस पर फैसला भी जल्दी आ सकता है।
नीरव मोदी के पास प्रत्यर्पण से बच निकलने के लिए जानिए क्या है आखिरी विकल्प
अगर हाई कोर्ट में अपीली सुनवाई नीरव मोदी जीत जाते हैं तो भारत सरकार उनका प्रत्यर्पण तब तक नहीं करा सकती जब तक सुप्रीम कोर्ट से जनता के महत्व के बिंदु पर अपील करने की अनुमति नहीं ले लेती। लेकिन अगर इसका उल्टा हुआ और नीरव मोदी यह अपील हार जाते हैं तो वह हाई कोर्ट के फैसले के 14 दिन के अंदर जनता के महत्व के बिंदु पर सुप्रीम कोर्ट का रुख कर सकते हैं। लेकिन सुप्रीम कोर्ट में भी अपील करना आसान नहीं है, क्योंकि यह तभी संभव है जब हाई कोर्ट यह प्रमाणित करे कि केस में कानून का आधार जनता के अत्यधिक महत्व का है। ब्रिटेन की अदालतों के सभी विकल्प तलाश लेने के बाद भी नीरव मोदी के पास प्रत्यर्पण से बच निकलने के लिए आखिरी विकल्प यूरोपियन कोर्ट आफ ह्यूमन राइट (ECHR) का कथित रूल नंबर-39 भी होगा।
इस मामले से संबंधित अधिकारियों के अनुसार भारत सरकार ने नीरव मोदी के प्रत्यर्पण के बाद भारत की जेल में उसके शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य की देखरेख का पूरा ब्योरा ब्रिटिश सरकार और अदालतों को दे रखा है। दोनों पक्ष मौजूदा अदालत में अपना पक्ष रखेंगे और उसी आधार पर फैसला सुनाया जाएगा। नीरव मोदी मार्च, 2019 से लंदन स्थित वांड्सवर्थ जेल में कैद है।
Edited By Dhyanendra Singh Chauhan