ब्रिटेन में पर्यटकों को 14 दिनों तक क्वांरटाइन में रहना होगा, ट्रैवल कंपनियों की अराजकता से खिन्न सरकार
गर्मियों के मौसम में आने वाले यात्रियों एवं पर्यटकों की वजह से सरकार को यह कदम उठाना पड़ा। सरकार का कहना है कि ट्रैवल कंपनियों की अराजकता के कारण यह स्थिति उत्पन हुई है।
लंदन, एजेंसी। ब्रिटेन सरकार ने साफ कर दिया है कि कोरोना वायरस के उच्च प्रसार के मद्देनजर पर्यटकों एवं यात्रियों पर 14 दिनों तक क्वांरटाइन लगाने के अलावा कोई विकल्प नहीं है। संस्कृति मंत्री ओलिवर डाउडेन ने बुधवार को कहा कोरोना के दूसरे प्रसार को रोकने के लिए उनके देश के पास और कोई वैकल्पिक विकल्प नहीं है। ब्रिटेन ने गत सप्ताह स्पेन के यात्रियों के लिए क्वांरटाइन का आदेश दिया था।
ट्रैवल कंपनियों की अराजकता के कारण यह स्थिति उत्पन हुई
गर्मियों के मौसम में आने वाले यात्रियों एवं पर्यटकों की वजह से सरकार को यह कदम उठाना पड़ा। सरकार का कहना है कि ट्रैवल कंपनियों की अराजकता के कारण यह स्थिति उत्पन हुई है। मंत्री ने कहा कि हम अन्य देशों से फि र से आयात करने का जोखिम नहीं उठा सकते, जहां कोरोना के रोगी बढ़ रहे हैं। इसलिए हमने स्पेन पर प्रतिबंध लगाया है। हालांकि, उन्होंने कहा कि हम सभी विकल्पों की समीक्षा कर रहे हैं। हमारा मकसद है कि ब्रिटेन में कोरोना के प्रसार को कम करना।
अब यूरोप के अन्य देशों- जर्मनी और फ्रांस पर टिकी नजर
मंगलवार को ब्रिटेन सरकार ने संकेत दिए थे कि गर्मी की छुट्टियों में स्पेन से आने वाले पर्यटकों पर 14 दिनों तक क्वारंटाइन के फैसले के बाद ब्रिटेन की नजर अब यूरोप के अन्य देशों- जर्मनी और फ्रांस पर टिकी है। ब्रिटेन में कोरोना वाररस के प्रसार में वृद्धि के बाद यह फैसला लिया गया है। क्वारंटाइन का फैसला सबसे कठोर फैसलों में एक है। ब्रिटेन सरकार के इस फैसले के लीक होने के बाद पर्यटकों की बेचैनी बढ़ गई है। ब्रिटेन का यह फैसला ऐसे समय आया है जब एयरलाइंस और ट्रैवल कंपनियों की लॉकडाउन के कारण दम निकल रहा है। स्पेन ने ब्रिटेन से अनुरोध किया है कि वह बैलेरिक और कैनरी द्वीपों को क्वारंटाइन के नियमों से बाहर रखे।
काेरोना की दूसरी लहर से चौपट हो सकता है पर्यटन उद्योग
जॉन्स हॉपकिन्स विश्वविद्यालय के अनुसार रूस ने पिछले सप्ताह में 40,762 नए मामले दर्ज किए हैं, स्पेन ने 12,166, फ्रांस ने 5,858, यूनाइटेड किंगडम ने 4,662 और जर्मनी ने 3,932 की सूचना दी है। कोरोना वायरस की दूसरी लहर आर्थिक अराजकता और यात्राओं पर प्रतिबंध लगा सकती है। इससे यूरोप का पर्यटन व्यवसाय पूरी तरह चौपट हो सकती है