पोम्पिओ ने लंदन पर बीजिंग के खिलाफ खोला मोर्चा, हुआवेई और हांगकांग पर ब्रिटेन स्टैंड को सराहा
उन्होंने कहा कि दक्षिण चीन सागर में बीजिंग ने आक्रामकता की नीति अपना रखी है। इससे महासागर के छोटे द्वीपीय राष्ट्रों की संप्रभुता के लिए एक बड़ा खतरा उत्पन्न हो गया है।
लंदन, एजेंसी। अमेरिकी विदेश मंत्री माइकल पोम्पिओ ने अपनी लंदन यात्रा के दौरान चीन के खिलाफ जबरदस्त मोर्चा खोला है। उन्होंने कहा कि दक्षिण चीन सागर में बीजिंग ने आक्रामकता की नीति अपना रखी है। इससे महासागर के छोटे द्वीपीय राष्ट्रों की संप्रभुता के लिए एक बड़ा खतरा उत्पन्न हो गया है। ब्रिटिश प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन और विदेश सचिव डॉमिनिक रैब के साथ बैठक के दौरान उन्होंने आग्रह किया कि चीन के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय गठबंधन की जरूरत है। इस मौके पर पोम्पिओ ने हुआवेई और हांगकांग पर ब्रिटेन के स्टैंड का स्वागत किया है। उन्होंने कोरोना वायरस के प्रसार के लिए चीन को पूरी तरह से दोषी करार दिया। चीन ने विश्व स्वास्थ्य संगठन के साथ सांठगांठ करके इस कार्य को अंजाम दिया है।
कोरोना प्रसार के लिए चीन पूरी तरह से जिम्मेदार
अमेरिकी विदेश मंत्री ने कहा कि चीन की उपेक्षा के कारण ही कोरोना वायरस का प्रसार दुनिया में हुआ। पोम्पिओ ने चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग की निंदा की। चीन ने अपने हितों को आगे बढ़ाने के लिए आपदा को छिपाए रखा। दुनिया को कोरोना महामारी से बचाने के बजाए, उन्होंने इस महामारी के प्रसार में मदद की। विदेश मंत्री ने इस महामारी के वैश्विक प्रसार के लिए चीन को पूरी तरह से दोषी ठहराया। उन्होंने कहा कि इससे चीन का असली चेहरा सामने आ गया है। इस आपदा में चीनी कम्युनिष्ट पार्टी का शोषित और घृणित चेहरा सामने आया है।
चीनी कम्युनिस्ट पार्टी ने हांगकांग की स्वतंत्रता का किया हरण
अमेरिकी विदेश मंत्री ने एक लाइव-स्ट्रीम में कहा कि चीनी कम्युनिस्ट पार्टी ने हांगकांग की स्वतंत्रता का हरण किया है। उन्होंने राष्ट्रीय सुरक्षा कानून का नाम लिए बगैर कहा कि सीसीपी हांगकांग की आजादी को खत्म कर दिया। इस बीच सीसीपी ने पड़ोसी मुल्कों को धमकाने का काम शुरू किया है। उन्होंने हांगकांग मुद्दे पर ब्रिटिश सरकार के स्टैंड की सराहना की है। पोम्पिओ ने कहा कि मैं इन चुनौतियों से निपटने के लिए ब्रिटिश सरकार द्वारा स्टैंड लिए जाने पर बधाई देता हूं। हांगकांग, हुआवेई और उइगर मुस्लिमों के मानवाधिकारों के हनन पर चीन के साथ ब्रिटेन के बढ़ते गतिरोध के बीच लंदन का समर्थन किया।