एना बर्न्स को 'मिल्कमैन' के लिए मिला मैन बुकर पुरस्कार, कुछ यूं है #MeToo से कनेक्शन
लेखिका एना बर्न्स को मिल्कमैन के लिए मैन बुकर अवॉर्ड-2018 से सम्मानित किया गया है।
लंदन, आइएएनएस। #MeToo अभियान आखिर है क्या? देश के कोने में कई ऐसी महिलाएं होंगी जिन्हें शायद #MeToo के बारे में पता ही नहीं होगा। हो सकता कि वे भी कई बार इस #MeToo का शिकार हुईं हों, लेकिन इस शब्द से अंजान हों। एक युवती/महिला जो किसी व्यक्ति के हाथों शारीरिक और मानसिक रूप से प्रताड़ित की जाती है, यानी वो इस #MeToo की भुक्त-भोगी है। इसी #MeToo का शिकार महिला की दिलचस्प और रोंगटे खड़े करने वाली कहानी 'मिल्कमैन' नाम के उपन्यास में दर्शायी गई है, हालांकि उस वक्त ये शब्द चलन या कहे चर्चित नहीं था। अब इस उपन्यास की लेखिका एना बर्न्स को 'मिल्कमैन' के लिए 'मैन बुकर अवॉर्ड-2018' से सम्मानित किया गया है।
सम्मान पाने वाली आयरलैंड की पहली महिला लेखिका
56 वर्षीय लेखिका एना बर्न्स यह पुरस्कार पाने वाली आयरलैंड की पहली लेखिका हैं। इस सम्मान के साथ-साथ एना को 52,500 पाउंड (50 लाख 85 हजार रुपये) की इनामी राशि भी दी गई। बता दें कि बुकर के 49 साल के इतिहास में इस पुरस्कार से सम्मानित होने वाली एना 17वीं और 2013 के बाद से पहली महिला हैं।
एक प्रेम कहानी पर आधारित है मिल्कमैन
'मिल्कमैन' की कहानी से एक युवा लड़की के इर्द-गिर्द घुमती है, जिसे शादीशुदा व्यक्ति से प्यार हो जाता है। इसके बाद नॉर्दर्न आयरलैंड में दोनों लोगों को राजनीतिक गतिरोध का सामना करना पड़ता है। मिल्कमैन उपन्यास क्रूरता, यौन अतिक्रमण और हास्य के साथ प्रतिरोध की कहानी है। मिल्कमैन एक ऐसी लड़की पर केंद्रित है जो एक रूढ़िवादी समुदाय में अफवाह, सामाजिक दबाव और राजनीति के जरिए अपना रास्ता तलाशती है।
कौन-कौन किताबें थीं नॉमिनेट
पुरस्कार के लिए एना का मुकाबला दो ब्रिटेन, दो अमेरिकी और एक कनाडा के लेखक से था। 'मिल्कमैन' ने डेजी जॉनसन (27) के उपन्यास एवरीथिंग अंडर को पछाड़कर यह अवॉर्ड हासिल किया। 'मैन बुकर' के इतिहास में डेजी अब तक सबसे युवा नॉमिनी थीं। जिन अन्य किताबों को नॉमिनेट किया गया था, उनमें द लॉन्ग लेक (रॉबिन रॉबर्टसन), वॉशिंगटन ब्लैक (एसी एडुग्यान), द मार्स रूम (रैचेल कुशनर) और द ओवरस्टोरी (रिचर्ड पावर्स) थीं।
'...#MeToo के बारे में सोचने में मदद करेगा'
बता दें कि एना को प्रिंस चार्ल्स की पत्नी और डचेस ऑफ कार्नवॉल कैमिला पार्कर ने ट्रॉफी देकर सम्मानित किया। इस बार जजों को पुरस्कार के लिए 171 प्रविष्टियां मिली थीं। जजों के पैनल की अगुआई करने वाले क्वामे एंथनी अपैया ने मिल्ममैन की तारीफ करते हुए कहा कि एना ने अपनी किताब में जो लिखा, वैसा हमने पहले कभी नहीं पढ़ा। वह अपने लेखन में पारंपरिक सोच को चुनौती देती दिखाई देती हैं। अपैया ने कहा, 'मुझे लगता है कि यह उपन्यास लोगों को #MeToo के बारे में सोचने में मदद करेगा.... हमें इसकी गहरी, सूक्ष्म और नैतिक रूप व बौद्धिक रूप से चुनौतीपूर्ण तस्वीर देने के लिए सराहना की जानी चाहिए, जिस कारण #MeToo है।
क्या है मैन बुकर अवॉर्ड
मैन बुकर पुरस्कार फॉर फिक्शन, जिसे मैन बुकर पुरस्कार या फिर बुकर पुरस्कार भी कहा जाता है। ये पुरस्कार कॉमनवैल्थ या आयरलैंड के नागरिक द्वारा लिखे गए मौलिक अंग्रेजी उपन्यास के लिए हर वर्ष दिया जाता है। बुकर पुरस्कार की स्थापना 1969 में इंग्लैंड की बुकर मैकोनल कंपनी द्वारा की गई थी। इसमें 60 हजार पाउंड की राशि विजेता लेखक को दी जाती है। इस पुरस्कार के लिए पहले उपन्यासों की एक लंबी सूची तैयार की जाती है और फिर पुरस्कार वाले दिन की शाम के भोज में पुरस्कार विजेता की घोषणा की जाती है। पहला बुकर पुरस्कार अलबानिया के उपन्यासकार इस्माइल कादरे को दिया गया था।