ईयू कोर्ट ऑफ जस्टिस के फैसले के बाद टेरीजा की ब्रेक्जिट पर सांसदों को मानने की कोशिशें तेज
कोर्ट के फैसले का असर ब्रेक्जिट को रोकने को लेकर होने वाले दुसरे जनमत संग्रह और सांसदों द्वारा किए जाने वाले मतदान पर पड़ सकता है।
लंदन,एएफपी। यूरोपियन कोर्ट ऑफ जस्टिस के ब्रिटेन को यूरोपीय संघ से बाहर होने की अपनी योजना वापस लेने का एकतरफा अधिकार बताने के बाद प्रधानमंत्री टेरीजा मे ने सोमवार को अंतिम बार ब्रेक्जिट पर अपने फैसले को लेकर सांसदों को मनाने की कवायद शुरू कर दी है।
कोर्ट के इस फैसले का असर ब्रेक्जिट को रोकने को लेकर होने वाले दूसरे जनमत संग्रह और सांसदों द्वारा किए जाने वाले मतदान पर पड़ सकता है।
पिछले महीने ब्रसेल्स के साथ हस्ताक्षर किए गए मसौदे पर मंगलवार को संसद में उनकी सरकार को हार का सामना करना पड़ा है। यह मसौदा इस आधार को लेकर था जिसके बदौलत 46 साल बाद द्वीप राष्ट्र अपने मुख्य व्यापारिक भागीदार का साथ छोड़ने वाला है।
इस एक बड़े हार के बाद मे को उनकी कंजर्वेटिव पार्टी और विपक्षी लेबर पार्टी दोनों से झटका लग सकता है।इससे ब्रेक्जिट प्रक्रिया में भी देरी देखने को मिल सकता है। टेरीजा मे पर इसे लेकर वोटिंग को टालने और ईयू लिडर्स को मनाने का दबाव बढ़ता जा रहा है।
पर्यावरण सचिव माइकल गोव ने बीबीसी रेडियो को बताया कि वोट टालने से बातचीत पर संदेह की स्थिति बढ़ेगी। उन्होंने कहा कि ब्रेक्जिट पर समझौते से हमारा नुकसान भी हो सकता है।
भले ही यूरोपीय संघ के नेताओं ने ब्रेक्जिट पर कोई बदलाव करने से साफ मना कर दिया है, लेकिन कुछ ईयू अधिकारियों ने ब्रेक्जिट के बाद ब्रिटेन और यूरोपीय संघ के बीच भविष्य में व्यापार संबंधों को लेकर परिवर्तन की संभावना का उल्लेख किया है।
गोव ने साथी सांसदों के अगाह करते हुए कहा कि इस पर वोटिंग न करने से नुकसानदेह परिस्थितियों का सामना करना पड़ सकता है। बैंक ऑफ इंग्लैंड और ट्रेजरी ने भी चेतावनी दी है कि यूरोपीय संघ से बाहर होने के बाद ब्रिटेन को आर्थिक संकट का सामना करना पड़ सकता है।